11-07-2022, 04:24 PM
अब सोनल ने कहा- इधर उधर की बात छोड़ो. मुद्दे पर आते हैं. हितेश तैयार है लेकिन अभी अमृता दी ने कुछ जवाब नहीं दिया है.
ये सुनकर मैं खुश हो गया.
हितेश ने पूछा- नैना का क्या मूड है?
मैंने कहा- नैना भी तैयार है.
हितेश ने कहा- लेकिन मेरी एक शर्त है.
मैंने कहा- कैसी शर्त!
हितेश बोला- मैं नैना को चोदूंगा लेकिन अपने इस स्टाइल से!
मैंने कहा- मेरी बीवी को तुम जैसी मरजी चोदो, मुझे कोई समस्या नहीं है. बस उसे तुम अपनी बीवी समझ कर चोदना, फिर चाहे किसी भी पोजीशन में चोद लेना. वो कभी मना नहीं करेगी.
हितेश बोला- ठीक है.
ये सुन कर सोनल और हम सब हंसने लगे.
अब सोनल मेरे करीब आई और बोली- विक्रांत … मुझे तुम चाहिए.
ये सुनकर हितेश हंसते हुए बोला- सही है अपने मतलब का माल पकड़ लो.
मैं उठ कर हितेश के पास गया और बोला- आज ही रात में करें!
हितेश बोला- हां पक्का …. मस्ती करनी है, तो तुम ऊपर साथ वाले रूम में शिफ्ट हो जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं नैना के पास नीचे गया और उससे बोला- हम लोग ऊपर वाले रूम में शिफ्ट कर लेते हैं, अगर मस्ती करना है तो ये ज्यादा जरूरी है.
मैंने नैना से ये जानबूझकर बोला था. इससे उसका सेक्स की मस्ती करने का उत्तर फिर से मिल जाता … अगर वो ना करती तो बात कुछ अलग होती.
मगर उस कुतिया को तो मुझसे ज्यादा आग लगी थी.
वो बोली- अभी करना है या थोड़ी देर बाद!
मैंने उसे किस किया और बोला- बस थोड़ी देर बाद करेंगे.
नैना ने पैकिंग कर ली और मैंने मामीजी से कहा- हम दोनों ऊपर हितेश भाई के साथ वाले रूम में शिफ्ट कर रहे हैं.
मामीजी बोलीं- क्यों क्या हुआ?
मैंने कहा- उसमें बालकनी है और खुली छत भी है, तो वहां मजा आएगा. अभी पता नहीं मामी जी, कितने दिन ये लॉकडाउन चलेगा!
मामी जी बोलीं- ठीक बेटा, जैसी तेरी मर्जी.
ये सुनकर अमृता भाभी, नैना के पास आईं और बोलीं- पक्का … बालकनी की वजह से जा रहे हैं, या कुछ मजे वजे लेने हैं!
नैना शर्मा गई और बोली- नहीं भाभी बस बालकनी …
तभी मैंने नैना की बता काटकर एकदम से कह दिया कि अमृता भाभी आप भी आ जाओ न ऊपर. सब मिल कर रहेंगे.
अमृता भाभी बोलीं- हम्म … मैं बात करती हूं तुम्हारे भाई से … अभी वो लैपटॉप से फ्री हो जाएं.
ये कह कर अमृता भाभी हंस दीं और किचन में चली गईं.
फिर हम लोग ऊपर वाले फ्लोर यानि सोनल और हितेश के साथ वाले कमरे में शिफ्ट कर गए.
जैसे ही मैं सामान लेकर ऊपर गया, हितेश भागा भागा आया और मेरी मदद करके उसने मेरा सामान सैट करवा दिया.
दोनों बच्चे वहीं खेल रहे थे.
नैना ने कहा- थैंक्स भैया.
हितेश बोला- वेलकम जी.
मैं अब रूम में आराम कर रहा था. नैना वॉशरूम में थी. अभी शाम के 5 बज रहे थे.
हितेश मेरे पास आया और बोला- चल छत पर चलते हैं. मुझे कुछ बात करनी है.
मैंने कहा- तू चल … मैं आता हूं.
दस मिनट बाद नैना वॉशरूम से बाहर आ गई.
मैंने उससे कहा- हितेश मुझे छत पर आने की बोल कर गया है. मैं उससे बात करके आता हूं. तुम चाहो तो आराम करो या सोनल के पास चली जाओ.
नैना बोली- ठीक है.
ये सुनकर मैं खुश हो गया.
हितेश ने पूछा- नैना का क्या मूड है?
मैंने कहा- नैना भी तैयार है.
हितेश ने कहा- लेकिन मेरी एक शर्त है.
मैंने कहा- कैसी शर्त!
हितेश बोला- मैं नैना को चोदूंगा लेकिन अपने इस स्टाइल से!
मैंने कहा- मेरी बीवी को तुम जैसी मरजी चोदो, मुझे कोई समस्या नहीं है. बस उसे तुम अपनी बीवी समझ कर चोदना, फिर चाहे किसी भी पोजीशन में चोद लेना. वो कभी मना नहीं करेगी.
हितेश बोला- ठीक है.
ये सुन कर सोनल और हम सब हंसने लगे.
अब सोनल मेरे करीब आई और बोली- विक्रांत … मुझे तुम चाहिए.
ये सुनकर हितेश हंसते हुए बोला- सही है अपने मतलब का माल पकड़ लो.
मैं उठ कर हितेश के पास गया और बोला- आज ही रात में करें!
हितेश बोला- हां पक्का …. मस्ती करनी है, तो तुम ऊपर साथ वाले रूम में शिफ्ट हो जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं नैना के पास नीचे गया और उससे बोला- हम लोग ऊपर वाले रूम में शिफ्ट कर लेते हैं, अगर मस्ती करना है तो ये ज्यादा जरूरी है.
मैंने नैना से ये जानबूझकर बोला था. इससे उसका सेक्स की मस्ती करने का उत्तर फिर से मिल जाता … अगर वो ना करती तो बात कुछ अलग होती.
मगर उस कुतिया को तो मुझसे ज्यादा आग लगी थी.
वो बोली- अभी करना है या थोड़ी देर बाद!
मैंने उसे किस किया और बोला- बस थोड़ी देर बाद करेंगे.
नैना ने पैकिंग कर ली और मैंने मामीजी से कहा- हम दोनों ऊपर हितेश भाई के साथ वाले रूम में शिफ्ट कर रहे हैं.
मामीजी बोलीं- क्यों क्या हुआ?
मैंने कहा- उसमें बालकनी है और खुली छत भी है, तो वहां मजा आएगा. अभी पता नहीं मामी जी, कितने दिन ये लॉकडाउन चलेगा!
मामी जी बोलीं- ठीक बेटा, जैसी तेरी मर्जी.
ये सुनकर अमृता भाभी, नैना के पास आईं और बोलीं- पक्का … बालकनी की वजह से जा रहे हैं, या कुछ मजे वजे लेने हैं!
नैना शर्मा गई और बोली- नहीं भाभी बस बालकनी …
तभी मैंने नैना की बता काटकर एकदम से कह दिया कि अमृता भाभी आप भी आ जाओ न ऊपर. सब मिल कर रहेंगे.
अमृता भाभी बोलीं- हम्म … मैं बात करती हूं तुम्हारे भाई से … अभी वो लैपटॉप से फ्री हो जाएं.
ये कह कर अमृता भाभी हंस दीं और किचन में चली गईं.
फिर हम लोग ऊपर वाले फ्लोर यानि सोनल और हितेश के साथ वाले कमरे में शिफ्ट कर गए.
जैसे ही मैं सामान लेकर ऊपर गया, हितेश भागा भागा आया और मेरी मदद करके उसने मेरा सामान सैट करवा दिया.
दोनों बच्चे वहीं खेल रहे थे.
नैना ने कहा- थैंक्स भैया.
हितेश बोला- वेलकम जी.
मैं अब रूम में आराम कर रहा था. नैना वॉशरूम में थी. अभी शाम के 5 बज रहे थे.
हितेश मेरे पास आया और बोला- चल छत पर चलते हैं. मुझे कुछ बात करनी है.
मैंने कहा- तू चल … मैं आता हूं.
दस मिनट बाद नैना वॉशरूम से बाहर आ गई.
मैंने उससे कहा- हितेश मुझे छत पर आने की बोल कर गया है. मैं उससे बात करके आता हूं. तुम चाहो तो आराम करो या सोनल के पास चली जाओ.
नैना बोली- ठीक है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
