07-07-2022, 02:00 PM
मैं अब दोनों मम्मों को हाथ से पकड़कर सहलाए जा रहा था और फिर तेज-तेज दबाने लगा. उसके एक मम्मे को मुँह में भर के चूस रहा था, दूसरे को हाथ से दबा रहा था. उसके निप्पल पे होंठ के बीच में रखकर दबाए जा रहा था और जीभ से चाट रहा था. कभी कभी उसके निप्पल को दांत से हल्के काट लेता था, वो पूरी तरह मदहोश हो गयी थी.
उसके गर्म हो जाने के बाद मैंने उसके पेट को चूमना तथा चूसना शुरू किया. मैं उसकी नाभि में अपना जीभ डालकर चूसने लगा. एक बार फिर से दीक्षा के पीछे जाकर उसकी पूरे पीठ को चूमते तथा चाटते हुए कमर तक आ गया. फिर मैंने उसके जीन्स को भी निकाल दिया.
वो अब केवल पैंटी में थी. पैंटी में वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी. मैं उसको अपनी गोद में उठाकर चूमते हुए बिस्तर पे ले आया और उसके पेट के बल लिटा दिया. मैंने उसकी नंगी जांघ पे चूमना शुरू कर दिया. उसकी मरमरी जांघ चूमते हुए जैसे ही उसके गांड तक पहुंचा, क्या मस्त खुशबू आ रही थी उसकी चुत से.
मैंने उसके पैंटी के ऊपर से उसके नितम्बों को मुँह में भर लिया और दबाते हुए दांत से हल्के हल्के काटने लगा. वो मस्ती में गांड ऊपर उठाए दे रही थी. मैंने उसकी पैंटी को दांत में पकड़ कर जांघ तक खिसका दिया और फिर एक झटके में उसकी पैंटी को निकाल दिया.
वो अब बिल्कुल नंगी हो गयी. मैंने भी अपना जीन्स और अंडरवियर निकाल दिया.
उसके गर्म हो जाने के बाद मैंने उसके पेट को चूमना तथा चूसना शुरू किया. मैं उसकी नाभि में अपना जीभ डालकर चूसने लगा. एक बार फिर से दीक्षा के पीछे जाकर उसकी पूरे पीठ को चूमते तथा चाटते हुए कमर तक आ गया. फिर मैंने उसके जीन्स को भी निकाल दिया.
वो अब केवल पैंटी में थी. पैंटी में वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी. मैं उसको अपनी गोद में उठाकर चूमते हुए बिस्तर पे ले आया और उसके पेट के बल लिटा दिया. मैंने उसकी नंगी जांघ पे चूमना शुरू कर दिया. उसकी मरमरी जांघ चूमते हुए जैसे ही उसके गांड तक पहुंचा, क्या मस्त खुशबू आ रही थी उसकी चुत से.
मैंने उसके पैंटी के ऊपर से उसके नितम्बों को मुँह में भर लिया और दबाते हुए दांत से हल्के हल्के काटने लगा. वो मस्ती में गांड ऊपर उठाए दे रही थी. मैंने उसकी पैंटी को दांत में पकड़ कर जांघ तक खिसका दिया और फिर एक झटके में उसकी पैंटी को निकाल दिया.
वो अब बिल्कुल नंगी हो गयी. मैंने भी अपना जीन्स और अंडरवियर निकाल दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)