07-07-2022, 02:00 PM
पर मैं रुका नहीं. मैंने एक और तेज धक्का मारा. अब मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया था. वो तेज स्वर में चिल्लाने की कोशिश करने लगी और रोने लगी.
वो बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकालो … जल्दी निकालो पंकज मैं मर जाउंगी.
मैं कुछ देर ऐसे ही रुक गया और उसको चूमने लगा. उसके एक मम्मे को मसलने लगा. अपना हाथ नीचे करके उसके चूतड़ों को सहलाने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने पर उसका दर्द थोड़ा कम हुआ. अब वो खुद हिलने लगी.
मैं उसको चूमते हुए धीरे धीरे लंड को चुत में अन्दर बाहर करने लगा. इस तरह धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक चला गया.
वो मस्ती से कहने लगी- पंकज, अब चोद दो मुझे.
मैं उसको पूरा पकड़ के तेज तेज धक्के मारने लगा.
वो चिल्लाने लगी- आह-आह … आह बस ऐसे ही और तेज पंकज …
मैं लंड को तेज-तेज चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. पूरे कमरे में फच-फच की आवाज़ गूँज रही थी.
थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और उसके मम्मों को अपनी छाती में लगाकर उसके गालों को चूमते हुए नीचे से तेज तेज धक्के देने लगा.
वो बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकालो … जल्दी निकालो पंकज मैं मर जाउंगी.
मैं कुछ देर ऐसे ही रुक गया और उसको चूमने लगा. उसके एक मम्मे को मसलने लगा. अपना हाथ नीचे करके उसके चूतड़ों को सहलाने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने पर उसका दर्द थोड़ा कम हुआ. अब वो खुद हिलने लगी.
मैं उसको चूमते हुए धीरे धीरे लंड को चुत में अन्दर बाहर करने लगा. इस तरह धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक चला गया.
वो मस्ती से कहने लगी- पंकज, अब चोद दो मुझे.
मैं उसको पूरा पकड़ के तेज तेज धक्के मारने लगा.
वो चिल्लाने लगी- आह-आह … आह बस ऐसे ही और तेज पंकज …
मैं लंड को तेज-तेज चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. पूरे कमरे में फच-फच की आवाज़ गूँज रही थी.
थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और उसके मम्मों को अपनी छाती में लगाकर उसके गालों को चूमते हुए नीचे से तेज तेज धक्के देने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
