06-07-2022, 02:35 PM
नदिनो मेरी चचेरी बहन रेखा कानपुर के एक कोचिंग़ मे अध्यनरत है, वो एक गर्लस होस्टल मे रह्ती है और हमदोनो का मिलना जुलना लगा ही रह्ता है ! रेखा की उम्र 18-19 साल की है और उसके सुंदर मुख़ड़े पर कई लड़्के दिवाने है, गोरा रंग़, 5 फ़ीट 5 इंच की लम्बाई, सुड़ोल बदन, छाती पर लगे दो संतरे समान चुचि, मांसल उभार वाली चुत्तर और अंदर के हिस्से का क्या कहना ! रेखा की चिकनी चुत, उसके दोनो फ़ुले हुए फ़ांक मेरे लंड़ को टाईट कर देते थे, उसकी बुर का सील मैने ही भंग़ किया था ! एक सुबह मेरे मोबाईल पर रेखा का काल आया……. “हेलो राहुल कैसे हो ?
(राहुल) ठीक हु और तुम आज कल काफ़ी ब्यस्त हो
(रेखा) नही राहुल तुम तो दो हफ़्ते से मेरे पास मिलने भी नही आए हो
(राहुल) बुआ के घर गया था, अभी फ़्री हो क्या
(रेखा) बिल्कुल आओ फ़िर चलते है घुमने फ़िरने. ”
मै कालेज के लिये तैयार हुआ और सिधे गर्लस हास्टल पहुंच गया, रेखा मेरा इंतज़ार कर रही थी और उसको मिनी स्कर्ट….. टोप्स मे देख मन तड़प उठा, उसके स्कर्ट आधे जङ्हा तक को ढके हुए थे तो वो मेरे से चिपककर बाईक पर बैठ गयी ! मेरे कमर पर हाथ लगाए वो अपने एक स्तन को मेरे पिठ से रगड़ रही थी, मै बाईक को देल्ही -कानपुर हाईवे पर चला रहा था, 11:00 बजे के आसपास हमदोनो उसी नदी के किनारे थे जहा अक्सर हमदोनो मजा किया करते थे ! बाईक से उतरकर हमदोनो घास पर बैठे और मै रेखा को अपने गोद मे बिठा लिया, वो अपने दोनो पैर को मेरे कमर से लपेटे मुझे जकड़ रखी थी तो मै उसके पिठ को अपने बाहो के घेरे मे ले रखा था ! रेखा मेरे चेहरे पर चुम्बन देने लगी तो मै उसके नग्न जङ्हा को सहला रहा था, उसकी स्कर्ट काफ़ी उपर कि ओर हो चुकी थी, तभी रेखा अपना जिभ मेरे मुह्न मे ड़ाल दी तो मै उसकी जिभ चुसता हुआ उसके स्कर्ट को कमर तक कर दिया ! उसके नग्न गांड़ को सहला रहा था तो रेखा मेरे छाति से अपने दोनो स्तन को रगड़ रही थी, पल भर बाद अपने जिभ को मेरे मुह्न से निकाली, अब मै रेखा के पेंटी के हूक को खोल दिया तो रेखा उसको निकाल कर अपने पर्स मे रख ली !
रेखा अब मेरे सामने खड़ी हो गयी और उसके स्कर्ट को कमर तक करके मै उसके दोनो पैर को दो दिशा मे कर दिया, उसकी चमकती चुत पर चुम्बन देता हुआ उसके चुत्तर को सहला रहा था ! उसकी बुर पर हल्के रोये उग आए थे और मै अब अपना जिभ उसके बुर की दरार मे रगड़ने लगा तो रेखा उङ्ली की मदद से बुर को फ़लका दी, अब मेरा जिभ बुर को कुरेद रहा था तो रेखा सिसकने लगी…… “ऊह्हह आह्हह्हह ऊम्मम्म राहुल मेरी बुर मे कितनी खुजली हो रही है. “लेकिन मै तो कुत्ते की तरह रेखा की बुर चाटता रह गया ! मेरा लंड़ चड़्ही के अंदर खम्बे की तरह खड़ा हो चुका था, तो मै उसकी बुर के दोनो फ़ांक को मुह्न मे भरकर चुभलाने लगा, पल भर बाद उसकी बुर को छोड़ा तो रेखा मेरे से थोड़ी दुरि पर जाकर बैठ गयी और छरछर मुतने लगी ! वो मेरे करीब आकर बैठी तो मै उसके गोलाई पर हाथ रखकर चुची मसलने लगा और रेखा मेरे जिंस को खोलने लगी, अब मेरा लंड़ रेखा के मुठ्ही मे था और वो मुझे बोली…… “राहुल जरा खड़ा तो हो जाओ
(मै खड़ा हो गया) ये लो रेखा ड़ार्लिंग़ जमकर मेरा लंड़ चुसो
(राहुल) ठीक हु और तुम आज कल काफ़ी ब्यस्त हो
(रेखा) नही राहुल तुम तो दो हफ़्ते से मेरे पास मिलने भी नही आए हो
(राहुल) बुआ के घर गया था, अभी फ़्री हो क्या
(रेखा) बिल्कुल आओ फ़िर चलते है घुमने फ़िरने. ”
मै कालेज के लिये तैयार हुआ और सिधे गर्लस हास्टल पहुंच गया, रेखा मेरा इंतज़ार कर रही थी और उसको मिनी स्कर्ट….. टोप्स मे देख मन तड़प उठा, उसके स्कर्ट आधे जङ्हा तक को ढके हुए थे तो वो मेरे से चिपककर बाईक पर बैठ गयी ! मेरे कमर पर हाथ लगाए वो अपने एक स्तन को मेरे पिठ से रगड़ रही थी, मै बाईक को देल्ही -कानपुर हाईवे पर चला रहा था, 11:00 बजे के आसपास हमदोनो उसी नदी के किनारे थे जहा अक्सर हमदोनो मजा किया करते थे ! बाईक से उतरकर हमदोनो घास पर बैठे और मै रेखा को अपने गोद मे बिठा लिया, वो अपने दोनो पैर को मेरे कमर से लपेटे मुझे जकड़ रखी थी तो मै उसके पिठ को अपने बाहो के घेरे मे ले रखा था ! रेखा मेरे चेहरे पर चुम्बन देने लगी तो मै उसके नग्न जङ्हा को सहला रहा था, उसकी स्कर्ट काफ़ी उपर कि ओर हो चुकी थी, तभी रेखा अपना जिभ मेरे मुह्न मे ड़ाल दी तो मै उसकी जिभ चुसता हुआ उसके स्कर्ट को कमर तक कर दिया ! उसके नग्न गांड़ को सहला रहा था तो रेखा मेरे छाति से अपने दोनो स्तन को रगड़ रही थी, पल भर बाद अपने जिभ को मेरे मुह्न से निकाली, अब मै रेखा के पेंटी के हूक को खोल दिया तो रेखा उसको निकाल कर अपने पर्स मे रख ली !
रेखा अब मेरे सामने खड़ी हो गयी और उसके स्कर्ट को कमर तक करके मै उसके दोनो पैर को दो दिशा मे कर दिया, उसकी चमकती चुत पर चुम्बन देता हुआ उसके चुत्तर को सहला रहा था ! उसकी बुर पर हल्के रोये उग आए थे और मै अब अपना जिभ उसके बुर की दरार मे रगड़ने लगा तो रेखा उङ्ली की मदद से बुर को फ़लका दी, अब मेरा जिभ बुर को कुरेद रहा था तो रेखा सिसकने लगी…… “ऊह्हह आह्हह्हह ऊम्मम्म राहुल मेरी बुर मे कितनी खुजली हो रही है. “लेकिन मै तो कुत्ते की तरह रेखा की बुर चाटता रह गया ! मेरा लंड़ चड़्ही के अंदर खम्बे की तरह खड़ा हो चुका था, तो मै उसकी बुर के दोनो फ़ांक को मुह्न मे भरकर चुभलाने लगा, पल भर बाद उसकी बुर को छोड़ा तो रेखा मेरे से थोड़ी दुरि पर जाकर बैठ गयी और छरछर मुतने लगी ! वो मेरे करीब आकर बैठी तो मै उसके गोलाई पर हाथ रखकर चुची मसलने लगा और रेखा मेरे जिंस को खोलने लगी, अब मेरा लंड़ रेखा के मुठ्ही मे था और वो मुझे बोली…… “राहुल जरा खड़ा तो हो जाओ
(मै खड़ा हो गया) ये लो रेखा ड़ार्लिंग़ जमकर मेरा लंड़ चुसो
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.