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Adultery बरसात में भीगीभाभी की चुदाई
#3
मैंने पूछा – क्या काम है?

भाभी बोली – जरा मेरे बालों से पानी सुखा दोगे?

मैंने कहा – क्यूँ नहीं!

भाभी सोफे पर बैठ गई. मैंने देखा बालों से पानी निकल कर उनके गोरे गालों पर बह रहा था.

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मैं भाभी के पीछे बैठ गया और उनको अपने पैरों के बीच में ले लिया और बालों को सुखाने लगा.

भाभी का गोरा और भीगने के बाद भी गर्म बदन मेरे पैरो में हलचल पैदा कर रहा था. बाल सुखाते हुए मैंने धीरे से उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया. भाभी ने कोई आपत्ति नहीं की. धीरे से मैंने उनकी कमर सहलानी शुरू कर दी.

तभी अचानक भाभी कहने लगी – मेरे बाल सूख गए हैं, अब में भीतर जा रही हूँ..

वो कमरे में चली गई पर मेरी साँस रुक गई, मैंने सोचा शायद कि भाभी को मेरे इरादे मालूम हो गए.

कमरे में जाकर भाभी ने अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए. जल्दी में भाभी ने दरवाजा बंद नहीं किया वो ड्रेसिंग मिरर के सामने खड़ी थी उन्होंने अपना एक एक कपड़ा उतार दिया.

मैंने अचानक देखा कि भाभी बड़ी गौर से अपने बदन को ऊपर से नीचे तक ताक रही थी. मेरा दिल अब और भी पागल हो रहा था और उस पर भी बारिश का मौसम. जैसे बाहर पड़ रही बूँदें मेरे तन बदन में आग लगा रही थी.

अबकी बार भाभी ने मुझे देख कर अनदेखा कर दिया. शायद यह मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात में भीगीभाभी की चुदाई - by neerathemall - 07-07-2022, 12:28 PM



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