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Adultery ठरकी दामाद (With Pics)
वो सीधा अपने ससुराल ही गया...क्योंकि जब से प्राची वहां थी वो उससे मिलने के बाद ही अपने घर जाता था.... दरवाजा पूजा ने ही खोला...उसके चेहरे को देखकर ही उसके मन में उठ रही भावनाओ का पता लगाया जा सकता था...एकदम नयी नवेली दुल्हन जैसे शरमा रही थी वो...गुलाबी आँखे और सुर्ख चेहरा लिए जब उसने शर्माकर अपनी नज़रें झुकाई तो अजय का दिल वहीं लुटकर रह गया...वो भी एकदम से एक्साइटिड हो गया...इतना तो वो अपनी शादी के बाद प्राची को देखकर भी नही हुआ था...जितना आज हो रहा था...

अजय ने तुरंत आगे बढ़कर उसे गले से लगा लिया...और एक चुम्मा उसके गालों पर जड़ दिया.

वो तो उसके होंठों को भी चूमना चाहता था पर तभी पीछे से एक तीखी सी आवाज़ आई

''ये क्या हो रहा है...''

अजय की तो गांड फटकर हाथ में आ गयी...उसके दिमाग़ में प्राची का गुस्से से भरा चेहरा उभर आया.

लेकिन जब उसने घूमकर दूसरी तरफ देखा तो वहां रिया खड़ी थी...अपनी कमर पर हाथ रखकर...और अपनी हँसी को बड़ी मुश्किल से कंट्रोल करते हुए वो दोबारा बोली...

''ये क्या हो रहा है....और ये जो हो रहा है, मेरे साथ क्यों नही हो रहा है...''

इतना कहकर वो भागती हुई आई और अजय से लिपट गयी..

अब एक तरफ पूजा थी और दूसरी तरफ रिया...दोनो ने अजय को कस कर पकड़ लिया था...और अपनी-2 नुकीली छातियाँ उसकी पसलियों में गाड़ कर अपने हिस्से का प्यार उसे जता रही थी.

अजय की तो हालत ही खराब हो गयी...ऐसे में अगर प्राची आ गयी तो क्या होगा..उसने मिन्नत करके बड़ी मुश्किल से अपने आप को दोनो के चुंगल से छुड़वाया .

दोनो के चेहरे पर शरारती मुस्कान थी.

अजय : "तुम ना मरवाओगी मुझे एक दिन....''

रिया : "जीजू....इतने बेसब्रे तो आप ही हो रहे थे....जब पता है की रात का पूरा इंतज़ाम कर दिया गया है तो ऐसे चोरों की तरह चूमकर क्या मिलेगा...हे हे...''

वो बड़ी बेबाकी से इतनी बड़ी बात को बोल गयी.....उसे भी शायद रात का इंतजार था...भले ही चूत पूजा की फटने वाली थी लेकिन खुशी उसे भी उतनी ही हो रही थी जितनी पूजा को थी...शायद उसके बाद अपने नंबर के आने का इंतजार था उसे.

अजय कुछ बोलने ही वाला था की अंदर से प्राची की आवाज़ आई : "पूजा ...कौन है बाहर....अजय आएं है क्या...''

पूजा ने मुस्कुराते हुए अजय को देखा और बोली : "जाइए जी....आपकी धरमपत्नी को शायद आपकी खुश्बू आ गयी है...और आपसे तो मैं रात में निपटूंगी ...''

इतना कहते हुए वो अजय को आँख मारती हुई किचन में घुस गयी...

रिया भी अबोध बच्ची की तरह मुस्कुराती हुई अजय की बगल से निकलते हुए अपना मुम्मा एक बार फिर से उसकी बाजू पर घिस गयी...शायद वो भी अपनी उपस्थिती का एहसास करवाना चाहती थी.

अजय ने बेग टेबल पर रखा और प्राची के बेडरूम में आ गया..

और हमेशा की तरह आते ही उसने प्राची के लिप्स पर किस्स करके उसे टाइट वाला हग किया.

और फिर पूरे दिन की बातें एक दूसरे को बताने लगे...इतनी देर मे पूजा चाय बनाकर ले आई...अजय की सास भी दूसरे कमरे से वहीं आकर बैठ गयी...और सभी गप्पे मारने लगे..

बातों -2 में प्राची ने अजय को पूजा की वो बात भी बताई की आज की रात वो अपनी सहेली के घर जा रही है...और जब साथ में रिया को भी भेजने की बात कही तो अजय ने भी उसकी बात का समर्थन किया की अच्छा किया जो उसे भी साथ भेज रही हो...वहां जाकर थोड़ी मस्ती ये भी कर लेगी..

उसकी बात पर प्राची और अजय की सास तो बस मुस्कुरा कर रह गयी पर पूजा और रिया अच्छी तरह से जानती थी की अजय किस तरह की मस्ती की बात कर रहा है....रिया को तो ऐसा लगा की उसका दिल ज़ोर से धड़कते हुए सीने से बाहर ही निकल आएगा...ऐसा रोमांच उसके बदन में दौड़ रहा था की वो बता नही सकती थी.

अजय ने चाय ख़त्म की और अपने घर चल दिया.

रात के डिनर के बारे में पूछने पर अजय ने प्राची को समझा दिया की आज उसका बियर पीने का मन है...इसलिए खाना वो आराम से बाद में खाएगा...प्राची ने बोल दिया की निकलते हुए पूजा या रिया उसे खाना पकड़ाती हुई चली जाएँगी..

अजय ने मन में सोचा की 'पकड़ा कर कहाँ निकलेगी वो ....आना तो मेरे पास ही है उन्हे..'

ये सोचता हुआ वो वहां से निकल आया..

घर पहुँचकर वो पहले तो अच्छी तरह से नहाया ...और फिर पूरे घर और ख़ासकर बेडरूम की हालत ठीक की...एक नयी सी चादर बिछाई...परफ्युम छिड़का...उसका पूरा घर सुगंधित हो उठा...

अभी 8 ही बजे थे...पूजा और रिया को अपने घर से करीब 9 बजे निकलना था...

वो आराम से टीवी चलाकर ,हाथ में बियर लेकर बैठ गया...

आज उसने अंडरवीयर नही पहना हुआ था...सिर्फ़ एक ढीली सी केप्री थी...और उपर टी शर्ट.

हल्का ठंडा माहौल ....ढीले ढाले कपड़े...हाथ में बियर...और होले -2 चड़ता सरूर....ऐसा मज़ा तो आज तक नही आया था उसे..और उपर से रात में मिलने वाले मज़े के बारे में सोचता हुआ वो अपने लंड को मसलने लगा...

ऐसे ही कब 9 बज गये , उसे भी पता नही चला...बियर का तीसरा केन पी रहा था वो जब बाहर की बेल बजी...वो मस्ती में झूमता हुआ सा बाहर आया और उसने दरवाजा खोला.

बाहर रिया खड़ी थी...और उसके हाथ में बड़ा सा टिफिन था...जिसमें प्राची ने उसके लिए डिनर भिजवाया था.

रिया को देखते ही अजय की नीयत खराब हो गयी....और उसने उसका हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया...और दरवाजा बंद कर दिया..

उसने टी शर्ट और लोंग स्कर्ट पहनी हुई थी...

वो हँसती हुई बोली : "अर्रे..जीजू....थोड़ा सब्र कर लो बस....पूजा दीदी नीचे खड़ी है...हम बस आधे घंटे बाद इधर-उधर घूमकर चुपके से आपके पास आ ही जाएँगे....इतने उतावले क्यों हो रहे हो...पूजा दीदी आ तो रही है आपके पास...''

अजय : "पूजा तो जब आएगी, तब आएगी...अभी तो तुम आई हो ना...इसलिए एक क़िस्सी तो बनती ही है...''

रिया तो ऐसे काम से कभी पीछे हटती ही नही थी...वो तुरंत आगे आई और अजय से लिपट गयी..

और धीरे से अपने होंठों को उसके होंठों पर रखती हुई बोली : "बस ...इतनी सी बात....ये लो...पुक्सछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्''

और दोनो एक गहरी सी स्मूच में डूब गये...

अजय जानता था की आज की रात वो सिर्फ़ पूजा के साथ ही कुछ कर पाएगा...इसलिए इस छोटे से हाथ आए मौके को वो इतनी आसानी से हाथ से नही जाने दे सकता था...उसने रिया को किस्स करते-2 उसके नन्हे मुन्ने बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया...

रिया तो एकदम से उत्तेजित होकर हुंकार सी पड़ी....फिर और तेज़ी से उसके होंठों को चूसती हुई फुसफुसाई : "जीजू....आप बहुत गंदे हो....सिर्फ़ पूजा दीदी के बारे में सोचा आपने...मेरा क्या...?''

उसकी चूत में भी अब चुदवाने के कीड़े कुलबुला रहे थे....अजय बोला : "ये एक ऐसा काम है जो जीतने आराम से और मज़े लेकर किया जाए उतना ही अच्छा है....तुम शायद सोच रही हो की आज तो मौका भी है...तुम दोनो को ही एक साथ क्यो नही...पर डार्लिंग...समझा करो...जब तुम्हारा नंबर आएगा ना तो देखना..हमारे बीच भी कोई नही आएगा...जो भी मज़ा मिलेगा सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हे...किसी और को बीच में आने की इजाज़त नही होगी...''

रिया समझ गयी....वैसे भी वो सिर्फ़ ये बात पूछकर अजय से पंगे ही ले रही थी..

अजय के हाथ अब उसकी टी शर्ट के अंदर घुसकर उसकी बूबीयों पर घूम रहे थे...वो बड़े ही प्यार से उन्हे उसकी ब्रा के उपर से ही सहला कर उसकी घुंडियों को दबा रहा था...रिया की आँखे बंद होने लगी...आज उसने जान बूझकर अपनी स्कर्ट के अंदर पेंटी नही पहनी हुई थी...इसलिए उसकी नन्ही सी चूत में से शहद की तरह गाड़ा रस बाहर की तरफ बह निकला...जो उसकी चिकनी जाँघो से होता हुआ नीचे की तरफ रिसने लगा.

अजय का मन तो बहुत कुछ करने का था..लेकिन वो भी जानता था की अभी इससे ज़्यादा कुछ हो ही नही सकता..उसने एक आख़िरी बार रिया के रसीले होंठों को चूसा और उसकी टी शर्ट से हाथ बाहर निकाल कर धीरे से बोला : "अब जाओ तुम... वरना कुछ भी हो सकता है....''

रिया ने भी नशीली आँखो से मुस्कुरा कर अपने जीजू को देखा और उन्हे अपनी तरफ से एक किस्स करके झट से बाहर निकल गयी...अजय उसके हिलते हुए पिछवाड़े को देखकर अपने लंड को मसलता रह गया.
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RE: ठरकी दामाद (With Pics) - by badmaster122 - 21-07-2022, 05:01 PM



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