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Adultery मेरा भीगा बदन - मेरी भीगी चूत
#8
सका लण्ड बाहर निकल आया और अपना वीर्य बिस्तर पर गिराने लगा। कुछ देर तक यूं ही माल निकलने का सिलसिला चलता रहा। फिर उस बिस्तर से उठे और हम दोनों दूसरे बिस्तर पर नंगे ही जाकर लेट गये ... और फिर जाने कब हम दोनों ही सो गये।

मुझे लगा कि कोई मुझे बुरी तरह झकझोर रहा है ... मेरी आंख खुल गई ... सवेरा हो चुका था ... पर ये रवि ... मेरी चूत में अपना लण्ड घुसाने का प्रयत्न कर रहा था ... मुझे हंसी आ गई ... मैंने अपने दोनों टांगें पसार दी और उसका लण्ड अपनी चूत में समेट लिया। उसे अपने से कस कर सुला लिया। मैं सुबह सवेरे फिर से चुद रही थी ... मुझे अपनी सुहागरात की याद दिला रही थी ... सोना नहीं ... बस चुदती रहो ... सुबह चुदाई, दिन को चुदाई रात को तो पूछो मत ... शरीर की मां चुद जाती थी ... हाय मैंने ये क्या कह दिया .
..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मेरा भीगा बदन - मेरी भीगी चूत - by neerathemall - 08-07-2022, 04:19 PM



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