09-07-2022, 02:30 PM
पिछले 10 मिनट में 3 मैसेज कर चुकी थी वो...पहले में लिखा था 'सो तो नही गये ना ??'
दूसरे में 'बताओ ना जल्दी ..... ??'
और तीसरे में 'दिस इस माय लास्ट मैसेज नाउ ....मैं बुरी तरह से थक चुकी हूँ ....अब इसका रिप्लाइ नही आया तो मैं सो जाउंगी ...'
और तीसरा मैसेज एक मिनिट पहले ही आया था..अजय ने जल्दी से वट्सएप पर उसका रिप्लाइ भेजा 'सॉरी .... मैं ज़रा प्राची के पास गया था...फ़ोन यही रह गया था...'
अंजलि को वो पहले ही बता चुका था की आज की रात वो अकेला है...उसकी बीबी अपनी माँ के घर है...
उधर से भी जल्द ही रिप्लाइ आ गया 'ओके ....तो बताओ फिर....क्या इरादे है...'
अजय : 'मेरे इरादे तो बहुत ख़तरनाक है...आप बताओ....'
अंजलि : 'चलो...वेब चेट पर आओ...'
अजय ने फॉरन अपना लेपटॉप ऑन किया...अंजलि से बात करने भर से उसे इतनी एक्साइटमेंट हो रही थी की लेपटॉप स्टार्ट होने में लग रहा थोड़ा सा टाइम भी उसे चुभ रहा था.
कनेक्ट करने के 1 मिनट बाद ही अंजलि भी ऑनलाइन आ गयी.
उनके कमरे में अंधेरा था..पर साइड लेम्प की रोशनी में वो अंजलि भाभी के चेहरे को साफ़ देख पा रहा था...उन्होने रेड कलर का गाउन पहना हुआ था..पर गले मे उन्होने एक चुनरी भी डाली हुई थी.
जिसे देखकर अजय भी चकरा गया...कोई भला रात के समय और वो भी गाउन के उपर चुनरी पहनता है क्या
उसने हाय -हेलो के बाद सीधा यही प्रश्न किया : ''भाभी....ये रात के समय दुपट्टा क्यो पहन रखा है...''
वो मुस्कुराइ...अपने होंठों को दाँत में दबाया और बोली : ''बता दूँगी....इतनी जल्दी क्या है...''
दोनो ने ही हेड फोन पहने हुए थे...लेकिन जिस अंदाज और उँची आवाज़ में वो बात कर रही थी, अजय को डर लगने लगा की कही उसका फ्रेंड अनिल ना सुन ले.
अजय : "धीरे बोलो भाभी...अनिल ना सुन ले ये सब...उसको अगर पता चला की मैं इतनी रात को आपसे बात कर रहा हूँ तो मुसीबत हो जाएगी ...''
अंजलि ने लेपटॉप की स्क्रीन घुमा कर खर्राटे मार रहे अनिल की तरफ कर दी और फिर अपनी तरफ घुमा कर बोली : "ये तो पीने के बाद ऐसी गहरी नींद में सोते है की अगर घर में आग भी लग जाए तो फायरब्रिगेड वाले भी इन्हे सोते हुए ही बाहर निकालेंगे..पर इनकी नींद नही खुलेगी..''
अजय हंस दिया...उसे भी पता था की पीने के बाद अनिल जल्द ही आउट हो जाता है...उसने कई बार ऑफीस की पार्टीस के बाद अनिल को बेहोशी जैसी हालत में उसके घर छोड़ा था..पर पहले वो अंजलि भाभी के बारे में ऐसे नही सोचता था जैसे अब सोचने लगा है...काश उनके बीच की ये झिझक पहले खुल गयी होती तो उन दिनों हाथ में आए कई मौके ना खोने पड़ते.
अंजलि : "इनके दोस्तो के लिए खाना बनाते-2 पूरा शरीर दुख रहा है...''
वो अपने हाथ से ही अपनी बाजू दबा रही थी.
अजय : "मैं होता तो अभी आपकी मालिश कर देता...दस मिनट में ही पूरी बॉडी को आराम मिल जाता..''
अंजलि : "तुम तो बस बाते करते रहना...तुम्हारे बस का कुछ नही है...''
वो शायद अजय को पहले दिए गये मौके के बारे मे याद दिला रही थी...जब वो उन्हे अनदेखा करके सोनी से मिलने उसके घर चला गया था..
अजय : "उस दिन की बात छोड़ो भाभी...अब की बात कर रहा हूँ ...इस बार आपको निराश नही करूँगा...''
इतना कहते हुए अजय ने बड़ी ही बेशर्मी के साथ अपने लंड के उपर हाथ फेरना शुरू कर दिया...लेपटॉप उसके घुटने के उपर था...इसलिए वो सॉफ देख पा रही थी की अजय का ये गंदा इशारा किसलिए है..
अजय की टाँगो के बीच आए इस उभार को देखकर एक मिनट में ही अंजलि भाभी के चेहरे की रंगत बदल गयी...उनकी आँखो में लाल डोरे उतर आए...और उनका चेहरा स्मूथ सा हो गया.
वो बोली : "ठीक है.....जब तुम इतना कह ही रहे हो तो एक मौका तो बनता ही है...बोलो...क्या करोगे अगर मैं मिल गयी तो...''
अंजलि भाभी के पूछने का तरीका ही इतना सेक्सी था जैसे वो डाइरेक्ट्ली पूछ रही हो 'कैसे चोदोगे अगर मिल तो'
अजय : "वो तो मैं बता ही दूँगा...पर ये परदा क्यों लगा रखा है...इसे तो हटाओ...''
दूसरे में 'बताओ ना जल्दी ..... ??'
और तीसरे में 'दिस इस माय लास्ट मैसेज नाउ ....मैं बुरी तरह से थक चुकी हूँ ....अब इसका रिप्लाइ नही आया तो मैं सो जाउंगी ...'
और तीसरा मैसेज एक मिनिट पहले ही आया था..अजय ने जल्दी से वट्सएप पर उसका रिप्लाइ भेजा 'सॉरी .... मैं ज़रा प्राची के पास गया था...फ़ोन यही रह गया था...'
अंजलि को वो पहले ही बता चुका था की आज की रात वो अकेला है...उसकी बीबी अपनी माँ के घर है...
उधर से भी जल्द ही रिप्लाइ आ गया 'ओके ....तो बताओ फिर....क्या इरादे है...'
अजय : 'मेरे इरादे तो बहुत ख़तरनाक है...आप बताओ....'
अंजलि : 'चलो...वेब चेट पर आओ...'
अजय ने फॉरन अपना लेपटॉप ऑन किया...अंजलि से बात करने भर से उसे इतनी एक्साइटमेंट हो रही थी की लेपटॉप स्टार्ट होने में लग रहा थोड़ा सा टाइम भी उसे चुभ रहा था.
कनेक्ट करने के 1 मिनट बाद ही अंजलि भी ऑनलाइन आ गयी.
उनके कमरे में अंधेरा था..पर साइड लेम्प की रोशनी में वो अंजलि भाभी के चेहरे को साफ़ देख पा रहा था...उन्होने रेड कलर का गाउन पहना हुआ था..पर गले मे उन्होने एक चुनरी भी डाली हुई थी.
जिसे देखकर अजय भी चकरा गया...कोई भला रात के समय और वो भी गाउन के उपर चुनरी पहनता है क्या
उसने हाय -हेलो के बाद सीधा यही प्रश्न किया : ''भाभी....ये रात के समय दुपट्टा क्यो पहन रखा है...''
वो मुस्कुराइ...अपने होंठों को दाँत में दबाया और बोली : ''बता दूँगी....इतनी जल्दी क्या है...''
दोनो ने ही हेड फोन पहने हुए थे...लेकिन जिस अंदाज और उँची आवाज़ में वो बात कर रही थी, अजय को डर लगने लगा की कही उसका फ्रेंड अनिल ना सुन ले.
अजय : "धीरे बोलो भाभी...अनिल ना सुन ले ये सब...उसको अगर पता चला की मैं इतनी रात को आपसे बात कर रहा हूँ तो मुसीबत हो जाएगी ...''
अंजलि ने लेपटॉप की स्क्रीन घुमा कर खर्राटे मार रहे अनिल की तरफ कर दी और फिर अपनी तरफ घुमा कर बोली : "ये तो पीने के बाद ऐसी गहरी नींद में सोते है की अगर घर में आग भी लग जाए तो फायरब्रिगेड वाले भी इन्हे सोते हुए ही बाहर निकालेंगे..पर इनकी नींद नही खुलेगी..''
अजय हंस दिया...उसे भी पता था की पीने के बाद अनिल जल्द ही आउट हो जाता है...उसने कई बार ऑफीस की पार्टीस के बाद अनिल को बेहोशी जैसी हालत में उसके घर छोड़ा था..पर पहले वो अंजलि भाभी के बारे में ऐसे नही सोचता था जैसे अब सोचने लगा है...काश उनके बीच की ये झिझक पहले खुल गयी होती तो उन दिनों हाथ में आए कई मौके ना खोने पड़ते.
अंजलि : "इनके दोस्तो के लिए खाना बनाते-2 पूरा शरीर दुख रहा है...''
वो अपने हाथ से ही अपनी बाजू दबा रही थी.
अजय : "मैं होता तो अभी आपकी मालिश कर देता...दस मिनट में ही पूरी बॉडी को आराम मिल जाता..''
अंजलि : "तुम तो बस बाते करते रहना...तुम्हारे बस का कुछ नही है...''
वो शायद अजय को पहले दिए गये मौके के बारे मे याद दिला रही थी...जब वो उन्हे अनदेखा करके सोनी से मिलने उसके घर चला गया था..
अजय : "उस दिन की बात छोड़ो भाभी...अब की बात कर रहा हूँ ...इस बार आपको निराश नही करूँगा...''
इतना कहते हुए अजय ने बड़ी ही बेशर्मी के साथ अपने लंड के उपर हाथ फेरना शुरू कर दिया...लेपटॉप उसके घुटने के उपर था...इसलिए वो सॉफ देख पा रही थी की अजय का ये गंदा इशारा किसलिए है..
अजय की टाँगो के बीच आए इस उभार को देखकर एक मिनट में ही अंजलि भाभी के चेहरे की रंगत बदल गयी...उनकी आँखो में लाल डोरे उतर आए...और उनका चेहरा स्मूथ सा हो गया.
वो बोली : "ठीक है.....जब तुम इतना कह ही रहे हो तो एक मौका तो बनता ही है...बोलो...क्या करोगे अगर मैं मिल गयी तो...''
अंजलि भाभी के पूछने का तरीका ही इतना सेक्सी था जैसे वो डाइरेक्ट्ली पूछ रही हो 'कैसे चोदोगे अगर मिल तो'
अजय : "वो तो मैं बता ही दूँगा...पर ये परदा क्यों लगा रखा है...इसे तो हटाओ...''