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Fantasy छोटी छोटी कहानियां
#4
मंगूलाल की फौज चित्रा को लेकर गांव में पहुंची। गांव सालो से खाली और खंडर था। कोई यहां रहता नही सिवाय इन बुड्ढे लोगो के। यह सभी बुड्ढे लोगो को राक्षसों ने श्राप दिया। ये लोगों ने अपना परिवार खो दिया। करीब २००० लोगो का खुले कत्लेआम हुआ और इन्ही सब से बदला लेना चाहते है ये जादूगर लोग। इन सब जादूगरों की खास बात

मंगूलाल - अग्नि को निगल सकता है और अग्नि वर्षा भी कर सकता है।
हल्दी - अपने जादू से बर्फ बना सकता है इंसानों को।
सुक्र - तूफान का जादूगर।
सांभा - लोगो के दिमाग में घुस सकता है।
बाकी सभी लोगो के पास अलग अलग विद्या है।

      ये सभी बुड्ढे दिखाने में काले और मेले लगते है क्योंकि कोई उनको पहचान न ले। चित्रा और मंगूलाल मिट्टी के घर में आ पहुंचे। घर बहुत बड़ा था। चित्रा घबराई हुई थी। उसे बुरा लग रहा था की उसकी शादी एक जवान नही बल्कि मेले कुचले बुड्ढे से हुई जो उसके दादा से भी बड़ा था। लेकिन यही बुड्ढा इसे बचा सकता था तो अब सत्य को स्वीकारना जरूरी था। मंगूलाल और चित्रा पति पत्नी है यही सत्य है।

मंगूलाल का कमरा बहुत बड़ा था लेकिन खंडर। मंगूलाल ने अपने बिस्तर के बगल में चित्रा के लिए बिस्तर लगवाया । चित्रा ने साड़ी बदल लिया। वो बिस्तर पर लेटी तभी मंगूलाल को देखकर खड़ी हो गईं । मंगूलाल बिस्तर पे बैठा और कड़क आवाज में बोला "एक बात समझलो। अब से तुम मेरी पत्नी हो और अब से तुम्हे बचाने को रक्षा करने की जिम्मेदारी मेरी । इस घर में तुम पूरी तरह से स्वतंत्र हो। को मन करे वो करो। ये गांव इतना बड़ा है की पूरा शहर आ जाए तो भी कम। लेकिन जब भी कही निकालना तो बस बता देना जिससे सुरक्षा में कोई कमी न बाकी हो।"

चित्रा कुछ बोले बिना बैठ गई और मंगूलाल को दूध का गलास दिया। मंगूलाल दूध पीकर लेट गया और चित्रा से कहा "कल तुम्हारा पहला दिन होगा इसीलिए खाना तुम ही रोज बनाओगी। तुम्हारा काम बस खाना बनाना और बाकी के दिन जो करना चाहो करो।

   मंगूलाल और चित्रा सो गए। इस किल्ले जैसे मिट्टीवाले बड़े हवेली का देखभाल सभी बुड्ढे करते है। हर एक घंटे एक आदमी पहरा देता। चित्रा सोच रही थी की कहा वो रूप की रानी इन बुड्ढे लोगो के साथ रहनेवाली हैं। मंगूलाल खर्राटे मारकर सो रहा था। चित्रा को देखते देखते नींद आ गई और वो गहरी नींद में सो गई।

    सुबह हुई और चित्रा उठ गई। चित्रा के साथ मंगूलाल भी उठ गया। चित्रा ने देखा तो मंगूलाल खैली छोटे से लंगोट में था और पूरे शरीर में सफेद बाल और काला शरीर। चमड़ी लटकी हुई। मंगूलाल स्नान करने चला गया। चित्रा ने कमरे की सफाई की। मंगूलाल वापिस आया और बोला "तुम भी चलो नहाने।"

चित्रा शर्मा गई। वो चल दी। घर केनपीचे एक बहुत ही बड़ा और सुंदर तालाब है। चित्रा नहाने गई और मंगूलाल बहुत दूर चला गया और गांजा फूकने लगा। चित्रा नहाने लगी तालाब में। दूध सा गोरा रंग जब उसका पानी में उतरा तो पानिंके आर पार भी उसका शरीर उसे दिखा। चित्रा नहाकर निकली और साडी पहन लिया। चित्रा ने देखा कि नहाते वक्त मंगूलाल दूसरी ओर पीठ करके बैठा था। और उसकी नजर दूसरी जगह पर थी। वो लगातार चित्रा को छोड़कर सभी जगह नजर घुमा रहा था ताकि हमला अगर हो तो जवाब उसका दे सके। चित्रा को लेकर वापिस हवेली गया। 

    चित्रा रसोईघर गई और खाना बनाने लगी। दोपहर का वक्त हुआ और चित्रा ने खाना बना लिया। सभी लोग एक की लाइन में बैठ गए खाना खाने। मंगूलाल ने जैसे ही खाने का निवाला मुंह में डाला उसे तो जैसे आनंद का अनुभव हुआ। खाना बहुत स्वादिष्ट और उत्तम। 

हल्दी बोल पड़ा "भाभीजी बहुत ही बढ़िया स्वाद है । मैने ऐसा खाना कितने सालो बाद खाया।"

 सभी लोग खुश हुए। बार बार चित्रा की तारीफ कर रहे थे। मंगूलाल ने कुछ न कहा। न तारीफ की और न अपने चेहरे का हाव भाव बदला। लेकिन उसे भोजन  बहुत पसंद आया। 

    ऐसे कुछ दिन बीत गए। सभी लोग चित्रा के साथ खुश थे। जब मन करता लोग उसके साथ बात करते और कुछ भी बनवाके खा लेते। उन सभी लोगो को चित्रा के साथ अच्छा लगने लगा। एक रात सभी लोगो ने संगीत का आयोजन किया। 

     चित्रा बीच में बैठी थी। सभी लोग अलग अलग instrument बजा रहे थे और आवाज चित्रा की थी। चित्रा के सुर इतने सुरीले की बेजान शरीर में जान आ जाएं और किसी को मोह ले वैसा। सभी लोग मोहित हो गए। मंगूलाल को भी बहुत अच्छा लगा। लेकिन तभी एक जोर का धमाका हुआ। बाहर सभी ने देखा कि रक्षाशो की सेना ने हवेली को चारो तरफ से घेर लिया । मंगूलाल ने अग्नि तंत्र से आक्रमण किया तो हल्दी ने तीर चलाया। सुक्र ने ऐसा भयानक तूफान पैदा किया की चन्द देर में आधी सेना ध्वस्त हुई। करीब १ हजार तीर हवेली की तरफ आई। चित्रा को बचाते हुए मंगूलाल ने उसे अपनी और खींचा और कमरे में ले गया। इन सब में उसके पैर और हाथ पर तीर लगा। सभी बच गए लेकिन मंगूलाल घायल हुआ। सांभा ने तोप से आक्रमण किया और ऐसा भयानक आक्रमण किया की सभी लोग भाग गए। 

     मंगूलाल बेहोश हुआ। सभी लोग उसे लेकर कमरे में गए। उसका इलाज हुआ। चित्रा ने इलाज अकेले ही कर दिया। मंगूलाल खतरे से बाहर । चित्रा रोने लगी कि उसकी वजह से ये सब हो रहा है। चित्रा  मंगूलाल की सेवा में  लग गई। चित्रा ने मंगूलाल के प्रत्ये मान आने लगा। हवेली की सुरक्षा बढ़ा दी गई। अब ज्यादातर चित्रा ही मंगूलाल के साथ रहती। मंगूलाल और चित्रा अब वक्त बिताने लगे। चित्रा को मंगूलाल अब अच्छे लगने लगे। दोनो साथ में घूमते,  बाते करते, कभी कभी सभी के साथ पुरानी बाते करते। चित्रा और मंगूलाल जंगल में घूमते और पूरे दिन वहा रहते। 

    एक दिन मंगूलाल ने चित्रा को लेकर जंगल गया। जंगल में बारिश हुई। दोनो दौड़ते हुए झोपड़ी में जा पहुंचे। दोनो का बदन भीग चुका था। चित्रा पल्लू को हटाकर बैठ गई। मंगूलाल ने जब चित्रा को देखा तो सामने बिना पल्लू के चित्रा को देखता रह गया । अब देखना ये है की आगे यानी आखिरी एपिसोड में क्या होगा ।
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RE: छोटी छोटी कहानियां - by Vissle - 08-07-2022, 04:25 PM



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