17-07-2022, 03:34 PM
अपने माँ - बाप के होते हुए उसके ऑफीस का सीनियर रचना को टच कर रहा था...ये बात उसे अंदर तक उत्साहित कर रही थी...अजय की डेयरिंग देखकर उसे भी मज़ा आ रहा था...मज़ा तो उसे वैसे ही आ रहा था क्योंकि ये उसकी जिंदगी का पहला पुरुष स्पर्श था जो उसे मिल रहा था...आज से पहले वो हमेशा लड़को से दूर ही रहा करती थी...एमबीए करने के बाद उसने जब से कंपनी ज्वाइन की थी तब से ही उसे अजय जैसे ठरकी लोगो की भूखी नज़रों का सामना करना पड़ रहा था..लेकिन जैसी वो हमेशा से रहती आई थी वैसी ही वो ऑफिस में भी थी, अभी तक वो किसी को लाइन नही देती थी...लेकिन अभी की सिचुएशन के हिसाब से उसे ये सब अंदर तक एक्साइट कर रहा था...
और दूसरी तरफ एक और कुँवारी लड़की को अपनी तरफ आकर्षित और अपने जाल में फँसता देखकर अजय का पप्पू पूरी तरह से जाग उठा...आज जितनी मेहनत उसने आज तक नही की थी...उसके बावजूद एक नये मेहमान को देखकर वो फिर से मुस्तैद हो उठा...अजय को अपने लंड की यही बात सबसे ज़्यादा अच्छी लगती थी..
रचना के माँ-बाप आपस में बात करते रहे और अजय के हाथ उनकी बेटी की जाँघ सहलाते रहे..अभी उनका घर आने मे थोड़ा टाइम था...और वैसे भी अजय इस वक़्त गाड़ी काफ़ी आराम से चला रहा था..ताकि ज़्यादा से ज़्यादा देर तक रचना की रान को सहला सके..रचना भी अब अपने चेहरे पर हाथ रखकर अपनी इस अंजान खुशी को छुपाने की असफल कोशिश कर रही थी...उसे तो काफ़ी मज़ा मिल रहा था इसमे इसलिए वो अपने गुलाबी हो रहे चेहरे को दूसरी तरफ करके उसकी रंगत छुपा रही थी..
अजय ने थोड़ा और हिम्मत की और अपना हाथ उसकी स्कर्ट के थोड़ा और अंदर खिसका दिया...लेकिन इस बार रचना ने उसके हाथ को पकड़कर बाहर की तरफ झटक दिया..अजय को लगा की ये तो बुरा मान गयी..शायद उसे ये जल्दबाज़ी नही करनी चाहिए थी...लेकिन जब उसने रचना से नज़र मिलाई तो उसने पीछे बैठे माँ बाप की तरफ इशारा किया...शायद उसने उनके डर से वो किया था...अजय भी समझ गया की चाहे गाड़ी में जितना भी अंधेरा हो,अगर उसकी माँ या बाप ने तोड़ा आगे झुककर देख लिया तो उन्हे अजय के हाथो की हरकत ज़रूर दिख जाती और शायद रचना ये रिस्क नही लेना चाहती थी..इसलिए अजय ने भी अपने आप को संभाला और फिर से अपने हाथ को उसकी तरफ नही किया..
कुछ ही देर में उनका इलाका आ गया...और रचना के कहने पर अजय ने एक कॉलोनी में जाकर उनके घर के बाहर कार रोक दी...उसका घर सच में अजय के घर के काफ़ी करीब था..सिर्फ़ 5 मिनट की दूरी पर...इसलिए उस दिन वो अजय के साथ ऑफिस से एकसाथ वापिस आने की बात कर रही थी..
खेर, वो सब गाड़ी से उतरे और रचना के माँ-बाप ने अजय को तहे दिल से धन्यवाद दिया और दरवाजा खोलकर अंदर चल दिए...रचना ने उन्हे अंदर जाने को कहा और ये भी की वो अजय सर को धन्यवाद देकर आती है..
गली में घुपप अंधेरा था...रचना अजय के करीब आई और बड़े ही सेक्सी अंदाज में उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया और अजय को थेंक्स बोला...अजय ने उसके हाथ को पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और वो एकदम से अजय के काफ़ी करीब आ गयी...इतने करीब की उसके बूब्स अजय के सीने से टच करने लगे , अजय ने नजरे झुकाकर उसके कट को देखा ...
रचना फुसफुसाई : "सर ...आप तो बड़े शरारती है...''
अजय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर अपनी तरफ खींचा और बोला : "अभी मेरी शरारत तुमने देखी ही कहा है...कल से मेरे साथ वापिस आना...तब देखना मेरी शरारते...''
और इतना कहकर उसने बिना किसी वॉर्निंग के उसे गले से लगा लिया...और उसके गालों पर एक किस्स करते हुए गुडनाइट बोला और पलटकर कार में बैठ गया...ये सब इतनी जल्दी हुआ की रचना का मुँह खुला का खुला रह गया...ऑफीस में एकदम जेंटेलमेन जैसा दिखने वाला अजय इतना शरारती भी हो सकता है शायद यही सोचने की कोशिश कर रही थी वो...
फिर वो उसे बाइ बोलकर वापिस अपने घर आ गया...
बेड पर लेटते हुए उसके दिमाग़ में पूरे दिन की फिल्म चल रही थी...एक साथ कितनी चूतें मिल गयी थी उसे....और उनमे से अभी तक उसने सोनी , अंजलि भाभी और प्राची की मुंबई वाली चाची को तो निपटा ही दिया था...अपनी दोनो सालियो के बाद आज एक और कुँवारी लड़की का नाम जुड़ चुका था उसकी अपकमिंग फकिंग टीम में ...और उनके बारे में सोचते-2 उसे कब नींद आ गयी उसे भी पता नही चला...
उसकी नींद जब खुली तो उसे अपनी लाइफ का सबसे बड़ा सरप्राइज मिला...उसकी साली पूजा उसकी बाहो में उसके साथ सो रही थी...
उसने एक पतली सी टी शर्ट और शॉर्ट्स पहनी हुई थी...यानी वो अपनी नाइट ड्रेस में ही थी...
लेकिन ये उसके कमरे में आई कब...रात को 3 बजे तक तो वो जाग ही रहा था...घर आने के बाद उसने अपने कपड़े उतारे और नंगा ही अपने बिस्तर में घुस कर सो गया..जो उसकी आदत थी..लाख कोशिश करने के बाद भी उसे याद नही आ रहा था की उसने घर आकर बाहर का दरवाजा बंद किया था या नही..
शायद वो खुला ही रह गया था...इसलिए पूजा वहां पहुँच गयी थी..
और जिस तरीके से वो उसके जिस्म से लिपट कर सो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वो नही बल्कि उसकी बीबी प्राची है..वो भी अक्सर ऐसे ही उससे लिपट कर सोती थी...
अजय ने उसके भोले से चेहरे की तरफ देखा तो उसे ये एहसास हुआ की वो सिर्फ़ सोने का नाटक कर रही है...उसकी आँके अधखुली सी थी...और उसके होंठ कुछ कहने के लिए फ़डफ़डा से रहे थे...
अजय : "तो तुम जाग रही हो...''
इतना सुनकर पूजा ने उसे और ज़ोर से पकड़ लिया और बोली : "उम्म्म्मममम.....जाग तो रही हूँ पर ऐसे ही आपकी बाहों में हमेशा के लिए सो जाना चाहती हूँ ''
और दूसरी तरफ एक और कुँवारी लड़की को अपनी तरफ आकर्षित और अपने जाल में फँसता देखकर अजय का पप्पू पूरी तरह से जाग उठा...आज जितनी मेहनत उसने आज तक नही की थी...उसके बावजूद एक नये मेहमान को देखकर वो फिर से मुस्तैद हो उठा...अजय को अपने लंड की यही बात सबसे ज़्यादा अच्छी लगती थी..
रचना के माँ-बाप आपस में बात करते रहे और अजय के हाथ उनकी बेटी की जाँघ सहलाते रहे..अभी उनका घर आने मे थोड़ा टाइम था...और वैसे भी अजय इस वक़्त गाड़ी काफ़ी आराम से चला रहा था..ताकि ज़्यादा से ज़्यादा देर तक रचना की रान को सहला सके..रचना भी अब अपने चेहरे पर हाथ रखकर अपनी इस अंजान खुशी को छुपाने की असफल कोशिश कर रही थी...उसे तो काफ़ी मज़ा मिल रहा था इसमे इसलिए वो अपने गुलाबी हो रहे चेहरे को दूसरी तरफ करके उसकी रंगत छुपा रही थी..
अजय ने थोड़ा और हिम्मत की और अपना हाथ उसकी स्कर्ट के थोड़ा और अंदर खिसका दिया...लेकिन इस बार रचना ने उसके हाथ को पकड़कर बाहर की तरफ झटक दिया..अजय को लगा की ये तो बुरा मान गयी..शायद उसे ये जल्दबाज़ी नही करनी चाहिए थी...लेकिन जब उसने रचना से नज़र मिलाई तो उसने पीछे बैठे माँ बाप की तरफ इशारा किया...शायद उसने उनके डर से वो किया था...अजय भी समझ गया की चाहे गाड़ी में जितना भी अंधेरा हो,अगर उसकी माँ या बाप ने तोड़ा आगे झुककर देख लिया तो उन्हे अजय के हाथो की हरकत ज़रूर दिख जाती और शायद रचना ये रिस्क नही लेना चाहती थी..इसलिए अजय ने भी अपने आप को संभाला और फिर से अपने हाथ को उसकी तरफ नही किया..
कुछ ही देर में उनका इलाका आ गया...और रचना के कहने पर अजय ने एक कॉलोनी में जाकर उनके घर के बाहर कार रोक दी...उसका घर सच में अजय के घर के काफ़ी करीब था..सिर्फ़ 5 मिनट की दूरी पर...इसलिए उस दिन वो अजय के साथ ऑफिस से एकसाथ वापिस आने की बात कर रही थी..
खेर, वो सब गाड़ी से उतरे और रचना के माँ-बाप ने अजय को तहे दिल से धन्यवाद दिया और दरवाजा खोलकर अंदर चल दिए...रचना ने उन्हे अंदर जाने को कहा और ये भी की वो अजय सर को धन्यवाद देकर आती है..
गली में घुपप अंधेरा था...रचना अजय के करीब आई और बड़े ही सेक्सी अंदाज में उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया और अजय को थेंक्स बोला...अजय ने उसके हाथ को पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और वो एकदम से अजय के काफ़ी करीब आ गयी...इतने करीब की उसके बूब्स अजय के सीने से टच करने लगे , अजय ने नजरे झुकाकर उसके कट को देखा ...
रचना फुसफुसाई : "सर ...आप तो बड़े शरारती है...''
अजय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर अपनी तरफ खींचा और बोला : "अभी मेरी शरारत तुमने देखी ही कहा है...कल से मेरे साथ वापिस आना...तब देखना मेरी शरारते...''
और इतना कहकर उसने बिना किसी वॉर्निंग के उसे गले से लगा लिया...और उसके गालों पर एक किस्स करते हुए गुडनाइट बोला और पलटकर कार में बैठ गया...ये सब इतनी जल्दी हुआ की रचना का मुँह खुला का खुला रह गया...ऑफीस में एकदम जेंटेलमेन जैसा दिखने वाला अजय इतना शरारती भी हो सकता है शायद यही सोचने की कोशिश कर रही थी वो...
फिर वो उसे बाइ बोलकर वापिस अपने घर आ गया...
बेड पर लेटते हुए उसके दिमाग़ में पूरे दिन की फिल्म चल रही थी...एक साथ कितनी चूतें मिल गयी थी उसे....और उनमे से अभी तक उसने सोनी , अंजलि भाभी और प्राची की मुंबई वाली चाची को तो निपटा ही दिया था...अपनी दोनो सालियो के बाद आज एक और कुँवारी लड़की का नाम जुड़ चुका था उसकी अपकमिंग फकिंग टीम में ...और उनके बारे में सोचते-2 उसे कब नींद आ गयी उसे भी पता नही चला...
उसकी नींद जब खुली तो उसे अपनी लाइफ का सबसे बड़ा सरप्राइज मिला...उसकी साली पूजा उसकी बाहो में उसके साथ सो रही थी...
उसने एक पतली सी टी शर्ट और शॉर्ट्स पहनी हुई थी...यानी वो अपनी नाइट ड्रेस में ही थी...
लेकिन ये उसके कमरे में आई कब...रात को 3 बजे तक तो वो जाग ही रहा था...घर आने के बाद उसने अपने कपड़े उतारे और नंगा ही अपने बिस्तर में घुस कर सो गया..जो उसकी आदत थी..लाख कोशिश करने के बाद भी उसे याद नही आ रहा था की उसने घर आकर बाहर का दरवाजा बंद किया था या नही..
शायद वो खुला ही रह गया था...इसलिए पूजा वहां पहुँच गयी थी..
और जिस तरीके से वो उसके जिस्म से लिपट कर सो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वो नही बल्कि उसकी बीबी प्राची है..वो भी अक्सर ऐसे ही उससे लिपट कर सोती थी...
अजय ने उसके भोले से चेहरे की तरफ देखा तो उसे ये एहसास हुआ की वो सिर्फ़ सोने का नाटक कर रही है...उसकी आँके अधखुली सी थी...और उसके होंठ कुछ कहने के लिए फ़डफ़डा से रहे थे...
अजय : "तो तुम जाग रही हो...''
इतना सुनकर पूजा ने उसे और ज़ोर से पकड़ लिया और बोली : "उम्म्म्मममम.....जाग तो रही हूँ पर ऐसे ही आपकी बाहों में हमेशा के लिए सो जाना चाहती हूँ ''