08-07-2022, 02:38 PM
मैं मेरी आपा के अंतह वस्त्र अर्थात उनकी ब्रा और पेंटी देखकर ही गरम हो जाया करता था. कभी-कभार बाथरूम में जाकर मुठ (हस्तमैथुन) भी मार लेता था. बात उनदिनों की है, जब मेरी अम्मी जान और अब्बू जान को मेरी नानी के घर जाना पड़ा इर मेरे एग्जाम के कारण मैं नहीं जा पाया था. मैने अम्मी जान को बोला – आप खाला को बुलवा लो. वो मेरी देखभाल कर लेगी. मैंने मेरी सेक्सी और जवान शादीशुदा खाला को मेरी देखभाल और घर के कम के बहाने से था लेकिन, मेरे डर्टी माइंड में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी और मैं मन ही मन सोच रहा था, शायद अपनी खाला की चूत चोदने की की मेरी मुराद पूरी हो जाए. अम्मी जान ने दीदी को बुला लिया. वो अगले दिन जीजा जी के साथ घर आ गयी और दो दिन बाद जीजा जी लौट गये और मेरी अम्मी जान और अब्बू भी उसी दिन मामा जी के यहाँ चले गये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.