11-07-2022, 04:53 PM
लगभग एक घंटे बाद बुआ की वो तीनों सहेलियां घर आ गईं. उनके नाम नीलिमा, स्वर्णा और साक्षी था. वो तीनों आईं, तो बुआ ने उन्हें अन्दर बुलाया और वो सब सोफे पर बैठ गईं.
बुआ ने उनके खाने पीने की सारी तैयारी पहले ही कर रखी थी. वो औरतें बैठी बातें कर रही थीं. मैं उनके लिए जूस और स्नैक्स की प्लेट ले गया.
फिर बुआ ने उनसे मेरा परिचय करवाया. मैं भी वहीं बैठ गया. वो तीनों औरतें बड़ी ही सुंदर थीं.
नीलिमा उनमें से सबसे अलग और सबसे सेक्सी थी. वो बेहत गोरी थी और लाल लिपस्टिक लगाए हुए थी. उसकी हाइट कुछ 5 फुट 3 इंच की होगी. उस वक्त उसने नीले रंग की सलवार कमीज पहनी थी, जिसमें उसके चूचे बेहद गोल मटोल लग रहे थे. उसकी सेक्सी जांघों को देख कर मैं कुछ उत्तेजित हो रहा था.
उसने अपनी फिगर काफी अच्छे से मेन्टेन कर रखी थी.
स्वर्णा क्रीम कलर की साड़ी पहनी हुई थी. वो भी सेक्सी थी, पर थोड़ी मोटी सी थी. ज्यादा नहीं, बस कुछ कुछ और हाइट 5 फुट 4 इंच का रहा होगा. उसका रंग गेहुंआ था. साक्षी भी दिखने में ठीक-ठाक थी, पर उसके बूब्स और गांड बहुत बड़ी थी. वो साड़ी पहनी हुई थी.
वो तीनों और बुआ आपस में बातें कर रही थीं.
तभी नीलिमा मुझसे बात करने लगी और मेरे बारे में पूछने लगी. फिर वो अपनी सहेलियों से बात करने में मशगूल हो गई. कुछ देर तक उनकी बातें चलीं.
फिर बुआ मुझसे अन्दर रूम में जाने को बोलीं, तो मैं उठ कर रूम में चल गया. पर न जाने क्यों मेरे मन में आया कि क्यों न देखा जाए, ये सब क्या बातें कर रही हैं.
मैं छिप कर उनकी बातें सुनने लगा. मैंने सुना कि स्वर्णा कुछ दुखी थी. मैंने ध्यान से सुना, तो वो कह रही थी कि उसके पति को घर आए पांच महीने हो गए थे और इस वजह से वो शारीरिक सुख के लिए तड़प रही थी.
तब नीलिमा उसे कॉलबाय ट्राय करने को बोल रही थी, पर स्वर्णा इसमें कुछ आनाकानी कर रही थी.
कुछ देर बाद वो सभी जाने को निकलीं, तो मैं भी रूम से बाहर आ गया.
बुआ, स्वर्णा और साक्षी आगे चली गयी थीं और नीलिमा सबसे पीछे थी. मैं उनकी बातें सुन कर कुछ उत्तेजित हो गया था, जिससे मेरा लंड खड़ा था.
मैं बाहर आया, तो नीलिमा ने मुझसे पूछा- क्या तुमने हमारी बातें सुनी हैं?
मैंने कहा- नहीं.
नीलिमा- अच्छा … तो ये पैंट में क्या खड़ा है?
वो ये कहकर हंसते हुए बाहर चली गयी और मेरी तरफ देख कर आंख मारते हुए एक नॉटी सी स्माइल दे गई. वो गांड मटकाते हुए चली गयी.
बुआ ने उनके खाने पीने की सारी तैयारी पहले ही कर रखी थी. वो औरतें बैठी बातें कर रही थीं. मैं उनके लिए जूस और स्नैक्स की प्लेट ले गया.
फिर बुआ ने उनसे मेरा परिचय करवाया. मैं भी वहीं बैठ गया. वो तीनों औरतें बड़ी ही सुंदर थीं.
नीलिमा उनमें से सबसे अलग और सबसे सेक्सी थी. वो बेहत गोरी थी और लाल लिपस्टिक लगाए हुए थी. उसकी हाइट कुछ 5 फुट 3 इंच की होगी. उस वक्त उसने नीले रंग की सलवार कमीज पहनी थी, जिसमें उसके चूचे बेहद गोल मटोल लग रहे थे. उसकी सेक्सी जांघों को देख कर मैं कुछ उत्तेजित हो रहा था.
उसने अपनी फिगर काफी अच्छे से मेन्टेन कर रखी थी.
स्वर्णा क्रीम कलर की साड़ी पहनी हुई थी. वो भी सेक्सी थी, पर थोड़ी मोटी सी थी. ज्यादा नहीं, बस कुछ कुछ और हाइट 5 फुट 4 इंच का रहा होगा. उसका रंग गेहुंआ था. साक्षी भी दिखने में ठीक-ठाक थी, पर उसके बूब्स और गांड बहुत बड़ी थी. वो साड़ी पहनी हुई थी.
वो तीनों और बुआ आपस में बातें कर रही थीं.
तभी नीलिमा मुझसे बात करने लगी और मेरे बारे में पूछने लगी. फिर वो अपनी सहेलियों से बात करने में मशगूल हो गई. कुछ देर तक उनकी बातें चलीं.
फिर बुआ मुझसे अन्दर रूम में जाने को बोलीं, तो मैं उठ कर रूम में चल गया. पर न जाने क्यों मेरे मन में आया कि क्यों न देखा जाए, ये सब क्या बातें कर रही हैं.
मैं छिप कर उनकी बातें सुनने लगा. मैंने सुना कि स्वर्णा कुछ दुखी थी. मैंने ध्यान से सुना, तो वो कह रही थी कि उसके पति को घर आए पांच महीने हो गए थे और इस वजह से वो शारीरिक सुख के लिए तड़प रही थी.
तब नीलिमा उसे कॉलबाय ट्राय करने को बोल रही थी, पर स्वर्णा इसमें कुछ आनाकानी कर रही थी.
कुछ देर बाद वो सभी जाने को निकलीं, तो मैं भी रूम से बाहर आ गया.
बुआ, स्वर्णा और साक्षी आगे चली गयी थीं और नीलिमा सबसे पीछे थी. मैं उनकी बातें सुन कर कुछ उत्तेजित हो गया था, जिससे मेरा लंड खड़ा था.
मैं बाहर आया, तो नीलिमा ने मुझसे पूछा- क्या तुमने हमारी बातें सुनी हैं?
मैंने कहा- नहीं.
नीलिमा- अच्छा … तो ये पैंट में क्या खड़ा है?
वो ये कहकर हंसते हुए बाहर चली गयी और मेरी तरफ देख कर आंख मारते हुए एक नॉटी सी स्माइल दे गई. वो गांड मटकाते हुए चली गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.