11-07-2022, 05:52 PM
भाभी लंड से काफी आनन्द ले रही थीं और साथ ही साथ बोल रही थीं- आंह मेरी जान, बहुत मजा दे रहे हो यार … ऐसे ही चोदते रहो मुझे!
मेरे होंठों को चूस चूसकर भाभी बार बार मुझे ‘आई लव यू जान …’ बोल रही थीं.
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था.
भाभी बोलती रहीं- मैं कितनी खुशनसीब हूँ कि मेरे नए पति मुझसे कितना प्यार करते हैं … आज वो मुझे ना जाने कौन सी दुनिया में ले गए, जहां सिर्फ मुझे सुख ही सुख दिखाई दे रहा है. अब मेरी जान इसी तरह मुझे हर रोज प्यार और खुशी देते रहना मेरे राजा आह … मजा आ रहा है.
मैं भाभी के मुँह से ये सब बातें सुनकर और जोश में आ गया और मैंने अपनी पूरी ताकत से भाभी को चोदना जारी रखा.
कुछ देर तक, तकरीबन 15 मिनट तक चुदाई करके हम दोनों एक साथ झड़ गए. मैंने भाभी की चूत में ही वीर्य निकाल दिया और उनके ऊपर ही लेट गया.
भाभी बहुत खुश थीं और मेरी पीठ को सहलाती हुई बोल रही थीं- मुझे नहीं पता था कि चुदाई में इतना सुख और संतुष्टि मिलती है. आज से पहले इतना सुख मुझे कभी नहीं मिला था. मेरी खुशी का कारण सिर्फ और सिर्फ तुम हो प्रवीण.
मैंने भी बोल दिया- हां स्वाति मैं भी बहुत खुश हूँ, थैंक्यू मेरी जान स्वाति!
अब हम दोनों मुस्कुरा दिए.
फिर मैं भाभी के ऊपर से हटा और बगल में लेट गया.
मैं थक गया था तो थोड़ा सोना चाह रहा था.
मैंने कहा, तो भाभी ने भी बोला- हां यार, मुझे भी नींद आ रही है. मैं भी अपने पति के ऊपर लेट कर उनकी बांहों में सोना चाहती हूं. क्या मैं तुम्हारी बांहों में सो सकती हूं?
मैं बोला- आ जाओ ना मेरी जान, तुम्हारे लिए तो कुछ भी कर सकता हूँ.
भाभी मेरे ऊपर आ गईं और मैं उनके नीचे लेटा था. भाभी ने मुझको प्यार करना शुरू कर दिया. भाभी मेरे गालों और मेरे होंठों से प्यार कर रही थी.
मेरा लंड फिर से तनकर दूसरे युद्ध के लिए तैयार हो गया.
मैंने भाभी की कमर को पकड़कर झट से अपने नीचे लेकर उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को पकड़ कर थोड़ा हिलाना शुरू कर दिया.
इतने में भाभी समझ गईं कि उनकी फिर से चुदाई होगी इसलिए भाभी ने मेरा लंड हिलाना रोक दिया.
वो बोलने लगीं- नहीं यार, मैं बहुत थक चुकी हूँ. अभी नहीं कर सकती हूं, बाद में कर लेना. वैसे भी अब तो तुम्हारी ही हूँ. जब चाहो तब कर सकते हो, पर अभी नहीं.
मैंने कहा- मेरी जान आज हमारी सुहागरात है और आज के दिन एक बीवी को अपने पति की हर जरूरत को पूरा करना होता है.
भाभी- अच्छा जी. आज तो लगता है मेरे पति मुझे बिल्कुल भी नहीं छोड़ेंगे. आज मेरी तो खैर नहीं है.
मैं- इतनी खूबसूरत सा फूल को कौन नहीं मसलेगा!
भाभी- अच्छा इतनी तारीफ मत करो, तो आपको मेरी चुदाई करनी ही है?
मैं- हां … और हर रोज करनी है. बीवी किस लिए बनी हो, अपने पति की जरूरत को पूरा करने के लिए ना!
मेरे होंठों को चूस चूसकर भाभी बार बार मुझे ‘आई लव यू जान …’ बोल रही थीं.
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था.
भाभी बोलती रहीं- मैं कितनी खुशनसीब हूँ कि मेरे नए पति मुझसे कितना प्यार करते हैं … आज वो मुझे ना जाने कौन सी दुनिया में ले गए, जहां सिर्फ मुझे सुख ही सुख दिखाई दे रहा है. अब मेरी जान इसी तरह मुझे हर रोज प्यार और खुशी देते रहना मेरे राजा आह … मजा आ रहा है.
मैं भाभी के मुँह से ये सब बातें सुनकर और जोश में आ गया और मैंने अपनी पूरी ताकत से भाभी को चोदना जारी रखा.
कुछ देर तक, तकरीबन 15 मिनट तक चुदाई करके हम दोनों एक साथ झड़ गए. मैंने भाभी की चूत में ही वीर्य निकाल दिया और उनके ऊपर ही लेट गया.
भाभी बहुत खुश थीं और मेरी पीठ को सहलाती हुई बोल रही थीं- मुझे नहीं पता था कि चुदाई में इतना सुख और संतुष्टि मिलती है. आज से पहले इतना सुख मुझे कभी नहीं मिला था. मेरी खुशी का कारण सिर्फ और सिर्फ तुम हो प्रवीण.
मैंने भी बोल दिया- हां स्वाति मैं भी बहुत खुश हूँ, थैंक्यू मेरी जान स्वाति!
अब हम दोनों मुस्कुरा दिए.
फिर मैं भाभी के ऊपर से हटा और बगल में लेट गया.
मैं थक गया था तो थोड़ा सोना चाह रहा था.
मैंने कहा, तो भाभी ने भी बोला- हां यार, मुझे भी नींद आ रही है. मैं भी अपने पति के ऊपर लेट कर उनकी बांहों में सोना चाहती हूं. क्या मैं तुम्हारी बांहों में सो सकती हूं?
मैं बोला- आ जाओ ना मेरी जान, तुम्हारे लिए तो कुछ भी कर सकता हूँ.
भाभी मेरे ऊपर आ गईं और मैं उनके नीचे लेटा था. भाभी ने मुझको प्यार करना शुरू कर दिया. भाभी मेरे गालों और मेरे होंठों से प्यार कर रही थी.
मेरा लंड फिर से तनकर दूसरे युद्ध के लिए तैयार हो गया.
मैंने भाभी की कमर को पकड़कर झट से अपने नीचे लेकर उनके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को पकड़ कर थोड़ा हिलाना शुरू कर दिया.
इतने में भाभी समझ गईं कि उनकी फिर से चुदाई होगी इसलिए भाभी ने मेरा लंड हिलाना रोक दिया.
वो बोलने लगीं- नहीं यार, मैं बहुत थक चुकी हूँ. अभी नहीं कर सकती हूं, बाद में कर लेना. वैसे भी अब तो तुम्हारी ही हूँ. जब चाहो तब कर सकते हो, पर अभी नहीं.
मैंने कहा- मेरी जान आज हमारी सुहागरात है और आज के दिन एक बीवी को अपने पति की हर जरूरत को पूरा करना होता है.
भाभी- अच्छा जी. आज तो लगता है मेरे पति मुझे बिल्कुल भी नहीं छोड़ेंगे. आज मेरी तो खैर नहीं है.
मैं- इतनी खूबसूरत सा फूल को कौन नहीं मसलेगा!
भाभी- अच्छा इतनी तारीफ मत करो, तो आपको मेरी चुदाई करनी ही है?
मैं- हां … और हर रोज करनी है. बीवी किस लिए बनी हो, अपने पति की जरूरत को पूरा करने के लिए ना!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
