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समलैंगिक डॉ राखी का खौफनाक कदम
#9
दिन के साढ़े 10 बजे के करीब कंचन राखी के पास आ गई थी. उस के आते ही राखी उस के गले लग गई. बोलने लगी. ‘‘चलो, मेरे कमरे में. घर में कोई नहीं है. हफ्तों हो गए तुम्हारे साथ एकांत में समय बिताए. तुम से बहुत बातें करनी हैं. कल तुम ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया था, वह भी तो जानना है कि आखिर तुम चाहती क्या हो?’’

‘‘लगता है, तुम आज भी मुझ से नाराज हो,’’ कंचन को न जाने क्यों
लगा कि राखी ने उसे किसी बहाने से बुलाया है.
‘‘नहीं कंचन, तुम्हारी जैसी मेरी कोई सहेली न पहले थी और न हो पाएगी. मैं भला तुम से क्यों नाराज रहने लगी. बस, एक ही बात मन में खटकती रहती है…’’
राखी की बात पूरी करने से पहले ही कंचन बोल पड़ी, ‘‘कौन सी बात?’’
‘‘वही जो तुम ने मेरे होने वाले ससुराल वालों से कही है,’’ राखी शिकायती लहजे में बोली.
‘‘तुम ने मेरी बात का गलत मतलब लगा लिया है. मैं ने तो उन्हें सिर्फ इतना कहा कि मेरी सहेली की नाक पर गुस्सा बैठा रहता है, लेकिन तुरंत वह कहां गायब हो जाता है उसे भी नहीं मालूम पड़ता. वह बहुत ही अच्छे दिल की लड़की है,’’ कंचन ने सफाई दी.
‘‘तुम्हारी इसी बात के कारण ही अब वे हम से रिश्ता नहीं करना चाहते,’’ राखी बोली.
‘‘अब देखो राखी, इस में मेरा क्या कसूर है, जो उन्होंने मेरी बात का गलत मतलब निकाल लिया. चलो, आज ही उस लड़के से मिल कर बात करती हूं. तुम भी साथ रहना.’’
‘‘और तुम ने लड़के को जो वीडियो दिखाया था, उस का क्या?’’
‘‘वीडियो? कैसा वीडियो?’’ कंचन चौंकती हुई बोली.
‘‘आयहाय! इतनी भोली मत बनो,’’ राखी बोली.
‘‘देखो, तुम मुझे गलत समझ रही हो. मैं किसी वीडियो के बारे में नहीं जानती,’’ कंचन बोली.
‘‘यह देखो, वह वीडियो तुम ने जिसे भेजा, उसी ने मुझे भेज कर शादी भी तोड़ दी,’’ राखी बोली और अपने मोबाइल में एक वीडियो प्ले कर कंचन की आंखों के सामने कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: समलैंगिक डॉ राखी का खौफनाक कदम - by neerathemall - 20-07-2022, 11:53 AM



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