07-07-2022, 01:05 PM
हम दो जन्नत का एहसास कर रहे थे, और कफी बार बस के झटके लगे तो हम होंठ किस भी कर रहे थे। हमारी हिम्मत और माधोशी इतनी हो चुकी थी, की बस के छोटे छोटे झटको पर भी हम एक दसरे के होंठ को किस कर लेते हैं।
दोस्तो वो सफर ऐसा था की हमारा दिल ही नहीं कर रहा था, की ये सफर अब कभी खतम हो। बस एक हर एक झटके से हमारे दिल की धड़कन और सांसे तेज होती थी।
हमारे हाथ जोड़ी काम रहे थे, पर इसे हम रखना भी चाहते तो भी रोक नहीं पा रहे थे। हम दो एक दसरे में शुद्ध खोये हुए थे, और मेरे चेहरे पर दीदी की गरम सांसो की तपन और देखी पर दीदी के बड़े सॉफ्ट बूब्स का एहसास हुआ।
ऊपर से मेरे लुंड को दीदी की चुत की गरमी साफ महसूस हो रही थी, मेरे शुद्ध जिस्म में अब वर्तमान सा लग रहा था।
दोस्तो वो सफर ऐसा था की हमारा दिल ही नहीं कर रहा था, की ये सफर अब कभी खतम हो। बस एक हर एक झटके से हमारे दिल की धड़कन और सांसे तेज होती थी।
हमारे हाथ जोड़ी काम रहे थे, पर इसे हम रखना भी चाहते तो भी रोक नहीं पा रहे थे। हम दो एक दसरे में शुद्ध खोये हुए थे, और मेरे चेहरे पर दीदी की गरम सांसो की तपन और देखी पर दीदी के बड़े सॉफ्ट बूब्स का एहसास हुआ।
ऊपर से मेरे लुंड को दीदी की चुत की गरमी साफ महसूस हो रही थी, मेरे शुद्ध जिस्म में अब वर्तमान सा लग रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.