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Incest Didi ke sath Bus me Hawas bhara Safar
#30
अब मैं अपने लुंड को दीदी की छुट पर उनकी पेंटी के ऊपर से ही रागदने लग गया। तबी मेरे लुंड से एक और कड़क चिज़ तकरै और मेरी नज़र सिद्ध दीदी के पिचे खड़े हम आदमी पर गी।

उसे भी मुझे देखा और हम दो समझ गए, हम दो क्या कर रहे हैं। उसे भी अपना लुंड अपनी पंत से निकला कर लिया था, और वो अपना नंगा लुंड दीदी की गंद पर रागद रहा था।

दोस्तो बस में बहुत ज्यादा थी, और सब लोग अपने में ही परशान थे। हमें सफर को सिरफ हम तीनो ही पुरा एन्जॉय कर रहे थे, उसका लुंड बार बार मेरे लुंड से तकरा था।

ये वो बहन छोड शायद जान भुज कर ऐसा कर रहा था। तबी मुझे अपने लुंड पर एक हाथ महसूस हुआ। मैंने देखा तो दीदी अपने दो हाथो से मुझे जोर से पके हुए थी।

तो मैंने हमें आदमी को देखा तो उसे मुझे एक नॉटी सी स्माइल दी। और मेरे लुंड को दीदी की छुट पर दबने लग गया। उसकी ये हरकत मुझे बहुत पसंद आई, और शायद दीदी को भी ये पसंद आई।

क्योकी दीदी भी सिस्किया ले रही थी, और तबी मैंने अपने कड़क लुंड पर कुछ कड़क कड़क महसूस किया। अब वो आदमी अपने लुंड का टोपा मेरे लुंड के टोपे से रागद रहा था। मैं समलैंगिक नहीं हूं और ना ही मेरे और ऐसी कुछ महसूस कर रहा हूं।

हमारे लिए समय उसकी ये हरकेत मुझे अच्छा लग रही थी। क्योकी मेरा लुंड दीदी की चुत की गरमी से झूला रहा था मेरे दिमाग में अब सही गलत समझ की शक्ति नहीं थी।

तबी मेरे लुंड पर एक जोर का झटका महसूस हुआ, और मैं और दीदी इससे दोनो शॉक और गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: Didi ke sath Bus me Hawas bhara Safar - by neerathemall - 07-07-2022, 01:14 PM



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