08-07-2022, 04:08 PM
सरिता भाभी और मै दोनों ही गरम और रोमेंटिक मूड में आ गये थे और भाभी ने मुझे देखते हुए वापस अपने होठ मुझसे मिलाये और मेरे होठ चूसने लगी। यह सब किसी हिंदी मूवी की तरह हो रहा था और अब मेने भी भाभी की गांड पर हाथ फेरने शुरू कर दिए। भाभी का सूट पूरी तरह उनके जिस्म से गिला होने के बाद चिपक चूका था और मै अपने दोनों हाथ भाभी की गांड से लेकर उनकी नंगी पीठ पर फेरे जा रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
