17-07-2022, 03:28 PM
अनिल का तो बुरा हाल था...उसने तो शायद सोचा भी नही था की ऐसे आधी रात के समय उसे बिन माँगे चुदाई करने को मिल जाएगी...वो अंजलि के नंगे बदन को खींच-2 कर अपने उपर लाने की कोशिश कर रहा था ताकि जल्द से जल्द उसकी चूत में लंड पेलकर उसे चोद सके...पर अंजलि के दिमाग़ में तो कुछ और ही चल रहा था...वो अपना मुँह उसके लंड से हटा ही नही रही थी... और आख़िर वही हुआ जो अंजलि चाहती थी...अनिल के लंड ने उसका साथ छोड़ दिया और वो भरभराकर झड़ गया...
अंजलि ने उसके लंड से निकले गाड़े रस को अपने मुम्मे के ऊपर निशाना लगाकर उसपर सफ़ेद बारिश करवा ली, ये उसका फेवरेट था, गर्म रस का एहसास उसे अपने बूब्स पर बहुत अच्छा लगता था
ये शायद पहली बार था अनिल के लिए भी की अंजलि ने बिना चूत में लंड लिए उसे तृप्त कर दिया था...वो अनिल का लंड अपनी चूत में खुद को मज़े देने के लिए लेती थी, पर इस वक़्त तो वो अनिल को फारिग करके उसे वापिस सुलाना चाहती थी ताकि वो अजय से मज़े ले सके..
अनिल के लंड को अच्छी तरह से सॉफ करके उसे फिर से अंडरवीयर पहना दिया अंजलि ने..और उसके कंधे पर सिर रखकर अपना नंगा जिस्म उससे चिपका कर सो गयी..
अनिल ने भी ज़्यादा सवाल करने की जहमत नही उठाई की वो क्यो बिना चुदे सो रही है ऐसे...एक तो दारू का नशा और उपर से ये क़्विक लंड चुसाई, इसके बाद तो अनिल नींद के सागर में डूबता चला गया..
सिर्फ़ एक मिनट मे ही अनिल के खर्राटे फिर से गूंजने लगे कमरे में ...और उन्हे सुनकर अजय बड़े आराम से वापिस उपर उठा अंजलि को देखने लगा जो अपने नंगे बदन को अपने पति से छुड़वाने का प्रयत्न कर रही थी और वो भी बड़े आराम से ताकि उसकी नींद फिर से ना खुल जाए..
अजय को देखकर वो मुस्कुराइ और बोली : "देखा...क्या-2 करना पड़ता है...आज तो बाल-2 बच गये...''
अजय : "हाँ ....सही कहा...चलो अब यहाँ से...बाहर ही चलते है...कही फिर से इसकी नींद खुल गयी तो मुसीबत हो जाएगी...''
अंजलि : "अब ऐसा नही होगा....वैसे तो ये भी नही होना चाहिए था..लेकिन अब तो ये सुबह से पहले उठने वाला नही है....चलो अब...जल्दी से आओ...देखो . कैसी आग सी लगी हुई है यहाँ ...''
अंजलि ने अपनी चूत को फेलाकर दिखाया...अजय ने भी बिना कोई देरी किए अपने लंड पर थूक लगाई और उसकी टांगे फेला कर अपना लंड उसकी चूत की ओपनिंग पर लगा दिया...और उसके उपर झुकता चला गया...
अंजलि ने उसकी कमर पर अपनी टांगे बाँधी और उसे अपनी तरफ खींच लिया...और अजय का लंड तिनका-2 करके उसके अंदर समाता चला गया...
और अंत में जब अजय का लंड पूरा उसके अंदर घुस गया , तो अंजलि के मुँह से सिसकारियाँ फूट पड़ी..
''उम्म्म्ममममममममममममम ...... आआहहह ... अजय ......तुमने तो भर दिया मुझे..... . ...... इतना अंदर तक तो कोई नही गया आज तक....... आआआआआआहह ...बहुत मज़ा आ रहा है.....''
अजय ने भी इतनी गरम टनल आज तक महसूस नही की थी....अंजलि ने अंदर लेकर उसके लंड को झुलसा डाला था पूरा...
अब वो आराम-2 से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर कर रहा था...घचा घच की आवाज़ों से पूरा कमरा गूँज रहा था...और अंजलि बड़े ही मज़े से अपने सोए हुए पति की बगल में टांगे चौड़ी करके सीटियाँ मारती हुई चुदवा रही थी..
अजय को आराम से चोदते देखकर अंजलि ने पोज़िशन चेंज की...और अजय को नीचे लिटा कर खुद उपर आ गयी...और उसके घोड़े को अंदर लेकर कमान खुद संभाल ली और अब अपने हिसाब से तेज़ी के साथ चुदवाने लगी..
उसके भरे हुए मुम्मे अजय की आँखो के सामने डांस कर रहे थे...जिन्हे अपने हाथों में दबोच कर वो उसकी गर्मी को शांत करने का असफल प्रयास कर रहा था...पर वो नही जानता था की ये मुम्मे और उनपर लगे निप्पल अंजलि का सेंसेटिव पॉइंट है....उनपर अजय के हाथों का कडकपन महसूस करते ही वो और तेज़ी से उछलने लगी....बड़बड़ाने लगी...चुदवाने लगी..
''आआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफफ फफफफफफफ्फ़ ...... अजय ........................ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ..... मज़ा आ गया....... अहह .......ऐसे ही चोदो मुझे ...... आआहहह क्या लंड है तुम्हारा......... उफफफफफफफ्फ़ ... इतना लंबा ...... इतना कड़क ........म्*म्म्मममममममममममम फककक मिईीईई अजयssssssssss....फककक मी........''
और आख़िरी में झड़ते हुए अंजलि ने उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ऐसे निचोड़ डाला जैसे कोई नींबू को मसलता है.....और उसका रस अपनी चूत की डिब्बी में क़ैद करके वो अजय के उपर लूड़क गयी...
और फिर उसके लंड को बाहर निकाल कर उसके गर्म पानी से अपने मुम्मे को सींच डाला अंजलि ने , और बाद में उसके लंड को मुंह में लेकर साफ़ सुथरा करके चमका डाला
और ना जाने कितनी देर तक वो दोनो चिपके रहे...तूफान जब शांत हुआ तो अजय की नज़र दीवार घड़ी पर गयी...रात के 2 बज रहे थे....वैसे तो उसे कोई जल्दी नही थी,फिर भी वापिस तो जाना ही था ना..
उसने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया...अंजलि ने अभी तक कोई कपड़ा नही पहना था...वो उससे बाते करती रही...उसके लंड और चुदाई के स्टाइल की तारीफ करती रही , आगे मिलने के प्लान बनाती रही...ऐसे ही नंगी खड़ी रहकर..
अगली बार जल्द ही मिलने का वादा करके और अंजलि के शरीर को एक बार और अच्छी तरह से सहलाने और चूमने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ निकल पड़ा..
आज की रात जैसा एडवेंचर उसने आज तक महसूस नही किया था...और जिस तरह वो पकड़े जाने से बाल-2 बचा था वो भी उसे सारी उम्र याद रहने वाला था...
लेकिन वो ये नही जानता था की इस रात ने उसे और क्या-2 रंग दिखाने थे...
अंजलि ने उसके लंड से निकले गाड़े रस को अपने मुम्मे के ऊपर निशाना लगाकर उसपर सफ़ेद बारिश करवा ली, ये उसका फेवरेट था, गर्म रस का एहसास उसे अपने बूब्स पर बहुत अच्छा लगता था
ये शायद पहली बार था अनिल के लिए भी की अंजलि ने बिना चूत में लंड लिए उसे तृप्त कर दिया था...वो अनिल का लंड अपनी चूत में खुद को मज़े देने के लिए लेती थी, पर इस वक़्त तो वो अनिल को फारिग करके उसे वापिस सुलाना चाहती थी ताकि वो अजय से मज़े ले सके..
अनिल के लंड को अच्छी तरह से सॉफ करके उसे फिर से अंडरवीयर पहना दिया अंजलि ने..और उसके कंधे पर सिर रखकर अपना नंगा जिस्म उससे चिपका कर सो गयी..
अनिल ने भी ज़्यादा सवाल करने की जहमत नही उठाई की वो क्यो बिना चुदे सो रही है ऐसे...एक तो दारू का नशा और उपर से ये क़्विक लंड चुसाई, इसके बाद तो अनिल नींद के सागर में डूबता चला गया..
सिर्फ़ एक मिनट मे ही अनिल के खर्राटे फिर से गूंजने लगे कमरे में ...और उन्हे सुनकर अजय बड़े आराम से वापिस उपर उठा अंजलि को देखने लगा जो अपने नंगे बदन को अपने पति से छुड़वाने का प्रयत्न कर रही थी और वो भी बड़े आराम से ताकि उसकी नींद फिर से ना खुल जाए..
अजय को देखकर वो मुस्कुराइ और बोली : "देखा...क्या-2 करना पड़ता है...आज तो बाल-2 बच गये...''
अजय : "हाँ ....सही कहा...चलो अब यहाँ से...बाहर ही चलते है...कही फिर से इसकी नींद खुल गयी तो मुसीबत हो जाएगी...''
अंजलि : "अब ऐसा नही होगा....वैसे तो ये भी नही होना चाहिए था..लेकिन अब तो ये सुबह से पहले उठने वाला नही है....चलो अब...जल्दी से आओ...देखो . कैसी आग सी लगी हुई है यहाँ ...''
अंजलि ने अपनी चूत को फेलाकर दिखाया...अजय ने भी बिना कोई देरी किए अपने लंड पर थूक लगाई और उसकी टांगे फेला कर अपना लंड उसकी चूत की ओपनिंग पर लगा दिया...और उसके उपर झुकता चला गया...
अंजलि ने उसकी कमर पर अपनी टांगे बाँधी और उसे अपनी तरफ खींच लिया...और अजय का लंड तिनका-2 करके उसके अंदर समाता चला गया...
और अंत में जब अजय का लंड पूरा उसके अंदर घुस गया , तो अंजलि के मुँह से सिसकारियाँ फूट पड़ी..
''उम्म्म्ममममममममममममम ...... आआहहह ... अजय ......तुमने तो भर दिया मुझे..... . ...... इतना अंदर तक तो कोई नही गया आज तक....... आआआआआआहह ...बहुत मज़ा आ रहा है.....''
अजय ने भी इतनी गरम टनल आज तक महसूस नही की थी....अंजलि ने अंदर लेकर उसके लंड को झुलसा डाला था पूरा...
अब वो आराम-2 से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर कर रहा था...घचा घच की आवाज़ों से पूरा कमरा गूँज रहा था...और अंजलि बड़े ही मज़े से अपने सोए हुए पति की बगल में टांगे चौड़ी करके सीटियाँ मारती हुई चुदवा रही थी..
अजय को आराम से चोदते देखकर अंजलि ने पोज़िशन चेंज की...और अजय को नीचे लिटा कर खुद उपर आ गयी...और उसके घोड़े को अंदर लेकर कमान खुद संभाल ली और अब अपने हिसाब से तेज़ी के साथ चुदवाने लगी..
उसके भरे हुए मुम्मे अजय की आँखो के सामने डांस कर रहे थे...जिन्हे अपने हाथों में दबोच कर वो उसकी गर्मी को शांत करने का असफल प्रयास कर रहा था...पर वो नही जानता था की ये मुम्मे और उनपर लगे निप्पल अंजलि का सेंसेटिव पॉइंट है....उनपर अजय के हाथों का कडकपन महसूस करते ही वो और तेज़ी से उछलने लगी....बड़बड़ाने लगी...चुदवाने लगी..
''आआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफफ फफफफफफफ्फ़ ...... अजय ........................ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ..... मज़ा आ गया....... अहह .......ऐसे ही चोदो मुझे ...... आआहहह क्या लंड है तुम्हारा......... उफफफफफफफ्फ़ ... इतना लंबा ...... इतना कड़क ........म्*म्म्मममममममममममम फककक मिईीईई अजयssssssssss....फककक मी........''
और आख़िरी में झड़ते हुए अंजलि ने उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ऐसे निचोड़ डाला जैसे कोई नींबू को मसलता है.....और उसका रस अपनी चूत की डिब्बी में क़ैद करके वो अजय के उपर लूड़क गयी...
और फिर उसके लंड को बाहर निकाल कर उसके गर्म पानी से अपने मुम्मे को सींच डाला अंजलि ने , और बाद में उसके लंड को मुंह में लेकर साफ़ सुथरा करके चमका डाला
और ना जाने कितनी देर तक वो दोनो चिपके रहे...तूफान जब शांत हुआ तो अजय की नज़र दीवार घड़ी पर गयी...रात के 2 बज रहे थे....वैसे तो उसे कोई जल्दी नही थी,फिर भी वापिस तो जाना ही था ना..
उसने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया...अंजलि ने अभी तक कोई कपड़ा नही पहना था...वो उससे बाते करती रही...उसके लंड और चुदाई के स्टाइल की तारीफ करती रही , आगे मिलने के प्लान बनाती रही...ऐसे ही नंगी खड़ी रहकर..
अगली बार जल्द ही मिलने का वादा करके और अंजलि के शरीर को एक बार और अच्छी तरह से सहलाने और चूमने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ निकल पड़ा..
आज की रात जैसा एडवेंचर उसने आज तक महसूस नही किया था...और जिस तरह वो पकड़े जाने से बाल-2 बचा था वो भी उसे सारी उम्र याद रहने वाला था...
लेकिन वो ये नही जानता था की इस रात ने उसे और क्या-2 रंग दिखाने थे...