07-07-2022, 12:07 PM
अब मेरी कहानी पर आते है. बात अभी २०२१ के शुरुआत की है. मेरी नयी जॉब लगी थी. और मुझे जॉब पर जाते हुए अभी एक महीना ही हुआ था और मैं अपनी टीम में सब से घुल मिल गया था. सब लोग अचे थे सब हसी मज़ाक किया करते थय. धीरे धीरे टाइम निकलता गया और मेरे काफी दोस्त भी बन गए थे ऑफिस में|
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
