07-07-2022, 12:13 PM
ख़तम करने क बाद वाशरूम जा कर साथ में नहाये और वापस घर क लिए निकल गए. उसे पीजी छोड कर में वापस घर गया और त्यार हो कर ऑफिस गया. शाम को ऑफिस के बाद उसे मेडिकल स्टोर से गोली ला कर दी ता की कुछ गड़बड़ न हो. नेक्स्ट डे उस ने मुझे ऑफिस के बाद उसे पीजी चलने को लिए बोला तो में चला गया और मुझे अपने रूम पर ले गयी. वहाँ पर उसने मेरी मुलाकात पीजी वाली आंटी से करवाई. वो भी कम कयामत नहीं थी तीखे नैन नख्स सुर्ख गुलाबी होंठ कड़क माल थी लग नहीं रहा था ये ४४ साल की है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.