08-07-2022, 05:05 PM
(08-07-2022, 05:02 PM)neerathemall Wrote: पापा खुद भी अपने लम्बे और मोटे लंड के जोरदार धक्के देकर मुझे लगातार चोदे जा रहे थे उनका लंड बिल्कुल पिस्टन की तरह मेरी चूत में चल रहा था और अंदर बाहर हो रहा था और फिर देखते ही देखते वो झड़ गये और उन्होंने अपना वीर्य अंदर ही डाल दिया, जिसकी वजह से मेरी चूत में ऐसा लगा जैसे किसी ने गरमा गरम लोहा डाल दिया हो मेरी चूत में अब आनंद की कोई सीमा नहीं थी इसलिए में बहुत मस्त थी और अपने पापा से अपनी चुदाई करवा रही थी. तो उसके बाद हम दोनों बहुत ज्यादा थककर एक दूसरे से चिपककर लेटे रहे, लेकिन मेरी चुदाई का यह दौर ऐसे ही चलता रहा और मैंने अपने पापा के लंड से अपने हर एक छेद को उनके वीर्य से पूरा भर दिया बहुत मज़े किए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.