06-07-2022, 02:42 PM
दीदी की ड़्नलप सी चूतड के निचे तकिया ड़ाला और उनके दोनो जङ्हा को दो दिशा मे करके अपना मुह्न उनके बुर पर लगा दिया, बुर को चुमता हुआ उसके जङ्हा को कसकर पकड़े हुए था और दीदी की बुर पर चुम्बन देता रहा, वो सिसकते हुए उंग़ली लगाकर बुर को फ़लका दी तो मेरा जिभ बुर को चाट्ने लगा ! रेखा की बुर 2 साल से चुद रही थी इसलिए बुर पुरी तरह से ढीली नही पड़ी थी और मेरा आधा जिभ बुर को चोदता हुआ मस्त हो रहा था, रेखा की बुर को चोदता हुआ उसके स्तन को भी मसलने लगा ! फ़िर क्या था रेखा जोर-2 से सिसकने लगी और फ़िर मेरा लंड़ बरमुड़ा के अंदर फ़नफ़नाने लगा, मै दीदी को अब चोदना चाहता था लेकिन वो मेरे लंड़ को चुसना चाह्ती थी ! रेखा दीदी मुझे लिटाकर अब मेरे कमर के पास बैठ गयी, वो मेरे बरमुड़ा को खोलकर लंड़ को थामी और सर झुककर चुमने लगी, रेखा मेरे लंड़ के सुपाड़ा को अपने ओंंठ पर रगड़्ने लगी और धीरे से पुरा लंड़ अपने मुह्न मे भर ली, वो लंड़ को मुह्न मे लेकर मुखमैथुन कर रही थी और मै अब दीदी को चोदने के लिये आतुर था! रेखा लंड़ को छोड़ अपने टोप्स को पहनी और स्कर्ट को ठीक करके बाथरूम गयी !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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