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Adultery ठरकी दामाद (With Pics)
अपनी ठरक को ऐसे अंजाम तक पहुँचाकर अजय बड़ी ही मस्ती में गाड़ी चला रहा था..

वो अभी कुछ ही दूर गया था की उसे सड़क किनारे एक गाड़ी दिखाई दी..शायद खराब हो गयी थी..और उसके बाहर खड़ी एक फैमिली भी, जो अपना हाथ हिला कर उसकी कार को रुकने का इशारा कर रही थी..एक अंकल और आंटी के साथ एक जवान लड़की भी थी..

पहले तो उसने सोचा की इस तरह से गाड़ी रोकना ख़तरनाक हो सकता है...क्या पता ये कोई लूटपाट करने वाला गिरोह हो..लेकिन उनकी बगल से गुज़रते हुए जब उसकी नज़र उस लड़की पर पड़ी तो उसने तुरंत ब्रेक मार दी...ये तो रचना थी..जिसने कुछ दिन पहले ही उसके ऑफीस में जॉईन किया था.

उसकी कार को रुकता देखकर उन सभी के चेहरे पर खुशी आ गयी ...अजय भी तुरंत गाड़ी से बाहर निकल कर उनकी तरफ बड़ा...और जब अजय और रचना की नज़रें एक दूसरे से टकराई तो अजय ने अंजान सा बनते हुए कहा : "अरे ...रचना तुम...और यहाँ...''

रचना भी अजय को उस कार में से निकलता देखकर सर्प्राइज़ हो गयी...वो बोली : "ओह्ह्ह ....थॅंक गॉड ...अजय सर ...आपने कार रोक ली इस वक़्त...वरना पिछले आधे घंटे से हम लोग इतने परेशान हो रहे है...''

और फिर वो अपने हैरान-परेशान माँ - बाप की तरफ पलटी और बोली : "पापा...ये अजय सर है...मेरे ऑफीस में ही है...और ये हमारे घर की तरफ ही रहते है...''

अपनी बेटी की बात सुनकर उसके पापा बोले : "ओह.....ये तो बहुत अच्छी बात है....अजय बेटा...प्लीज़ अगर तुम हमे घर तक ड्रॉप कर सको तो...हम एक शादी से वापिस आ रहे थे और ये कार यहाँ खराब हो गयी...''

अजय ने नोट किया की सभी ने शादी मे पहनने लायक कपड़े पहने हुए थे...लेकिन उसकी नज़र तो रचना पर ही थी...जो लोंग कट वाली स्कर्ट में बला की खूबसूरत लग रही थी...उसकी लोंग स्कर्ट में दोनो तरफ एक कट था जो उसके घुटनो तक जा कर उसकी मांसल टाँगो को उजागर कर रहा था..
[Image: 36031628_001_d37b.jpg]


अजय ने भी नही सोचा था की इतनी रात को उसे रचना इस तरह रास्ते में मदद माँगते हुए मिल जाएगी...उसने तुरंत सभी को कार में बिठाया और उनके घर की तरफ चल दिया.

उसके मम्मी-पापा पिछली और रचना आगे वाली सीट पर आकर बैठ गयी...रचना की आँखो में अजय के लिए कुछ अलग ही तरह के भाव नज़र आ रहे थे..

जब कार आगे बड़ी तो रचना शुरू हो गयी : "सर ..आप इतनी रात को कहाँ से आ रहे है...''

अजय : "वो मेरा एक फ्रेंड हॉस्पिटल में एडमिट है...उसी को देखने गया था...''

रचना : "इतनी रात को...कुछ ज़्यादा लेट नही है ये...''

अजय (मुस्कुराते हुए) : "दरअसल शाम को मैं कहीं और गया था, और वहां से निकलते - 2 लेट हो गया..और वैसे भी अगर मैं पहले हॉस्पिटल चला गया होता तो तुम्हे कैसे मिलता''

अजय ने उसकी शराबी आँखो में देखते हुए कहा...

रचना ने मुस्कुराते हुए अपनी नज़रे झुका ली...ये कुँवारी लड़कियो की आँखो में किस तरह का नशा भरा होता है...इनमे देखकर इतना आनंद या ये कहलो उत्तेजना का एहसास क्यों होता है....यही सोचता हुआ अजय गाड़ी चलाने लगा..

अजय की नज़र रचना की टाँगो पर गयी....उसकी ड्रेस में लगे कट की वजह से उसकी टाँग लगभग नंगी होकर उसे दिख रही थी...अजय के सोए हुए लंड ने एक अंगड़ाई सी ली उसे देखकर...अजय ने कुछ देर तक सोचा और फिर उसने जान बूझकर अपना हाथ गियर से फिसला कर उसकी नंगी टाँग पर रख दिया...रचना एकदम से चोंक गयी...और अजय की तरफ देखने लगी...अजय ने धीरे से सॉरी बोलकर अपना हाथ वापिस खींच लिया और गियर पर रख लिया..रचना की नज़र अपने माँ - बाप पर गयी जो बड़े आराम से पीछे बैठकर आपस में कुछ बाते कर रहे थे..उन्हे अपने मे लगा देखकर वो थोड़ा निश्चिंत हुई ...लेकिन अजय की हरकत के लिए उसने कोई ऑब्जेक्ट नही किया...और इससे अजय की हिम्मत और भी बड़ गयी...

थोड़ा आगे चलने के बाद अजय का हाथ फिसल कर फिर से उसकी टाँग पर चला गया...और इस बार तो उसने अपनी उंगलियो से उसकी जाँघ को सहला भी दिया...एकदम कड़क स्किन थी उसकी...चिकनी...अनछुई सी...सफेद माँस वाली....

और उसके सहलाने का अंदाज इस बात की गवाही दे रहा था की वो ये सब जान बूझकर ही कर रहा है...
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RE: ठरकी दामाद (With Pics) - by badmaster122 - 17-07-2022, 03:32 PM



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