06-07-2022, 02:43 PM
रेखा दीदी वापस आई और बर्थ पर बैठकर बोली….. “राहुल अब जरा चुदाई करो अंदर काफ़ी खुजली हो रही है
(राहुल) बर्थ पर कुत्तिया बनोगी या खड़े-2. ” रेखा बर्थ पर कुत्तिया की तरह हो गयी तो मै उसके चिकने चूतड को चुमने लगा, उसके मांसल गांड़ पर थप्पड़ मारने लगा और बुर से लेकर गांड़ के दरार तक को जिभ से चाटने लगा ! मेरे मुसललंड़ को चुत की भुख लगी हुई थी तो मै उसके बुर के मुहाने पर सुपाड़ा को रखा और धीरे-2 पुरा लंड़ दीदी की बुर मे घुसाने लगा, आधा लंड़ अंदर जाते ही मै रेखा के कमर को कसकर पकड़ा और जोर से लंड़ पेल दिया ! रेखा की बुर मे मेरा मुसल लंड़ था तो वो चिंख पड़ी……. “ओह्हह कितना मोटा तेरा लंड़ है धीरे-2 चोद ना. “मै उसके चूतड की ओर से अपना मुसललंड़ बुर मे पेले चुदाई कर रहा था, तो रेखा अपने गांड़ को आगे पिच्हे करते हुए चुदाई का मजा ले रही थी ! रात के 12;30 बज रहे थे और हमदोनो का काम क्रिया चालु था, उसकी बुर अब आग हो चुकी थी और मै उसके सिने से लटकते बुब्स को मसल रहा था ! दीदी तेजी से सिसक रही थी तो मै पुरे गती से चोद रहा था, वो बोली…… “राहुल अब लंड़ का माल झाड़ो बुर जल रही है
(राहुल) बर्थ पर कुत्तिया बनोगी या खड़े-2. ” रेखा बर्थ पर कुत्तिया की तरह हो गयी तो मै उसके चिकने चूतड को चुमने लगा, उसके मांसल गांड़ पर थप्पड़ मारने लगा और बुर से लेकर गांड़ के दरार तक को जिभ से चाटने लगा ! मेरे मुसललंड़ को चुत की भुख लगी हुई थी तो मै उसके बुर के मुहाने पर सुपाड़ा को रखा और धीरे-2 पुरा लंड़ दीदी की बुर मे घुसाने लगा, आधा लंड़ अंदर जाते ही मै रेखा के कमर को कसकर पकड़ा और जोर से लंड़ पेल दिया ! रेखा की बुर मे मेरा मुसल लंड़ था तो वो चिंख पड़ी……. “ओह्हह कितना मोटा तेरा लंड़ है धीरे-2 चोद ना. “मै उसके चूतड की ओर से अपना मुसललंड़ बुर मे पेले चुदाई कर रहा था, तो रेखा अपने गांड़ को आगे पिच्हे करते हुए चुदाई का मजा ले रही थी ! रात के 12;30 बज रहे थे और हमदोनो का काम क्रिया चालु था, उसकी बुर अब आग हो चुकी थी और मै उसके सिने से लटकते बुब्स को मसल रहा था ! दीदी तेजी से सिसक रही थी तो मै पुरे गती से चोद रहा था, वो बोली…… “राहुल अब लंड़ का माल झाड़ो बुर जल रही है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.