08-07-2022, 04:53 PM
रवि ने बहन का कहा मान कर अपनावीर्य उस्की चूत मे चोड दिया फिर उसे अब मूत्र भी आने लगा। वह फिर से बहन के कहे अनुसार उसकी गाण्ड के गोलों पर अपना मूत्र-विसर्जन करने लगा।
"अरे बस ना, यह क्या कर रहा है?"
रवि तो मूतता ही गया। उसे पूरा मूत्र से भिगा दिया। वो शान्ति से मूत्र से नहाती रही। शायद यह उसके लिये आनन्ददायी था।
"बस हो गया ना?"
"हाँ दीदी, पूरा मूत दिया। पर यह बिस्तर तो पूरा भीग गया है!" रवि ने चिन्ता जताई।
"चल मेरे बिस्तर पर सो जाना!" ममता ने उसे सुझाया।
दोनों ही ममता के बिस्तर पर जा कर सो गये। सुबह दोनों ही देर से उठे।
"तू ममता के बिस्तर पर क्या कर रहा है?" मम्मी की गरजती हुई आवाज आई।
"मम्मी, रवि ने अपना बिस्तर गीला कर दिया है" ममता ने नींद में कहा।
"क्या?"
"सॉरी मम्मी, रात को सपने में पेशाब कर रहा था, तो सच में ही बिस्तर में कर दिया" रवि जल्दी से उठ कर बैठ गया। मम्मी जोर से हंस पड़ी।
"अच्छा चल अब चाय पी लो!" मम्मी हंसते हुए चली गई।
मम्मी भाई-बहन का प्यार देख कर खुश थी पर वो नहीं जानती थी कि उन्होंने तो रात को मम्मी-पापा का खेल खेला है। रवि मुझे देख कर झेंप गया।
"सॉरी दीदी, रात को अपन जाने क्या करने लगे थे?" रवि सर झुका कर कह रहा था। वो समझ गया था कि उसने दीदी को चोद दिया है।
"चुप बे सॉरी के बच्चे! आज रात को देख! मैं तेरा क्या हाल करती हूँ?" ममता ने खिलखिला कर कहा।
"दीदी, आज रात को फिर से वही खेल खेलेंगे, ओह दीदी, तुम बहुत अच्छी हो।" कह कर रवि ममता से लिपट गया।
मम्मी मेज पर बैठी दोनों को आवाजें लगा रही थी,"अब सुस्ती छोड़ो, चलो नाश्ता कर लो!"
दोनों एक-दूसरे को देख कर बस मुस्करा दिए और जल्दी से बाथरूम की ओर भागे।
"अरे बस ना, यह क्या कर रहा है?"
रवि तो मूतता ही गया। उसे पूरा मूत्र से भिगा दिया। वो शान्ति से मूत्र से नहाती रही। शायद यह उसके लिये आनन्ददायी था।
"बस हो गया ना?"
"हाँ दीदी, पूरा मूत दिया। पर यह बिस्तर तो पूरा भीग गया है!" रवि ने चिन्ता जताई।
"चल मेरे बिस्तर पर सो जाना!" ममता ने उसे सुझाया।
दोनों ही ममता के बिस्तर पर जा कर सो गये। सुबह दोनों ही देर से उठे।
"तू ममता के बिस्तर पर क्या कर रहा है?" मम्मी की गरजती हुई आवाज आई।
"मम्मी, रवि ने अपना बिस्तर गीला कर दिया है" ममता ने नींद में कहा।
"क्या?"
"सॉरी मम्मी, रात को सपने में पेशाब कर रहा था, तो सच में ही बिस्तर में कर दिया" रवि जल्दी से उठ कर बैठ गया। मम्मी जोर से हंस पड़ी।
"अच्छा चल अब चाय पी लो!" मम्मी हंसते हुए चली गई।
मम्मी भाई-बहन का प्यार देख कर खुश थी पर वो नहीं जानती थी कि उन्होंने तो रात को मम्मी-पापा का खेल खेला है। रवि मुझे देख कर झेंप गया।
"सॉरी दीदी, रात को अपन जाने क्या करने लगे थे?" रवि सर झुका कर कह रहा था। वो समझ गया था कि उसने दीदी को चोद दिया है।
"चुप बे सॉरी के बच्चे! आज रात को देख! मैं तेरा क्या हाल करती हूँ?" ममता ने खिलखिला कर कहा।
"दीदी, आज रात को फिर से वही खेल खेलेंगे, ओह दीदी, तुम बहुत अच्छी हो।" कह कर रवि ममता से लिपट गया।
मम्मी मेज पर बैठी दोनों को आवाजें लगा रही थी,"अब सुस्ती छोड़ो, चलो नाश्ता कर लो!"
दोनों एक-दूसरे को देख कर बस मुस्करा दिए और जल्दी से बाथरूम की ओर भागे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.