06-07-2022, 02:26 PM
एक दिन मैंने अपने एक दोस्त से यह बात कही कि मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता है, तो वह कहने लगा कि तुम एक काम क्यों नहीं कर लेते तुम अपने घर के कागज गिरवी रख दो। मैंने सोचा नहीं था कि मुझे अपने घर के कागज गिरवी रखने पड़ेंगे मेरे दोस्त ने मुझे पैसे दिलवा दिये लेकिन मैं बहुत ज्यादा तकलीफ में था और मेरी तकलीफ का कारण सिर्फ एक ही था कि मुझे बैंक के पैसे जल्दी से जल्दी चुकता करने थे। मुझे पैसे मिल गए थे तो मैंने बैंक के सारे पैसे चुका दिए, मेरे सर से एक टेंशन तो दूर हो चुकी थी लेकिन मेरे ऊपर अभी भी टेंशन थी कि मैं अब घर के कागज कैसे लूंगा मैं अब दोनों तरफ से ही फंस चुका था, मैंने बहुत कोशिश की लेकिन मैने जिससे पैसे लिए थे मैं उनके पैसे नहीं लौटा पाया और इसीलिए मैंने अपने घर को बेचने की सोची। मैंने जब अपना घर बेचने की बात कि तो मुझे उसके सही दाम नहीं मिले, मेरे पास थोड़े बहुत पैसे बचे थे मेरे पास ज्यादा पैसे तो नहीं थे, उस समय मैंने एक छोटी सी दुकान खोली दुकान से मुझे थोड़ा बहुत पैसा तो मिल जाया करता लेकिन वह मेरे लिए पर्याप्त नहीं था क्योंकि मुझे अपने बच्चों की फीस देनी थी मेरी तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए, मेरे भैया ने भी मेरा साथ छोड़ दिया और उन्होंने मुझे कहा कि तुम्हें जो करना है तुम अपने हिसाब से देख लो।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
