07-07-2022, 03:11 PM
मैं मुंबई में रहता था और वही एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करने के साथ कंप्यूटर कोर्स भी करता था.
मेरी बड़ी बहन भी वही रहती थी रहती थी. उसका पति एक प्राइवेट फर्म में काम करता था. अच्छा कमाता था, और उसने एक छोटा सा एक बेडरूम वाला फ्लैट ले रखा था. उनका घर छोटा होने के कारण मैं वहां नहीं रह सकता था. मगर उनके घर के पास ही मैंने भी एक कमरा किराये पर ले लिया था.
मेरी बहन का नाम कविता था. शादी के 4 साल बाद भी उसे कोई बच्चा नहीं था और शायद होने की सम्भावना भी नहीं थी. क्योंकि उसका पति थोड़ा सनकी किस्म का था . उसके दिमाग में पता नहीं कहाँ से अमीर बन ने का भूत सवार हो गया था. हालाँकि ये हमारे परिवार की जरुरत थी. वो हर समय दुबई जाने के बारे में बाते करता रहता था. हालाँकि दीदी उसकी इन बातो से कभी-कभी चिढ जाती थी मगर फिर भी वो उसके विचारो से सहमत थी.
फिर एक दिन ऐसा आया जब वो सच में दुबई चला गया. वहाँ उसे एक फर्म में नौकरी मिल गई थी. तब मैंने किराया बचाने और दीदी की सुविधा के लिए अपना किराये का कमरा छोड़ कर अपने आप को दीदी के एक बेडरूम फ्लैट में शिफ्ट कर लिया. ड्राइंग रूम के एक कोने में रखा हुआ दीवान मेरा बिस्तर बना और मैं उसी पर सोने लगा . दीदी अपने बेडरूम में सोती थी. एक ओर साइड में रसोइ और दूसरी तरफ लैट्रीन और बाथरूम.
मेरी बड़ी बहन भी वही रहती थी रहती थी. उसका पति एक प्राइवेट फर्म में काम करता था. अच्छा कमाता था, और उसने एक छोटा सा एक बेडरूम वाला फ्लैट ले रखा था. उनका घर छोटा होने के कारण मैं वहां नहीं रह सकता था. मगर उनके घर के पास ही मैंने भी एक कमरा किराये पर ले लिया था.
मेरी बहन का नाम कविता था. शादी के 4 साल बाद भी उसे कोई बच्चा नहीं था और शायद होने की सम्भावना भी नहीं थी. क्योंकि उसका पति थोड़ा सनकी किस्म का था . उसके दिमाग में पता नहीं कहाँ से अमीर बन ने का भूत सवार हो गया था. हालाँकि ये हमारे परिवार की जरुरत थी. वो हर समय दुबई जाने के बारे में बाते करता रहता था. हालाँकि दीदी उसकी इन बातो से कभी-कभी चिढ जाती थी मगर फिर भी वो उसके विचारो से सहमत थी.
फिर एक दिन ऐसा आया जब वो सच में दुबई चला गया. वहाँ उसे एक फर्म में नौकरी मिल गई थी. तब मैंने किराया बचाने और दीदी की सुविधा के लिए अपना किराये का कमरा छोड़ कर अपने आप को दीदी के एक बेडरूम फ्लैट में शिफ्ट कर लिया. ड्राइंग रूम के एक कोने में रखा हुआ दीवान मेरा बिस्तर बना और मैं उसी पर सोने लगा . दीदी अपने बेडरूम में सोती थी. एक ओर साइड में रसोइ और दूसरी तरफ लैट्रीन और बाथरूम.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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