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Adultery ठरकी दामाद (With Pics)
अजय उसे कल रात की टचिंग और वो छोटा सा चुंबन याद दिला रहा था...और शायद रचना को उसकी बात समझ आ गयी..क्योंकि अजय की बात सुनकर उसने शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली..और कुछ बोली नही..

अजय : "अब अगर तुम सही ढंग से थेंक्स बोलना ही चाहती हो तो मुझे कोई प्राब्लम नही है...पर यहाँ ऑफीस में थोड़ा अजीब लगेगा...है ना...''

रचना ने अपनी चंचल आँखे उपर उठाई और बोली : "सर आप देखने में इतने शरारती नही हो....जितने असल मे हो...''

अजय भी जवाब मे धीरे से मुस्कुरा दिया : "आई नो....मेरे सभी दोस्त भी यही बोलते है....और वैसे भी तुमने मेरी असली वाली शरारते अभी देखी कहाँ है...उन्हे देखकर शायद तुम मुझसे डरकर भागने लगो....''

रचना भी उसके रंग में रंगकर उसका साथ देने लगी, और बोली : "डरना तो मैने आज तक किसी से सीखा ही नही...और वैसे भी शरारतें हमेशा मस्ती भरी होती है, जिसमें किसी का भी नुकसान नही होता बल्कि मज़ा ही आता है...''

अजय (उसके बूब्स को घूरते हुए) : "लगता है तुम इस तरह के काफ़ी मज़े ले चुकी हो...''

रचना : "लिए तो नही है...पर अब मन करने लगा है....कल रात से...''

दोनो एक दूसरे की आँखो में आँखे डाल कर ऐसे बाते कर रहे थे जैसे ऑफीस में नही बल्कि किसी लवर पॉइंट पर बैठे हो....अजय ने हाथ आगे करते हुए अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया तो वो काँप सी गयी...अजय उसके शरीर को छूकर देखना चाह रहा था की वो क्या फील करती है...और जैसा उसने सोचा था ठीक वैसा ही हुआ...उसके रोँये तक खड़े हो गये...जिन्हे अजय सॉफ-2 देख पा रा था...और शायद अंदर के रोँये भी खड़े हो चुके थे उसके...जिन्हे वो बस महसूस कर पाया...देख नही पाया..

अजय : "मेरे साथ फ्रेंडशिप करोगी तो ऐसे बहुत से एक्सपीरियेन्स करवा दूँगा जिन्हे तुम आज तक बस सोच ही सकी हो....''

रचना ने कुछ नही कहा ...बस अपना दोस्ती भरा हाथ आगे करके मुस्कुरा दी..

उसके नर्म हाथ को सहलाते हुए अजय को अब सिर्फ़ एक ही फ़िक्र सता रही थी की ऐसी उम्र में वो कहीं उसके सच्चे प्यार के चक्कर में ना पड़ जाए...क्योंकि वो अच्छी तरह से जानता था की अगर वो उसके साथ मज़े लेने पर आया तो बात काफ़ी आगे तक बड़ जाएगी...और ऐसे में कही वो उसके साथ शादी के सपने ना देखने लग जाए...वैसे तो उसमे कोई बुराई नही थी...देखने में काफ़ी सेक्सी थी..बल्कि प्राची से भी ज़्यादा अच्छी लग रही थी वो उसे...लेकिन शादी तो वो ऑलरेडी कर ही चुका था...और ऑफीस में भी सभी को पता था की वो शादी शुदा है...ऐसे में अगर बीच में जाकर रचना को उसके शादीशुदा होने के बारे में पता चल गया तो उसका खेल तो अधूरा ही रह जाएगा...और उसकी नजरों में वो झूठा कहलायेगा सो अलग , वैसे भी अभी तक दोनो के बीच ऐसी कोई भी बात नही हुई थी जिसमे अजय ने खुद को शादीशुदा बताया हो....और जिस तरह से वो उसके साथ बिहेव कर रही थी, साफ़ पता चल रहा था की वो उसकी तरफ बुरी तरह से अट्रैक्टेड है , उसकी नज़रों में प्यार की झलक साफ़ देखी जा सकती थी.

इसलिए अजय ने सीधा और सच्चा रास्ता ही अपनाना सही समझा...और बोला : "लेकिन इस दोस्ती से पहले मैं तुम्हे एक बात क्लियर करना चाहता हू...''

रचना : "यही ना की तुम शादीशुदा हो....''

उसकी ये बात सुनते ही अजय की आँखे फैल गयी....उसे तो पहले से ही पता था..

अजय : "यानी...तुम्हे पता था की मैं ....''

रचना : "यस मिसटर अजय.....मुझे तो ऑफीस ज्वाइन करने के 5 दिन बाद ही पता चल गया था की आप शादीशुदा हो...मैने अपने डिपार्टमेंट में काम करने वाली रोज़ी से पता करवा लिया था...''

अजय : "ओहो......''

और फिर कुछ देर चुप रहकर वो एकदम से बोला : "लेकिन तुमने रोज़ी से स्पेशली ये क्यो पूछा....यानी तुम...शुरू से ही....मुझे....''

वो जान बूझकर पूरी बात नही बोल रहा था...और रचना के चेहरे का एक्सप्रेशन देख रहा था..

रचना शर्मा सी गयी...जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो....वो धीरे से बोली : "अब पूरे ऑफीस में सिर्फ़ आप ही इतने हेंडसोमे हो...मेरी टक्कर के....इसलिए....''

इतना कहकर वो मुस्कुरा दी...अजय के साथ साथ उसने बड़ी चालाकी से अपनी भी तारीफ कर ली थी

वैसे सही कहा था उसने....उसके पूरे ऑफीस में ना तो कोई ढंग की लड़की थी और ना ही उसके जैसा स्मार्ट लड़का...रचना के आने के बाद ऑफीस में रोनक सी आ गयी थी...हर कोई उसे घूरकर देखता रहता था...पर लड़कियो को भी हर किसी की नज़रें पसंद नही आती...उन्हे भी स्मार्ट और गुड लुकिंग मर्द पसंद आते है..और ऑफीस में ऐसा मर्द सिर्फ़ अजय ही है..और शायद इसलिए उसने अजय के बारे में ये सब जानकारी निकलवाई होगी...

पर उसकी बातों से ऐसा लग नही रहा था की अजय के शादीशुदा होने से उसे कोई आपत्ति है..

फिर भी अजय ने कन्फर्म करने के लिए पूछ ही लिया

अजय : "यानी...तुम्हे हमारी इस दोस्ती के बीच मेरी शादी कोई रुकावट नही लग रही ....''

रचना : "नही...बिल्कुल नही....इनफॅक्ट मुझे तो ये फ्रेंडशिप ऐसे लग रही है जैसे फ्रेंड्स विद् बेनेफिट...''

अजय भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया...

सही कहा था उसने, दोनों को ही इस फ्रेंडशिप से अपने-२ हिस्से के बेनिफिट चाहिए थे, अजय को कुंवारी चूत और रचना को पहली चुदाई का एहसास

यानी लोंड़िया पूरी तरह से हर तरह का एक्सपीरियेन्स लेने के लिए तैयार थी...लेकिन वो ऐसा किस हद तक करना चाहती है..और क्यों करना चाहती है...ये सब पूछने के लिए अजय ने शाम का इंतजार करना उचित समझा...उसे वापिस घर ड्रॉप करते हुए वो बाकी की बातें क्लियर कर लेना चाहता था..

अजय ने उसे शाम को ड्रॉप करने की बात कही जो उसने मुस्कुराते हुए मान ली...और ये भी कहा की और भी बहुत सी बाते है जो घर जाते हुए करनी है...अभी ऑफीस का काम कर लेते है..

उसने अजय की बात मान ली और उसे बाय बोलकर अपनी डेस्क पर चली गयी....

अजय का सीना और लॅंड दोनो फूल कर कुप्पा हो गये...एक और लड़की की चूत की खुश्बू उसे आ चुकी थी अब...
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RE: ठरकी दामाद (With Pics) - by badmaster122 - 21-07-2022, 04:22 PM



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