13-07-2022, 08:56 PM
(This post was last modified: 14-07-2022, 09:57 AM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Part 42
दरअसल रवि को यह बात पता ही नही थी कि उसके मामा रोहन कस्टम अफसर होने के साथ साथ फार्म हाउस के साइड बिजनेस की आड़ में खूबसूरत लौंडियों और औरतों की खरीद फरोख्त का धंधा भी करते थे और इसीलिए वह अपने आप को "मस्त माल" का "दबंग सौदागर" भी कहते थे।
मिस्टर सभरवाल के साथ 2 और आदमी भी आये थे।
रोहन ने मिस्टर सभरवाल की तरफ देखते हुए कहा : आइए सभरवाल साहब। आज आपकी पसंद का काफी मस्त माल मैंने आपके लिए इकट्ठा करके रखा है। आप इस माल की सही कीमत लगाइए और इस सारे माल को अपने साथ ले जाइए।
मिस्टर सभरवाल और उनके साथ आये हुए दोनों आदमी 40-45 साल के आसपास थे और शक्ल से ही अव्वल दर्जे के बदमाश लग रहे थे। सबने जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थीं।
बिना किसी फॉर्मेलिटी के उन तीनों ने वहां खड़ी निर्वस्त्र लड़कियों के बदन पर हाथ फिरा फिरा कर इस तरह से जांचना शुरू कर दिया मानों वह सब जीती जागती लड़कियां औरतें नहीं बल्कि कोई "इस्तेमाल का सामान" हों।
सभरवाल के साथ आये बाकी के दो आदमी हर्ष चोपड़ा और धीरज वर्मा थे।
उन तीनों लोगों ने सब की सब 15 लड़कियों औरतों को 5-5 की 3 लाइनों में खड़ा कर दिया।
एक लाइन में 18 से 21 साल तक की उम्र की 5 लड़कियों को खड़ा कर दिया गया।
दूसरी लाइन में 22 साल और 30 साल तक की उम्र की 5 लड़कियों औरतों को खड़ा कर दिया गया।
तीसरी लाइन में 31 साल से लेकर 40 साल तक की उम्र की औरतों को खड़ा कर दिया गया।
पहली लाइन में खड़ी लड़कियों के सेक्सी और खूबसूरत बदन की चेकिंग खुद सभरवाल करने लगा।
दूसरी लाइन में खड़ी लौंडियों औरतों की चेकिंग हर्ष चोपड़ा और तीसरी लाइन में खड़ी पांचों औरतों के बदन की चेकिंग धीरज वर्मा करने लगे।
लड़कियों औरतों के बदन को तीनों लोग जी भरकर दबा सहला रहे थे। उनके मस्त मस्त मम्मे भी दबा दबा कर देखे जा रहे थे। सब के हाथ ऊपर उठे हुए थे और वे सब विरोध करने की स्तिथि में नही थीं।
शेष अगले भाग में
दरअसल रवि को यह बात पता ही नही थी कि उसके मामा रोहन कस्टम अफसर होने के साथ साथ फार्म हाउस के साइड बिजनेस की आड़ में खूबसूरत लौंडियों और औरतों की खरीद फरोख्त का धंधा भी करते थे और इसीलिए वह अपने आप को "मस्त माल" का "दबंग सौदागर" भी कहते थे।
मिस्टर सभरवाल के साथ 2 और आदमी भी आये थे।
रोहन ने मिस्टर सभरवाल की तरफ देखते हुए कहा : आइए सभरवाल साहब। आज आपकी पसंद का काफी मस्त माल मैंने आपके लिए इकट्ठा करके रखा है। आप इस माल की सही कीमत लगाइए और इस सारे माल को अपने साथ ले जाइए।
मिस्टर सभरवाल और उनके साथ आये हुए दोनों आदमी 40-45 साल के आसपास थे और शक्ल से ही अव्वल दर्जे के बदमाश लग रहे थे। सबने जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थीं।
बिना किसी फॉर्मेलिटी के उन तीनों ने वहां खड़ी निर्वस्त्र लड़कियों के बदन पर हाथ फिरा फिरा कर इस तरह से जांचना शुरू कर दिया मानों वह सब जीती जागती लड़कियां औरतें नहीं बल्कि कोई "इस्तेमाल का सामान" हों।
सभरवाल के साथ आये बाकी के दो आदमी हर्ष चोपड़ा और धीरज वर्मा थे।
उन तीनों लोगों ने सब की सब 15 लड़कियों औरतों को 5-5 की 3 लाइनों में खड़ा कर दिया।
एक लाइन में 18 से 21 साल तक की उम्र की 5 लड़कियों को खड़ा कर दिया गया।
दूसरी लाइन में 22 साल और 30 साल तक की उम्र की 5 लड़कियों औरतों को खड़ा कर दिया गया।
तीसरी लाइन में 31 साल से लेकर 40 साल तक की उम्र की औरतों को खड़ा कर दिया गया।
पहली लाइन में खड़ी लड़कियों के सेक्सी और खूबसूरत बदन की चेकिंग खुद सभरवाल करने लगा।
दूसरी लाइन में खड़ी लौंडियों औरतों की चेकिंग हर्ष चोपड़ा और तीसरी लाइन में खड़ी पांचों औरतों के बदन की चेकिंग धीरज वर्मा करने लगे।
लड़कियों औरतों के बदन को तीनों लोग जी भरकर दबा सहला रहे थे। उनके मस्त मस्त मम्मे भी दबा दबा कर देखे जा रहे थे। सब के हाथ ऊपर उठे हुए थे और वे सब विरोध करने की स्तिथि में नही थीं।
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा