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Adultery भाभी की बहन की बुर
#11
फिर मैंने लंड को चूसने के लिए कहा, वो थोड़ा ना-नुकर करने के बाद लंड चूसने लगी. थोड़ी देर में उसे भी लंड चूसने में मजा आने लगा. मुझे तो बहुत मजा आ ही रहा था. वो मेरे लंड के सुपारे को जीभ से चाट रही थी और जितना लंड उसके मुँह में जा सकता था, उतना अन्दर लेकर चूसे जा रही थी.

फिर वो कामुकता से बोली- अब बस करो, अब मुझे शांत कर दो.
मैं उसकी चाहत को समझ गया. मैं उसके ऊपर चढ़ गया, उसके मम्मे को मुँह में ले कर चूसने लगा और लंड को उसकी चुत पे रगड़ने लगा. उसकी चुत पूरी तरह गीली हुई पड़ी थी.
वो टांगें फैलाते हुए बोली- पंकज अब मत तड़पाओ … मुझे जल्दी से चोद दो.

मैंने अब अपने लंड में वैसलीन लगा ली और थोड़ी वैसलीन उसकी चुत पे लगाकर उसके ऊपर लंड सैट कर दिया. मुझे मालूम था कि गुब्बारा फटेगा तो तेज आवाज होगी, इसलिए मैंने उसके होंठों को अपने होंठ में दबा लिए और चूमने लगा.

मैंने लंड को उसकी चुत पे सैट कर दिया था. उसकी चूत की फांकें लंड लीलने को लपलपा रही थीं. मैंने लंड को रगड़ते हुए एक धक्का मारा. उसके मुँह से आह निकल गई.

वो तड़फने लगी और बोली- उई माँ … मर गई … पंकज बहुत दर्द हो रहा है … आह … मेरी फट जाएगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाभी की बहन की बुर - by neerathemall - 07-07-2022, 02:00 PM



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