07-07-2022, 02:01 PM
हम दोनों के मुँह से आह-आह निकल रही थी. मैंने उसकी गांड पे हाथ रखकर एक हाथ की एक उंगली उसकी गांड में पेल दी. इस तरह लंड चुत की चुदाई कर रहा था और उंगली से उसकी गांड की चुदाई हो रही थी.
करीब 5-7 मिनट इस पोजीशन में चोदने के बाद वो पेट के बल औंधी हो गयी. मैं पीछे से उसके ऊपर आ गया. उसकी चूत खुल गई थी, सो इस बार मैंने पूरी ताकत से उसकी चुत में लंड पेल दिया और अन्दर बाहर करने लगा.
वो मस्ती से चिल्लाए जा रही थी- आह बस पंकज ऐसे ही और तेज और तेज मुझे और चोदो आह … आआह्ह … और तेज … आज मेरी चुत को फाड़ दो …
अपना हिल स्टेशन मतलब अपनी गांड नीचे से उठा उठाकर वो भी ऊपर को धक्के मार रही थी. वो बोले जा रही थी- आई लव यू … मस्त है तुम्हारा लंड जान … बहुत मस्त है, आज मैं जन्नत में हूँ … बस मुझे चोदते रहो.
मैं भी दनादन लंड आगे पीछे कर रहा था और उसके पूरे शरीर को चूमते हुए चोदे जा रहा था
करीब 5-7 मिनट इस पोजीशन में चोदने के बाद वो पेट के बल औंधी हो गयी. मैं पीछे से उसके ऊपर आ गया. उसकी चूत खुल गई थी, सो इस बार मैंने पूरी ताकत से उसकी चुत में लंड पेल दिया और अन्दर बाहर करने लगा.
वो मस्ती से चिल्लाए जा रही थी- आह बस पंकज ऐसे ही और तेज और तेज मुझे और चोदो आह … आआह्ह … और तेज … आज मेरी चुत को फाड़ दो …
अपना हिल स्टेशन मतलब अपनी गांड नीचे से उठा उठाकर वो भी ऊपर को धक्के मार रही थी. वो बोले जा रही थी- आई लव यू … मस्त है तुम्हारा लंड जान … बहुत मस्त है, आज मैं जन्नत में हूँ … बस मुझे चोदते रहो.
मैं भी दनादन लंड आगे पीछे कर रहा था और उसके पूरे शरीर को चूमते हुए चोदे जा रहा था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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