07-07-2022, 03:16 PM
उस दिन मैं उनसे नज़रे नहीं मिला पाता था. मेरी नज़रे जांघो से ऊपर उठ ही नहीं पाती थी. शोर्ट कुर्ती से झांकते चुस्त सलवार में कसे मोटे मोटे गदराये जांघ भला किसे अच्छे नहीं लगेंगे भले ही वो आपकी बहन के हो. पर इसके कारण आत्मग्लानी भी होती थी और मैं उनसे आंखे नहीं मिला पाता था.दीदी की चुत्तर और जांघो में जो मांसलता आई थी वही उनकी चुचियों में भी देखने को मिलती थी. उनके मोटे चुत्तर और गांड के अनुपात में ही उनकी चुचियाँ भी थी.
चुचियों के बारे में यही कह सकते है की इतने बड़े हो की आपकी हथेली में नहीं समाये पर इतने ज्यादा बड़े भी न हो की दो हाथो की हथेलियों से भी बाहर निकल जाये. कुल मिला कर ये कहे तो शरीर के अनुपात में हो. कुछ 18-21 साल की लड़कीयों जो की देखने में खूबसूरत तो होंगी मगर उनकी चुचियाँ निम्बू या संतरे के आकार की होती है. जवान लड़कियोँ की चुचियों का आकार कम से कम बेल या नारियल के फल जितना तो होना ही चाहिए. निम्बू तो चौदह-पंद्रह साल की छोकरियों पर अच्छा लगता है. कई बार ध्यान से देखने पर पता चल पाता है की पुशअप ब्रा पहन कर फुला कर घूम रही है.
इसी तरह कुछ की ऐसी ढीली और इतनी बड़ी-बड़ी होगी की देख कर मूड ख़राब हो जायेगा. लोगो का मुझे नहीं पता मगर मुझे तो एक साइज़ में ढली चूचियां ही अच्छी लगती है. शारीरिक अनुपात में ढली में हुई, ताकि ऐसा न लगे की पुरे बदन से भारी तो चूचियां है या फिर चूची की जगह पर सपाट छाती लिए घूम रही हो. सुन्दर मुखड़ा और नुकीली चुचियाँ ही लड़कियों को माल बनाती है.कई बार रसोई में या बाथरूम में काम समय मैंने देखा था की वो अपने पेटीकोट को उठा कर कमर में खोस लेती थी जिससे घुटने तक उसकी गोरी गोरी टांगे नंगी हो जाती थी. दीदी की पिंडलियाँ भी मांसल और चिकनी थी. वो हमेशा एक पतला सा पायल पहने रहती थी.
चुचियों के बारे में यही कह सकते है की इतने बड़े हो की आपकी हथेली में नहीं समाये पर इतने ज्यादा बड़े भी न हो की दो हाथो की हथेलियों से भी बाहर निकल जाये. कुल मिला कर ये कहे तो शरीर के अनुपात में हो. कुछ 18-21 साल की लड़कीयों जो की देखने में खूबसूरत तो होंगी मगर उनकी चुचियाँ निम्बू या संतरे के आकार की होती है. जवान लड़कियोँ की चुचियों का आकार कम से कम बेल या नारियल के फल जितना तो होना ही चाहिए. निम्बू तो चौदह-पंद्रह साल की छोकरियों पर अच्छा लगता है. कई बार ध्यान से देखने पर पता चल पाता है की पुशअप ब्रा पहन कर फुला कर घूम रही है.
इसी तरह कुछ की ऐसी ढीली और इतनी बड़ी-बड़ी होगी की देख कर मूड ख़राब हो जायेगा. लोगो का मुझे नहीं पता मगर मुझे तो एक साइज़ में ढली चूचियां ही अच्छी लगती है. शारीरिक अनुपात में ढली में हुई, ताकि ऐसा न लगे की पुरे बदन से भारी तो चूचियां है या फिर चूची की जगह पर सपाट छाती लिए घूम रही हो. सुन्दर मुखड़ा और नुकीली चुचियाँ ही लड़कियों को माल बनाती है.कई बार रसोई में या बाथरूम में काम समय मैंने देखा था की वो अपने पेटीकोट को उठा कर कमर में खोस लेती थी जिससे घुटने तक उसकी गोरी गोरी टांगे नंगी हो जाती थी. दीदी की पिंडलियाँ भी मांसल और चिकनी थी. वो हमेशा एक पतला सा पायल पहने रहती थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.