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Non-erotic 'मेरे रंग का मजाक उड़ाती थीं...आंटिया',
#7
जब मेरी शादी की बात चलने लगी, तो आस-पड़ोस की आंटियां मेरे रंग को लेकर बहुत गपशप करती थीं। वह अक्सर कहती रहती थीं कि ये तो सांवली है, इसकी शादी कैसे होगी। इस तरह के ताने सुनकर मैं बहुत रोती थी। लेकिन अब वो आंटियां खुद एक जोक बनकर रह गई हैं।

मुझे उनकी बातें सोचकर अब हंसी आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं अपने जीवनसाथी के साथ बहुत ज्यादा खुश हूं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: 'मेरे रंग का मजाक उड़ाती थीं...आंटिया', - by neerathemall - 20-07-2022, 11:23 AM



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