13-07-2022, 02:13 PM
एक तो अंधेरा और ऊपर से ऐसे क्लोज़ जाके टच होने लगा । विक्रम को प्रिया को गुदगुदी करने में मज़ा तो आ रहा था पर अभी तो उसके मन में उससे आगे कुछ नहीं था । गुदगुदी करते समय विक्रम के हाथ एक दो बार प्रिया के बूब्स पर भी लगे — जिसमें उसे मज़ा भी आया - और शायद प्रिया को भी । पर तब तक भहि उससे ज़्यादा दोनो ने नहीं सोचा था । वाक़ई प्रिया को गुदगुदी से हंसी नहीं आ रही थी - तब विक्रम बोला की ऐसे जान बूझ कर तो वो भी हंसी रोक सकता है । अब प्रिया विक्रम को गुदगुदी करने लगी — और विक्रम जल्दी ही हंस पड़ा । हंसते हंसते दोनो बेड पर गिर गए और प्रिया का हाथ विक्रम की छाती पर ही रह गया । जब दोनो अपनी साँस सम्भाल रहे थे - तो प्रिया का हाथ विक्रम के ऊपर घूमने लगा । अभी भी वो थोड़ी बातें कर रहे थे - शायद थोड़ा मूड कंट्रोल करने के लिए । प्रिया का हाथ विक्रम के बनियान के ऊपर इधर उधर घूमता रहा । तभी विक्रम प्रिया की गर्दन पर टच करके थोड़ा हंसने की कोशिश करने लगा । अब धीरे धीरे मूड बदलने लगा - विक्रम की ऊँगलिया कभी प्रिया की गर्दन ओर कभी गालों से होती प्रिया के होंठों के पास पहुँची तो प्रिया ने भी होंठ खोल कर उँगली को हल्का से चूस लिया । अब कोई कुछ बोल नहीं रहा था और सांसे थोड़ी भारी होने लगी दोनो की ।