06-07-2022, 02:35 PM
(रेखा घुट्ने के बल होकर) आज साले तेरे लंड़ का मलाई भी मुह्न मे लुंग़ी
(राहुल) जरुर ले ने साली मुह्न मे. ” रेखा मेरे से नज़र मिलाते हुए लंड़ को चुमने लगी, वो लंड़ के चमड़ा को छिलकर सुपाड़ा को अपने चेहरे और ओंठ पर रगड़ने लगी ! फ़िर वो मेरे लंड़ को मुह्न मे भरकर चुसते हुए मस्त थी तो मै घांस पर खड़े-2 अपनी चचेरी बहन से लंड़ चटवाने लगा, वो मेरे लंड़ पर जिभ फ़ेरकर मस्त थी और पल भर बाद मेरे पुरे लंड़ को अपने मुह्न मे लेकर मुखमैथुन करने लगी, मेरा लंड़ पुरी तरह से गरम हो चुका था और मै रेखा के बाल को कसकर पकड़े उसकी मुह्न को अपने लंड़ से चोदने लगा ! लग्भग 3-4 मिनट तक रेखा की मुह्न को चोदा और फ़िर पास मे ही खड़े-2 मुतने लगा !
रेखा की बुर का सील 2-3 हफ़्ते पहले तोड़ा था, अब रेखा बाईक के सीट पर अपने कोहनी को रख आगे की ओर झुकी तो उसका मस्त चुत्तर मेरे लंड़ के सिध मे था, वो चौपाया जानवर की तरह खड़ी थी तो मै उसके नितम्ब के सामने लंड़ पकड़े खड़ा था, उसके स्कर्ट को कमर तक करके बुर के मुहाने को उङ्ली से कुरेदने लगा और फ़िर
गांड़ पर दो थप्पड़ भी लगा दिया तो रेखा….. “अबे साले चोदेगा या फ़िर हाईवे पर जाकर खड़ी हो जाउ
(राहुल सुपाड़ा को उसकी बुर के मुहाने पर रखा) अभी चोद्ता हु साली. ” और ये कहते हुए 1/2 लंड़ बुर मे पेल दिया, उसकी कसी हुई चुत मे मेरा आधा लंड़ घुस चुका था तो मै रेखा के कमर को थामे जोर का झट्का बुर मे दे दिया, मेरा पुरा लंड़ बुर के अंदर था और वो चिंख पड़ी…… “ऊऊउ बाप रे मेरा बुर फ़ाड़ देगा क्या, कितना मोटा लंड़ है तुम्हारा
(राहुल) चुपकर बे साली चुदा ना गांड़ हिला रंड़ी कहि की. ” अब मै तेज गति से रेखा को चोद रहा था तो वो अपने चुत्तर को हिलाने लगी, 4-5 मिनट की चुदाई के बाद रेखा की बुर गिली हो गयी तो मै लंड़ को बुर से निकाल लिया और फ़िर उसके चुत्तर के सामने बैठ्कर बुर को चाट्ने लगा !
रेखा बुर को पानी से साफ़ करके घास पर बैठ गयी और फ़िर घास पर लेट्कर मुझे चोदने का न्योता दी ! मै उसके जङ्हा के बिच बैठे अपना लंड़ उसकी चुत मे ड़ाल दिया और गिलि चुत मे पुरा लंड़ पेले उसके बदन पर औंध गया, मेरा लंड़ बुर के अंदर बाहर तेजी से होने लगा तो रेखा अपने गांड़ को उपर निचे करने लगी, लग्भग 12-14 मिनट कि चुदाई के बाद मै चिंख पड़ा…. “ले बे साली अपने बुर को विर्य पीला. ” और लंड़ से विर्य की तेज धार बुर मे छुट पड़ी, हमदोनो आराम करने के बाद घर वापस
(राहुल) जरुर ले ने साली मुह्न मे. ” रेखा मेरे से नज़र मिलाते हुए लंड़ को चुमने लगी, वो लंड़ के चमड़ा को छिलकर सुपाड़ा को अपने चेहरे और ओंठ पर रगड़ने लगी ! फ़िर वो मेरे लंड़ को मुह्न मे भरकर चुसते हुए मस्त थी तो मै घांस पर खड़े-2 अपनी चचेरी बहन से लंड़ चटवाने लगा, वो मेरे लंड़ पर जिभ फ़ेरकर मस्त थी और पल भर बाद मेरे पुरे लंड़ को अपने मुह्न मे लेकर मुखमैथुन करने लगी, मेरा लंड़ पुरी तरह से गरम हो चुका था और मै रेखा के बाल को कसकर पकड़े उसकी मुह्न को अपने लंड़ से चोदने लगा ! लग्भग 3-4 मिनट तक रेखा की मुह्न को चोदा और फ़िर पास मे ही खड़े-2 मुतने लगा !
रेखा की बुर का सील 2-3 हफ़्ते पहले तोड़ा था, अब रेखा बाईक के सीट पर अपने कोहनी को रख आगे की ओर झुकी तो उसका मस्त चुत्तर मेरे लंड़ के सिध मे था, वो चौपाया जानवर की तरह खड़ी थी तो मै उसके नितम्ब के सामने लंड़ पकड़े खड़ा था, उसके स्कर्ट को कमर तक करके बुर के मुहाने को उङ्ली से कुरेदने लगा और फ़िर
गांड़ पर दो थप्पड़ भी लगा दिया तो रेखा….. “अबे साले चोदेगा या फ़िर हाईवे पर जाकर खड़ी हो जाउ
(राहुल सुपाड़ा को उसकी बुर के मुहाने पर रखा) अभी चोद्ता हु साली. ” और ये कहते हुए 1/2 लंड़ बुर मे पेल दिया, उसकी कसी हुई चुत मे मेरा आधा लंड़ घुस चुका था तो मै रेखा के कमर को थामे जोर का झट्का बुर मे दे दिया, मेरा पुरा लंड़ बुर के अंदर था और वो चिंख पड़ी…… “ऊऊउ बाप रे मेरा बुर फ़ाड़ देगा क्या, कितना मोटा लंड़ है तुम्हारा
(राहुल) चुपकर बे साली चुदा ना गांड़ हिला रंड़ी कहि की. ” अब मै तेज गति से रेखा को चोद रहा था तो वो अपने चुत्तर को हिलाने लगी, 4-5 मिनट की चुदाई के बाद रेखा की बुर गिली हो गयी तो मै लंड़ को बुर से निकाल लिया और फ़िर उसके चुत्तर के सामने बैठ्कर बुर को चाट्ने लगा !
रेखा बुर को पानी से साफ़ करके घास पर बैठ गयी और फ़िर घास पर लेट्कर मुझे चोदने का न्योता दी ! मै उसके जङ्हा के बिच बैठे अपना लंड़ उसकी चुत मे ड़ाल दिया और गिलि चुत मे पुरा लंड़ पेले उसके बदन पर औंध गया, मेरा लंड़ बुर के अंदर बाहर तेजी से होने लगा तो रेखा अपने गांड़ को उपर निचे करने लगी, लग्भग 12-14 मिनट कि चुदाई के बाद मै चिंख पड़ा…. “ले बे साली अपने बुर को विर्य पीला. ” और लंड़ से विर्य की तेज धार बुर मे छुट पड़ी, हमदोनो आराम करने के बाद घर वापस
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
