24-05-2019, 06:35 PM
चुम्बन यात्रा
और चुम्बन यात्रा वहां रुकी पर ठहरी नहीं ,...
सरक कर उनकी नाभि के चारों ओर चक्कर काट कर , ...
मैं नयी थी , उमर की बारी थी , नवल किशोरी ,... लेकिन अपनी भाभी की पाठशाला की पक्की शिष्या , ...
और शादी तय होने के बाद के बाद तो इनकी सलहज ने एक्स्ट्रा क्लास ले ले कर ,..
काम क्रीड़ा का कोई पाठ नहीं होगा जो आठ दस बार न पढ़ाया होगा , ....
और मेरी मम्मी भी , इनकी सास भी ,
मेरी माँ के साथ मेरी सबसे अच्छी सहेली भी थी , उन्होंने भी ,...
' वो ' क़ुतुबमीनार की तरह सर उठाये खड़ा था ,
एकदम इन्ही की तरह बेसबरा , लालची , भूखा , नदीदा ,...
मैंने हिम्मत कर के उसे देखा , भर आंख ,...
मेरी गुरुआनी , मेरी रीतू भाभी , इनकी सलहज ने सुबह दर्जन भर सवाल किया था ,
कितना लंबा है , कितना मोटा है , पूरा घोंटा की नहीं , नापा क्यों नहीं , मुट्ठी में पकड़ा की नहीं , चूमा की नहीं ,...
और उनसे भी बढ़कर मेरी मंझली ननद ने क्या खुल के नन्दोई के ,
उसका क्या गुण गान किया , लम्बाई , मोटाई , सुपाड़ा कितना मोटा है ,..
कितना कड़ा है , कितनी देर तक ,...
मेरा अंदाज उस समय एकदम सही था जब मैं अब खुल के देख रहे थे ,
ननद जी वाले से मेरा वाला २० नहीं पूरा २५ है , ...
और मैंने पकड़ लिया , पहले हलके से फिर कस के , ...
कल रात अभी मुश्किल से चौबीस घंटे हुए थे जब मेरी फाड़ के रख दी थी इसने ,
खून खच्चर ,... सब कुछ ,
और कुछ लजाते शर्माते ,... मैंने ऊँगली से ही नाप लिया ,
ये ट्रिक भी भौजी ने सिखाई थी , ऊँगली से लम्बाई , मोटाई नापने की ,
फिर मैथ मेरी अच्छी थी , हाईकॉलेज में १०० में १०० ,
मैंने गुणा भाग किया ,... और भाभी के लिए जवाब तैयार हो गया। .. पौने आठ से आठ के बीच ,... ( हालाँकि इनकी सलहज को इससे संतोष नहीं हुआ , ... जब होली में ये गए तो इनकी सलहज ने इनकी सबसे छोटी साली से स्केल से नपवाया , ... पूरे आठ इंच का निकला ),
मोटाई एकदम मेरी कलाई के बराबर ,..
मैंने अपनी चूड़ी के नंबर से अंदाज लगा लिया ,.. ढाई इंच से थोड़ा ज्यादा ,...
लेकिन मेरे होंठ भी ललचा रहे थे।
और ऊपर से जो आज मंझली ननद ने कहा था ,
किस तरह सुहागरात की अगली रात नन्दोई जी , उनके लाख मना करने पर चमचम चूसा कर के ही माने ,... और वो और दुलारी दोनों मेरे पीछे ,...
भाभी आज की रात भइया बिना चुसाये छोड़ेंगे नहीं ,...
सच में बहुत मस्त लग रहा था , खूब कड़ा , खड़ा प्यारा मीठा मीठा ,...
चूंसने की हिम्मत तो नहीं पड़ी मेरी , पर मेरी लालची जीभ उसके बेस पर बस जैसे गलती से एक दो बार टच कर गयी , उतना काफी था।
बस मस्ती से काँप गए ,... मैं जान रही थी मन उनका खूब कर रहा है ,
लेकिन वो शर्मीले , लजीले ,... मुझसे न बोल पाएंगे , न अपने दिल की कह पाएंगे
पर मैं थी न उनके दिल की हर धड़कन समझने सुनने वाली ,...
बिना कहे उनके , उनके मन की हर बात मेरे मन में सीधे उतर जाती थी ,...
और जो मैं उसे मुठिया रही थी , एक झटके में उनका मोटा सुपाड़ा , खूब लाल बड़ा मोटा , एकदम खुल गया था , ...
पता नहीं क्या हो गया मुझे , मैं खुद ,... मेरी जीभ की टिप बस निकल कर उसे जस्ट टच कर गयी ,
शायद इतना विस्तार से मंझली ननद ने जो अपनी पहली चुस्सी का जिक्र किया था की
मैं अपने को रोक नहीं पायी ,..
लेकिन एक बार फिर , लीची ऐसे मोटे मस्त सुपाड़े को देखकर मेरा मन ,
अबकी मेरी जीभ ने दो चार बार सपड़ सपड़ , बस हलके से चाटा ,
लेकिन जबतक मैं अपने होंठो को हटा पाती ,
वो अपने को रोक नहीं पाए ,...
और यही तो मैं चाहती थी , वो अपने को रोक न पाएं ,...
कस के अपने दोनों हाथों को मेरे सर पे जोर से ,...
लेकिन उनकी सलहज की सीख , मेरी रीतू भाभी ने कम से कम दस बार इस बारे में सिखाया पढ़ाया था ,...
मैंने खूब बड़ा सा मुंह खोल लिया , जैसे कोई बड़ा सा लड्डू घोंट रही होंऊ ,
पर सबसे बड़ी बात जो इनकी सलहज ने सिखाया था , और मुझसे पूछ पूछ कर चेक किया था की मुझे याद है की नहीं , ... होंठ सीधे दांत के ऊपर , एकदम दांतों को ढंके ,... सिर्फ होंठ ही मेरे उनके 'उससे ' लगें ,... और कैसे हलके हलके होंठों से दबाना है ,
लेकिन जब उन्होंने कस के दबाया , धीरे धीरे कर के मेरे होंठों के बीच सुपाड़ा ,...
और मैं उनकी सलहज की बाकी सब पढ़ाई भूल गयी ,
कित्ता बड़ा मोटा ,... और स्वाद भी ,...
वो अभी भी पुश कर रहे थे , धीरे धीरे पूरा मोटा सुपाड़ा मेरे मुंह में ,...
और तब मुझे याद आया
भाभी की सीख , होंठों से हलके हलके दबाने की बात ,
जीभ से सहलाते हुए चाटने की बात ,...
और उस सीख ने और मुसीबत में डाल दिया मुझे ,... मेरे होंठों और जीभ का असर
उन्होंने और जोर से दबाया ,... धीरे धीरे आधा से ज्यादा ,...
और मेरे हलक तक ,... सिर्फ मोटा ही नहीं , वो लम्बा भी खूब था।
मैं चूसने की कोशिश कर रही थी , ननद जी ने खूब बोला था बड़ा मजा आया था उन्हें चूसने में , नन्दोई जी ऑलमोस्ट रोज ही उन्हें चुसाते हैं
लेकिन मैं ,...चोक करने लगी ,
मेरे मुंह से गों गों की आवाज निकल रही थी पर वो आज पहली बार इत्ती जोश में थे की उन्हें मेरी परवाह नहीं थी ,
और यही चाहती थी मैं,...
पर थोड़ी देर में उन्होंने मुंह से तो बाहर निकाल लिया लेकिन उनकी जो हालत थी ,
मैंने खुद अपनी टाँगे उठाकर उनके कंधे पर रख दी ,
वो मेरे अंदर
और चुम्बन यात्रा वहां रुकी पर ठहरी नहीं ,...
सरक कर उनकी नाभि के चारों ओर चक्कर काट कर , ...
मैं नयी थी , उमर की बारी थी , नवल किशोरी ,... लेकिन अपनी भाभी की पाठशाला की पक्की शिष्या , ...
और शादी तय होने के बाद के बाद तो इनकी सलहज ने एक्स्ट्रा क्लास ले ले कर ,..
काम क्रीड़ा का कोई पाठ नहीं होगा जो आठ दस बार न पढ़ाया होगा , ....
और मेरी मम्मी भी , इनकी सास भी ,
मेरी माँ के साथ मेरी सबसे अच्छी सहेली भी थी , उन्होंने भी ,...
' वो ' क़ुतुबमीनार की तरह सर उठाये खड़ा था ,
एकदम इन्ही की तरह बेसबरा , लालची , भूखा , नदीदा ,...
मैंने हिम्मत कर के उसे देखा , भर आंख ,...
मेरी गुरुआनी , मेरी रीतू भाभी , इनकी सलहज ने सुबह दर्जन भर सवाल किया था ,
कितना लंबा है , कितना मोटा है , पूरा घोंटा की नहीं , नापा क्यों नहीं , मुट्ठी में पकड़ा की नहीं , चूमा की नहीं ,...
और उनसे भी बढ़कर मेरी मंझली ननद ने क्या खुल के नन्दोई के ,
उसका क्या गुण गान किया , लम्बाई , मोटाई , सुपाड़ा कितना मोटा है ,..
कितना कड़ा है , कितनी देर तक ,...
मेरा अंदाज उस समय एकदम सही था जब मैं अब खुल के देख रहे थे ,
ननद जी वाले से मेरा वाला २० नहीं पूरा २५ है , ...
और मैंने पकड़ लिया , पहले हलके से फिर कस के , ...
कल रात अभी मुश्किल से चौबीस घंटे हुए थे जब मेरी फाड़ के रख दी थी इसने ,
खून खच्चर ,... सब कुछ ,
और कुछ लजाते शर्माते ,... मैंने ऊँगली से ही नाप लिया ,
ये ट्रिक भी भौजी ने सिखाई थी , ऊँगली से लम्बाई , मोटाई नापने की ,
फिर मैथ मेरी अच्छी थी , हाईकॉलेज में १०० में १०० ,
मैंने गुणा भाग किया ,... और भाभी के लिए जवाब तैयार हो गया। .. पौने आठ से आठ के बीच ,... ( हालाँकि इनकी सलहज को इससे संतोष नहीं हुआ , ... जब होली में ये गए तो इनकी सलहज ने इनकी सबसे छोटी साली से स्केल से नपवाया , ... पूरे आठ इंच का निकला ),
मोटाई एकदम मेरी कलाई के बराबर ,..
मैंने अपनी चूड़ी के नंबर से अंदाज लगा लिया ,.. ढाई इंच से थोड़ा ज्यादा ,...
लेकिन मेरे होंठ भी ललचा रहे थे।
और ऊपर से जो आज मंझली ननद ने कहा था ,
किस तरह सुहागरात की अगली रात नन्दोई जी , उनके लाख मना करने पर चमचम चूसा कर के ही माने ,... और वो और दुलारी दोनों मेरे पीछे ,...
भाभी आज की रात भइया बिना चुसाये छोड़ेंगे नहीं ,...
सच में बहुत मस्त लग रहा था , खूब कड़ा , खड़ा प्यारा मीठा मीठा ,...
चूंसने की हिम्मत तो नहीं पड़ी मेरी , पर मेरी लालची जीभ उसके बेस पर बस जैसे गलती से एक दो बार टच कर गयी , उतना काफी था।
बस मस्ती से काँप गए ,... मैं जान रही थी मन उनका खूब कर रहा है ,
लेकिन वो शर्मीले , लजीले ,... मुझसे न बोल पाएंगे , न अपने दिल की कह पाएंगे
पर मैं थी न उनके दिल की हर धड़कन समझने सुनने वाली ,...
बिना कहे उनके , उनके मन की हर बात मेरे मन में सीधे उतर जाती थी ,...
और जो मैं उसे मुठिया रही थी , एक झटके में उनका मोटा सुपाड़ा , खूब लाल बड़ा मोटा , एकदम खुल गया था , ...
पता नहीं क्या हो गया मुझे , मैं खुद ,... मेरी जीभ की टिप बस निकल कर उसे जस्ट टच कर गयी ,
शायद इतना विस्तार से मंझली ननद ने जो अपनी पहली चुस्सी का जिक्र किया था की
मैं अपने को रोक नहीं पायी ,..
लेकिन एक बार फिर , लीची ऐसे मोटे मस्त सुपाड़े को देखकर मेरा मन ,
अबकी मेरी जीभ ने दो चार बार सपड़ सपड़ , बस हलके से चाटा ,
लेकिन जबतक मैं अपने होंठो को हटा पाती ,
वो अपने को रोक नहीं पाए ,...
और यही तो मैं चाहती थी , वो अपने को रोक न पाएं ,...
कस के अपने दोनों हाथों को मेरे सर पे जोर से ,...
लेकिन उनकी सलहज की सीख , मेरी रीतू भाभी ने कम से कम दस बार इस बारे में सिखाया पढ़ाया था ,...
मैंने खूब बड़ा सा मुंह खोल लिया , जैसे कोई बड़ा सा लड्डू घोंट रही होंऊ ,
पर सबसे बड़ी बात जो इनकी सलहज ने सिखाया था , और मुझसे पूछ पूछ कर चेक किया था की मुझे याद है की नहीं , ... होंठ सीधे दांत के ऊपर , एकदम दांतों को ढंके ,... सिर्फ होंठ ही मेरे उनके 'उससे ' लगें ,... और कैसे हलके हलके होंठों से दबाना है ,
लेकिन जब उन्होंने कस के दबाया , धीरे धीरे कर के मेरे होंठों के बीच सुपाड़ा ,...
और मैं उनकी सलहज की बाकी सब पढ़ाई भूल गयी ,
कित्ता बड़ा मोटा ,... और स्वाद भी ,...
वो अभी भी पुश कर रहे थे , धीरे धीरे पूरा मोटा सुपाड़ा मेरे मुंह में ,...
और तब मुझे याद आया
भाभी की सीख , होंठों से हलके हलके दबाने की बात ,
जीभ से सहलाते हुए चाटने की बात ,...
और उस सीख ने और मुसीबत में डाल दिया मुझे ,... मेरे होंठों और जीभ का असर
उन्होंने और जोर से दबाया ,... धीरे धीरे आधा से ज्यादा ,...
और मेरे हलक तक ,... सिर्फ मोटा ही नहीं , वो लम्बा भी खूब था।
मैं चूसने की कोशिश कर रही थी , ननद जी ने खूब बोला था बड़ा मजा आया था उन्हें चूसने में , नन्दोई जी ऑलमोस्ट रोज ही उन्हें चुसाते हैं
लेकिन मैं ,...चोक करने लगी ,
मेरे मुंह से गों गों की आवाज निकल रही थी पर वो आज पहली बार इत्ती जोश में थे की उन्हें मेरी परवाह नहीं थी ,
और यही चाहती थी मैं,...
पर थोड़ी देर में उन्होंने मुंह से तो बाहर निकाल लिया लेकिन उनकी जो हालत थी ,
मैंने खुद अपनी टाँगे उठाकर उनके कंधे पर रख दी ,
वो मेरे अंदर