08-07-2022, 04:03 PM
स दिन मौसम काफी सुहाना था और पल्लवी ने एक मस्त स्लीव लेस टॉप पहन रखी थी. उसकी टॉप बहुत ही लूज थी. नीचे पल्लवी ने मिनी स्कर्ट पहना हुआ था. जिसमें से उसकी टांगें दिखती थीं और बैठने पर जांघ तक का नज़ारा सामने होता था. उसकी कॉफी के रंग जैसी टांगों को देख – देख कर मेरा लंड तन रहा था.
कभी – कभी बैठने पर उसकी मिनी स्कर्ट के अंदर से उसकी लाल फूल वाली चड्डी भी साफ़ दिखाई दे जाती थी. हम दोनों यूं ही मस्ती कर रहे थे कि तभी संयोग से अचानक तेज बारिश होने लगी.
बारिश में हम दोनों भीग रहे थे. तभी मेरी नज़र उसके आम जैसे मम्मों पर पड़ी. उसकी चूचियां तनी हुई थीं और ऊपर से बारिश का पानी मेरे अंदर आग में घी डालने जैसा था. यह सब देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाया. जब वो अचानक हुई बारिश से आह… आह… कर के चिल्ला कर भागी तो मेरी मर्दानगी पूरी तरह जाग गई थी.
बारिश में भीग कर भागते हुए उसके हिलते – डुलते मम्मे मुझे स्लो मोशन में दिखाई दे रहे थे. जिन्हें देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. बारिश के साथ – साथ चल रही हवा से उसका मिनी स्कर्ट भी ऊपर की तरफ उड़ रहा था. जिससे मुझे पैंटी के ऊपर से उसकी गांड दिख रही थी.
उसके मस्त बोबे, गांड, आंख, होंठ और ऊपर से बारिश में खिलखिलाती उसकी आवाज़ सब क़यामत ढा रहे थे. काफी देर तक भीगने के बाद फिर मैंने उसे एक पुराने झोपड़े के अंदर चलने को कहा. जहाँ पर मैंने पहले से ही मौका देख कर खुशबूदार फूल बिछा दिए थे.
अंदर पहुँचते ही फूलों को देख कर वो हैरान रह गयी और बोली कि ये सब क्या है? इस पर मैं पल्लवी से बोला कि सब तुम्हारे लिए ही है. मेरी बात सुन कर वो शरमा गयी और अपनी नज़रे बड़े ही नज़ाकत से नीची कर ली.
अब मुझे मौका मिल गया. फिर मैंने आगे बढ़ कर उसकी चूत पर एक अंगुली रख दी और उसके होंठों को चूम लिया. वो इतने में ही गर्म हो गयी. अब मुझे जो चाहिए था वो मिल गया.
फिर मैंने उसके टॉप को उतार फेंका और भीगी हुई ब्रा को साइड में करके उसके मम्मे चूसने लगा. गज़ब की मिठास थी उसके छोटे – छोटे मम्मों में. अब वो आह – आह करने लगी. उसकी आहों से मेरा दिल मचल गया और मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर करके पैंटी में हाथ उसकी चूत में अंगुली कर दी.
कभी – कभी बैठने पर उसकी मिनी स्कर्ट के अंदर से उसकी लाल फूल वाली चड्डी भी साफ़ दिखाई दे जाती थी. हम दोनों यूं ही मस्ती कर रहे थे कि तभी संयोग से अचानक तेज बारिश होने लगी.
बारिश में हम दोनों भीग रहे थे. तभी मेरी नज़र उसके आम जैसे मम्मों पर पड़ी. उसकी चूचियां तनी हुई थीं और ऊपर से बारिश का पानी मेरे अंदर आग में घी डालने जैसा था. यह सब देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाया. जब वो अचानक हुई बारिश से आह… आह… कर के चिल्ला कर भागी तो मेरी मर्दानगी पूरी तरह जाग गई थी.
बारिश में भीग कर भागते हुए उसके हिलते – डुलते मम्मे मुझे स्लो मोशन में दिखाई दे रहे थे. जिन्हें देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. बारिश के साथ – साथ चल रही हवा से उसका मिनी स्कर्ट भी ऊपर की तरफ उड़ रहा था. जिससे मुझे पैंटी के ऊपर से उसकी गांड दिख रही थी.
उसके मस्त बोबे, गांड, आंख, होंठ और ऊपर से बारिश में खिलखिलाती उसकी आवाज़ सब क़यामत ढा रहे थे. काफी देर तक भीगने के बाद फिर मैंने उसे एक पुराने झोपड़े के अंदर चलने को कहा. जहाँ पर मैंने पहले से ही मौका देख कर खुशबूदार फूल बिछा दिए थे.
अंदर पहुँचते ही फूलों को देख कर वो हैरान रह गयी और बोली कि ये सब क्या है? इस पर मैं पल्लवी से बोला कि सब तुम्हारे लिए ही है. मेरी बात सुन कर वो शरमा गयी और अपनी नज़रे बड़े ही नज़ाकत से नीची कर ली.
अब मुझे मौका मिल गया. फिर मैंने आगे बढ़ कर उसकी चूत पर एक अंगुली रख दी और उसके होंठों को चूम लिया. वो इतने में ही गर्म हो गयी. अब मुझे जो चाहिए था वो मिल गया.
फिर मैंने उसके टॉप को उतार फेंका और भीगी हुई ब्रा को साइड में करके उसके मम्मे चूसने लगा. गज़ब की मिठास थी उसके छोटे – छोटे मम्मों में. अब वो आह – आह करने लगी. उसकी आहों से मेरा दिल मचल गया और मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर करके पैंटी में हाथ उसकी चूत में अंगुली कर दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.