20-07-2022, 03:44 PM
(This post was last modified: 11-08-2022, 02:08 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि “शैतान चलो भागो यहाँ से, तुम ने ये क्या कर डाला। अगर कुछ हो गया तो क्या होगा।“
उसने कहा कि “नहीं ऐसे नहीं होगा, तुम फ़िक्र ना करो।“ और वो अपने कपड़े पहन के नीचे सोने चला गया।
मैं सुबह देर तक सोती रही। नीचे से मम्मी आवाज़ें देती रही लेकिन मैं तो गहरी नींद सो रही थी तो मम्मी ने सुहैल से कहा कि जा “बेटा ज़रा देख तो सही कि ये स्मायरा की बच्ची अभी तक सोयी पड़ी है। कॉलेज भी जाना है उसने।“
सुहैल ऊपर आया और मुझे जगाया। मैं जब जागी और अपने बेड से उठी तो देखा कि वो तो ब्लड से भरी पड़ी है। मैं तो एक दम से डर ही गयी पर सुहैल ने कहा कि “डरने की कोई बात नहीं है, ये तुम्हारी हायमन थी जिसे झिल्ली भी कहते हैं, वो फट गयी और तुम्हारी चूत कि सील टूट गयी है। ये झिल्ली तो हर कुंवारी लड़की को होती है और पहली चुदाई में टूट जाती है और ये नॉर्मल है”, तो मैंने इतमिनान की साँस ली और बेडशीट को लपेट के वाशिंग मसीन में धोने के लिये डाल दिया और मैं जब नहा धो के नीचे उतर रही थी तो मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। मम्मी ने पूछा कि क्या हुआ, “ऐसे क्यों चल रही है, तेरी तबियत तो ठीक है ना?” तो मैंने कहा “पता नहीं मम्मी! क्या हुआ!”
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उसने कहा कि “नहीं ऐसे नहीं होगा, तुम फ़िक्र ना करो।“ और वो अपने कपड़े पहन के नीचे सोने चला गया।
मैं सुबह देर तक सोती रही। नीचे से मम्मी आवाज़ें देती रही लेकिन मैं तो गहरी नींद सो रही थी तो मम्मी ने सुहैल से कहा कि जा “बेटा ज़रा देख तो सही कि ये स्मायरा की बच्ची अभी तक सोयी पड़ी है। कॉलेज भी जाना है उसने।“
सुहैल ऊपर आया और मुझे जगाया। मैं जब जागी और अपने बेड से उठी तो देखा कि वो तो ब्लड से भरी पड़ी है। मैं तो एक दम से डर ही गयी पर सुहैल ने कहा कि “डरने की कोई बात नहीं है, ये तुम्हारी हायमन थी जिसे झिल्ली भी कहते हैं, वो फट गयी और तुम्हारी चूत कि सील टूट गयी है। ये झिल्ली तो हर कुंवारी लड़की को होती है और पहली चुदाई में टूट जाती है और ये नॉर्मल है”, तो मैंने इतमिनान की साँस ली और बेडशीट को लपेट के वाशिंग मसीन में धोने के लिये डाल दिया और मैं जब नहा धो के नीचे उतर रही थी तो मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। मम्मी ने पूछा कि क्या हुआ, “ऐसे क्यों चल रही है, तेरी तबियत तो ठीक है ना?” तो मैंने कहा “पता नहीं मम्मी! क्या हुआ!”
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.