Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest मेरी बड़ी बहन की कातिल जवानी
#41
मजा बढ़ने के साथ लण्ड की औकात में भी बढोतरी होने लगी. सुपाड़ा गुलाबी से लाल हो गया था और नसों की रेखाएं लण्ड के ऊपर उभर आई थी.दीदी पूरी कोशिश करके अपनी हथेली की मुट्ठी बना कर पुरे लण्ड को कसते हुए अपना हाथ चला रही थी. फिर अचानक उन्होंने लण्ड को पकरे हुए ही मुझे पीछे की तरफ धकेला, मेरी पीठ पलंग की पुश्त से जाकर टकराई मैं अभी संभल भी नहीं पाया था की दीदी ने थोड़ा पीछे की तरफ खिसकते हुए जगह बनाते हुए अपने सर को निचे झुका दिया और मेरे लाल आलू जैसे चमचमाते सुपाड़े को अपने होंठो के बीच कसते हुए जोर से चूसा.[Image: ?u=https%3A%2F%2Ftse1.explicit.bing.net%...%3DApi&f=1]

मुझे लगा जैसे मेरी जान सुपाड़े से निकल कर दीदी के मुंह के अन्दर समा गई हो. गुदगुदी और मजे ने बेहाल कर दिया था. अपने नौजवान सुपाड़े को चमरी हटा कर पहले कभी पंखे के निचे हवा लगाता था तो इतनी जबरदस्त सनसनी होती थी की मैं जल्दी से चमरी ऊपर कर लेता था. यहाँ दीदी की गरम मुंह के अन्दर उनके कोमल होंठ और जीभ ने जब अपना कमाल सुपाड़े पर दिखाना शुरू किया तो मैं सनसनी से भर उठा. लगा की लण्ड पानी छोड़ देगा.[Image: ?u=https%3A%2F%2Ftse4.explicit.bing.net%...%3DApi&f=1]
घबरा कर दीदी के मुंह को अपने लण्ड पर से हटाने के लिए चूची छोड़ कर उनके सर को पकड़ ऊपर उठाने की कोशिश की तो दीदी मेरे हाथ को झटक लौड़े पर से मुंह हटाती हुई बोली “हाय राजू….तेरा लण्ड तो बहुत स्वादिष्ट है….खाने लायक है….तुझे मजा आएगा…….चूसने दे….देख हाथ से करने से ज्यादा मजा मिलेगा….” मैं घबराता हुआ बोला “पर…पर…दीदी मेरा निकल जायेगा,,,,बहुत गुदगुदी होती है…..जब चूसती हो…..हाय. इस पर दीदी खुश होती हुई बोली “कोई बात नहीं भाई….ऐसा होता है…..आज से पहले कभी तुने चुसवाया है…”“हाय…नहीं दीदी…कभी…नहीं….”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
RE: मेरी बड़ी बहन की कातिल जवानी - by neerathemall - 07-07-2022, 04:01 PM



Users browsing this thread: 12 Guest(s)