06-07-2022, 03:36 PM
शहर में बहुत सारे रिश्तेदार होते है और ऐसे ही मेरे एक दूर के रिश्ते से ताऊजी थे, उनकी एक बेटी और बेटा था, उस बेटी का नाम दीपा जो कि मुझसे उम्र में थोड़ी बड़ी थी और लड़का राहुल जो मेरी ही उम्र का था और अब राहुल भी बाहर विदेश में अपनी पढ़ाई कर रहा है और पिछले कुछ सालों से वहीं पर रहने लगा था. में उस समय अपनी कॉलेज की पढ़ाई के लिए शहर पढ़ने गया हुआ था.
दोस्तों असली कहानी यहाँ से शुरू होती है और जब में शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करने आया तो अपने सभी रिश्तेदार से मिला और तब मैंने दीपा को वहां पर देखा तो में बिल्कुल चकित रह गया. उसके बूब्स बहुत बाहर आ चुके थे और बहुत मोटे मोटे दिखाई दे रहे थे. में तो उसे देखता ही रह गया, शायद उसने भी इस बात पर गौर कर लिया था. वो बोली कि तेरा ध्यान कहाँ है? तो मैंने कहा कि कहीं नहीं और ऐसे ही बहुत दिन गुज़र गये और फिर एक दिन में अपने पास के शहर से अपनी कार में वापस घर आ रहा था तो अचानक मुझे रोड पर दीपा और उसकी माँ और उसकी दो पड़ोसने दिखाई दी.
दोस्तों असली कहानी यहाँ से शुरू होती है और जब में शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करने आया तो अपने सभी रिश्तेदार से मिला और तब मैंने दीपा को वहां पर देखा तो में बिल्कुल चकित रह गया. उसके बूब्स बहुत बाहर आ चुके थे और बहुत मोटे मोटे दिखाई दे रहे थे. में तो उसे देखता ही रह गया, शायद उसने भी इस बात पर गौर कर लिया था. वो बोली कि तेरा ध्यान कहाँ है? तो मैंने कहा कि कहीं नहीं और ऐसे ही बहुत दिन गुज़र गये और फिर एक दिन में अपने पास के शहर से अपनी कार में वापस घर आ रहा था तो अचानक मुझे रोड पर दीपा और उसकी माँ और उसकी दो पड़ोसने दिखाई दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.