11-07-2022, 05:02 PM
(This post was last modified: 11-07-2022, 05:34 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
फिर नीलिमा ने कहा- समीर, बस अब और मत परेशान कर, जल्दी से एक बार चोद दे … ये साली तेरी रंडी बुआ ने तो अपनी आग बुझा ली है, अब मेरी भी बुझा दे.
इस पर बुआ ने मुझे चोदने का इशारा किया और बोलीं- हां चोद दे इस मेरी प्यारी छिनाल को … साली की चूत में बहुत गर्मी है.
मैंने तुरंत ही उठकर अपना लंड नीलिमा की चूत पर लगा दिया और बुआ ने उस पर थूक कर उसे चिकना बना दिया.
फिर मेरी गांड पर थपकी मार कर मुझे लंड चूत के अन्दर डालने का इशारा कर दिया.
मैंने पूरी ताकत से एक झटका दे मारा, जिससे लंड पूरा अन्दर चला गया.
नीलिमा जोर से सिसियायी और मेरे भी मुँह से सिसकारी निकल गयी.
बिना रुके मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया.
बुआ नीलिमा के पास चली गईं और उसके मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठ गयी.
वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी थीं तो बुआ मुझे किस करने लगीं.
अब हम तीनों को मज़ा आ रहा था.
हम इस पोजीशन में 5 मिनट तक रहे.
फिर बुआ बाजू में सरक गईं और बगल में लेट कर वो कभी नीलिमा को किस करतीं, तो कभी उसके बूब्स चूसतीं या उससे अपने मम्मे चुसवाए लगतीं.
मुझे ये देख कर बहुत उत्तेजना हो रही थी.
मैं भी कभी बुआ के बूब्स चूसता या कभी नीलिमा के चूस लेता.
ऐसी हमारी चुदाई चलती रही, जिसमें हमने दो बार पोजीशन बदली.
फिर मैं नीचे लेटा और नीलिमा मेरे लंड पर कूद रही थी और बुआ अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठी थीं.
ऊपर वो दोनों चूमाचाटी चुसाई कर रही थीं.
जब नीलिमा झड़ने को हुई तो बुआ मेरे ऊपर से उठ गई और मैंने नीलिमा को अपने नीचे लिया और पूरी ताकत से चोदने लगा.
एक मिनट बाद वो झड़ कर निढाल हो गयी.
मैंने लंड बाहर निकाला और नीलिमा की कामरस भरी चूत चाट कर साफ कर दी. बुआ ने मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया.
मैं अभी भी पूरे जोश में था. मेरा लंड झड़ने के बाद भी कड़क था.
अब मैं बुआ की चुदाई करने लगा.
हम दोनों ने फिर से उसी तरह सेक्स किया.
बस इस बार नीलिमा की जगह बुआ मेरे लंड का शिकार थीं.
हमारा ये चुदाई का खेल न जाने कितनी देर चला.
फिर जब मैं बुआ की चुदाई करके झड़ने को हुआ तो उन दोनों ने मेरे लंड का माल अपने ऊपर निकलने को कहा.
मैंने वैसा ही किया और अपना माल उनके ऊपर निकाल दिया.
नीलिमा और बुआ दोनों के चेहरे और बूब्स मेरे माल से भरे थे, जिसे दोनों ने एक दूसरे के शरीर से चाट लिया.
हम तीनों थक गए थे तो यूं ही नंगे सो गए.
उस वक्त दोपहर के तीन बजे थे.
बाद में हम तीनों उठ कर नहाये और होटल से खाना मंगवा लिया.
खाना खत्म करके बातें करने लगे.
इस पर बुआ ने मुझे चोदने का इशारा किया और बोलीं- हां चोद दे इस मेरी प्यारी छिनाल को … साली की चूत में बहुत गर्मी है.
मैंने तुरंत ही उठकर अपना लंड नीलिमा की चूत पर लगा दिया और बुआ ने उस पर थूक कर उसे चिकना बना दिया.
फिर मेरी गांड पर थपकी मार कर मुझे लंड चूत के अन्दर डालने का इशारा कर दिया.
मैंने पूरी ताकत से एक झटका दे मारा, जिससे लंड पूरा अन्दर चला गया.
नीलिमा जोर से सिसियायी और मेरे भी मुँह से सिसकारी निकल गयी.
बिना रुके मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया.
बुआ नीलिमा के पास चली गईं और उसके मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठ गयी.
वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी थीं तो बुआ मुझे किस करने लगीं.
अब हम तीनों को मज़ा आ रहा था.
हम इस पोजीशन में 5 मिनट तक रहे.
फिर बुआ बाजू में सरक गईं और बगल में लेट कर वो कभी नीलिमा को किस करतीं, तो कभी उसके बूब्स चूसतीं या उससे अपने मम्मे चुसवाए लगतीं.
मुझे ये देख कर बहुत उत्तेजना हो रही थी.
मैं भी कभी बुआ के बूब्स चूसता या कभी नीलिमा के चूस लेता.
ऐसी हमारी चुदाई चलती रही, जिसमें हमने दो बार पोजीशन बदली.
फिर मैं नीचे लेटा और नीलिमा मेरे लंड पर कूद रही थी और बुआ अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठी थीं.
ऊपर वो दोनों चूमाचाटी चुसाई कर रही थीं.
जब नीलिमा झड़ने को हुई तो बुआ मेरे ऊपर से उठ गई और मैंने नीलिमा को अपने नीचे लिया और पूरी ताकत से चोदने लगा.
एक मिनट बाद वो झड़ कर निढाल हो गयी.
मैंने लंड बाहर निकाला और नीलिमा की कामरस भरी चूत चाट कर साफ कर दी. बुआ ने मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया.
मैं अभी भी पूरे जोश में था. मेरा लंड झड़ने के बाद भी कड़क था.
अब मैं बुआ की चुदाई करने लगा.
हम दोनों ने फिर से उसी तरह सेक्स किया.
बस इस बार नीलिमा की जगह बुआ मेरे लंड का शिकार थीं.
हमारा ये चुदाई का खेल न जाने कितनी देर चला.
फिर जब मैं बुआ की चुदाई करके झड़ने को हुआ तो उन दोनों ने मेरे लंड का माल अपने ऊपर निकलने को कहा.
मैंने वैसा ही किया और अपना माल उनके ऊपर निकाल दिया.
नीलिमा और बुआ दोनों के चेहरे और बूब्स मेरे माल से भरे थे, जिसे दोनों ने एक दूसरे के शरीर से चाट लिया.
हम तीनों थक गए थे तो यूं ही नंगे सो गए.
उस वक्त दोपहर के तीन बजे थे.
बाद में हम तीनों उठ कर नहाये और होटल से खाना मंगवा लिया.
खाना खत्म करके बातें करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.