08-07-2022, 04:50 PM
"दीदी, क्रीम दो ना, पीछे लगाता हूँ!"
"ओह, हाँ! यह ले!" ममता ने क्रीम उसे थमा दी और मम्मी जैसे पलट कर घोड़ी बन गई।
रवि ने उसके गोल मटोल चूतड़ देख तो सन्न से रह गयान इतने सुन्दर, चिकने, आखिर वो भरी जवानी में जो थी। उसका लण्ड कड़कने लग गया। बार-बार जोर मारने लगा। रवि ने उसकी गाण्ड पर हाथ फ़ेरा तो ममता सीत्कार कर उठी, उसकी गाण्ड के छेद की सलवटें उसे रोमांचित करने लगी।
रवि ने अंगुली में क्रीम लगा कर उसके छेद पर मला और अपनी अंगुली घुसाने का यत्न करने लगा। ममता को गुदगुदी होने लगी। उसने और क्रीम ली और अपनी अंगुली को छेद में दबा दी। वो थोड़ा सा अन्दर घुस गई। ममता ने रवि के घोड़े जैसा लण्ड को पकड़ लिया और ऊपर नीचे दोनों हाथों से ऊपर नीचे चलाने लगी।
"दीदी, बहुत मजा आ रहा है ... करती रहो!" रवि के मुख से सिसकारियाँ निकल रही थी।
"आया ना मजा? अभी और मजा आयेगा, देखना!" ममता के मुख से भी सिसकारी निकल पड़ी।
ममता तो वासना की गुड़िया बन चुकी थी। रवि गाण्ड में अंगुली घुमाता रहा लेकिन फिर उसने बाहर निकाल ली।
ममता ने महसूस किया कि कोशिश करने पर रवि का लण्ड भीतर जा सकता है,"रवि , अब तू पापा की तरह कर, अपना लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड़ दे!"
रवि का लण्ड बहुत सख्त हो चुका था, उसने उसके चूतड़ों को खोल कर लण्ड को छेद पर रखा और दबाने लगा, नहीं गया तो नहीं ही गया।
"अरे रवि , और जोर लगा ना!" ममता की गांड में कुछ कुछ होने लगा.
"ओह, हाँ! यह ले!" ममता ने क्रीम उसे थमा दी और मम्मी जैसे पलट कर घोड़ी बन गई।
रवि ने उसके गोल मटोल चूतड़ देख तो सन्न से रह गयान इतने सुन्दर, चिकने, आखिर वो भरी जवानी में जो थी। उसका लण्ड कड़कने लग गया। बार-बार जोर मारने लगा। रवि ने उसकी गाण्ड पर हाथ फ़ेरा तो ममता सीत्कार कर उठी, उसकी गाण्ड के छेद की सलवटें उसे रोमांचित करने लगी।
रवि ने अंगुली में क्रीम लगा कर उसके छेद पर मला और अपनी अंगुली घुसाने का यत्न करने लगा। ममता को गुदगुदी होने लगी। उसने और क्रीम ली और अपनी अंगुली को छेद में दबा दी। वो थोड़ा सा अन्दर घुस गई। ममता ने रवि के घोड़े जैसा लण्ड को पकड़ लिया और ऊपर नीचे दोनों हाथों से ऊपर नीचे चलाने लगी।
"दीदी, बहुत मजा आ रहा है ... करती रहो!" रवि के मुख से सिसकारियाँ निकल रही थी।
"आया ना मजा? अभी और मजा आयेगा, देखना!" ममता के मुख से भी सिसकारी निकल पड़ी।
ममता तो वासना की गुड़िया बन चुकी थी। रवि गाण्ड में अंगुली घुमाता रहा लेकिन फिर उसने बाहर निकाल ली।
ममता ने महसूस किया कि कोशिश करने पर रवि का लण्ड भीतर जा सकता है,"रवि , अब तू पापा की तरह कर, अपना लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड़ दे!"
रवि का लण्ड बहुत सख्त हो चुका था, उसने उसके चूतड़ों को खोल कर लण्ड को छेद पर रखा और दबाने लगा, नहीं गया तो नहीं ही गया।
"अरे रवि , और जोर लगा ना!" ममता की गांड में कुछ कुछ होने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.