08-07-2022, 02:51 PM
मेरी आपा पूरी तरह से सिडयूड होने लगी थी और मेरा लंड भी फूलने लगा था. मेरे सब्र का बांध टूट रहा था और मैने अपनी ऊँगली उनकी चूत पर रख दी और उनकी गुलाबी चूत के होठों को सहलाने लगा और दबाने लगा. मैने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डालने के लिए बढाई, तो उन्होंने मेरा हाथ रोक लिया और बोली – अब क्या करना चाहते हो? अब और नहीं करो ये सब. वो मुझे मना जरुर कर रही थी, लेकिन उनकी आवाज़ में एक मदहोशी थी. मैं नहीं रुका और मैने अपनी स्पीड बड़ा दी. हम दोनों एक दुसरे के सामने नंगे खड़े हुए थे. मैने उनके मम्मे को अपने हाथो में ले लिया उनको दबाना स्टार्ट कर दिया. और उनको बेरहमी से चूस भी रहा था. हम सेक्स के उस मोड़ पर थे, जहाँ से कोई वापस नही जा पाता ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.