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Adultery पत्नी, साली और पड़ोसन अदला -बदली
#7
मेरे साढ़े छे इंच के लंड से मैं मेरी सुनीता को बहुत मस्ती से चोदता हूँ और वह भी अपनी पतली कमर और मस्त गांड उठा उठा कर मस्त चुदवाती हैं. उसके ३८ इंच के भरे हुए और कठोर वक्ष सहलाने में, मसलने में और उसके निप्पल चूसने में उसे भी बड़ा मजा आता हैं. इतने बड़े होने के बावजूद भी उसके वक्ष बिलकुल उन्नत रहते है. चुदवाने के समय कभी कभी मैं उसकी गांड की छेद में ऊँगली कर उसे और भी मस्त कर देता हूँ. मगर आज तक मैं उसकी गांड को चोदने में सफल नहीं रहा क्योंकि सुनीता को गांड की चुदाई पसंद नहीं हैं. इसलिए मैंने भी कभी इस मामले में जबरदस्ती नहीं की.

समय के साथ चुदाई में आयी हुई बोरियत को दूर करेने के लिए हमने कालोनी के दुसरे जोडियोंके बारे में सेक्सी बाते करना शुरू कर दिया. कोई एकदम माल लड़की दिखी तो रात को उसके बारे में बाते करते हुए चुदाई होती हैं और कभी कोई बाक़ा जवान मेरी सुनीता रानी को पसंद आया तो वह उसके बारे में गन्दी गन्दी बाते करते हुए मुझसे चुदती हैं.

"वो शाम को पार्क में दिखी नीले टॉप वाली लड़की की चूचियां कितनी मस्त थी न डार्लिंग?"

"हां मेरे राजा, उसके निप्पल चूसने में तुम्हे बड़ा मज़ा आयेगा."

"उसके साथ जो लड़का था वो तुम्हे बहुत अच्छे से चोदेगा सुनीता रानी!"

"आह, एक ही बिस्तर पर चारों चुदेँगे तो क्या मज़ा आएगा, हैं न?"

सिर्फ मैं किसी लड़की के साथ या सिर्फ वो किसी आदमी के साथ चक्कर चलाकर सम्भोग का आनंद नहीं लेना चाहते थे. हम ऐसा शादीशुदा जोड़ा (कपल) खोजने लगे जिनके साथ मौज मस्ती की जाए और बात बन गयी तो आगे चलकर अदलाबदली करते हुए भरपूर चुदाई भी हो जाए. मगर ऐसा कोई जोड़ा हमें पसंद नहीं आ रहा था. हमारे पडोसी तो बिलकुल ही हमारी पसंद के विपरीत थे. उनका तबादला हुआ और वह देहली चले गए. कुछ दिनों तक तो बाजू वाला घर खाली रहा.

रविवार के दिन एक सुबह के समय बड़ी सी ट्रक हमारे बिल्डिंग के सामने आकर खड़ी हो गयी. उसमे से ड्राइवर के साथ एक हसीन २५-२६ वर्षीय युवक बाहर आया. यही हमारे नए पडोसी थे, उसका नाम नीरज था। उसका रंग काफी गोरा था, चौड़ा सीना और लगभग छे फ़ीट की ऊंचाई होगी. उसने बताया की उसकी पत्नी निकिता अपने मइके गयी थी और कुछ दिनोंके बाद आने वाली थी. उनका फर्नीचर बहुत ज्यादा था. मैंने उससे बातचीत की और फिर सामान लगवाने के लिए मजदूरोंका बंदोबस्त किया. तबतक सुनीता ने बढ़िया सा खाना बनाया और हम तीनों ने साथ मिलकर भोजन किया. वह बड़ा ही मिलनसार और अच्छे स्वभाव का लग रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पत्नी, साली और पड़ोसन अदला -बदली - by neerathemall - 21-07-2022, 04:59 PM



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