08-07-2022, 04:42 PM
फिर में बहुत हैरानी से देख रही थी कि पापा का लंड बहुत तेज़ी से सफेद वीर्य की धार छोड़ रहा था। तो मम्मी पास पड़े हुए गाऊन को उठाने के लिए बड़ रही थी कि तभी मम्मी ने अपने दोनों हाथों से उस रबड़ी को लेते हुए अपने मुहं के हवाले कर दिया। मैंने ऐसा नजारा ना आज तक देखा था और ना ही कभी आगे देखने की उम्मीद थी। फिर नीचे अब उनकी चुदाई खत्म हो चुकी थी। मम्मी अपने शरीर को साफ करने के लिए टॉयलेट चली गई थी और पापा नंगे बेड पर लेटे हुए आराम कर रहे थे और मैंने भी अब वहाँ से खिसकने में ही भलाई समझी और दबे पैर अपने रूम में आ गयी और में बहुत थक गई थी इसलिए ज़ल्दी ही नंगी ही सो गयी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.