06-07-2022, 02:13 PM
(06-07-2022, 01:55 PM)neerathemall Wrote: फिर राजेश ने अपना मोटा खीरे जैसा लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और जल्दी जल्दी मेरी चूत चाटने लगा। आह मेरे जिस्म में कामवासना की आग लग चुकी थी। दोस्तों मैं अब और चुदाना चाहती थी। राजेश जल्दी जल्दी मेरी चूत को पी रहा था। मेरी चूत के भीतर उसकी जीभ घुसी जा रही थी।मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाजे निकाल रही थी। मेरे चूत के दाने को राजेश दांत से काट रहा था और शरारत में उपर उठा लेता था।
मेरी तो जान ही निकल रही थी। राजेश तो मेरी चूत को खा ही लेना चाहता था। मेरी चूत बहुत गुलाबी थी। बहुत खूबसूरत लग रही थी। साफ़ था की राजेश मुझे और जादा चोदना चाहता था। मेरी चूत को उसने 10 मिनट पीया, फिर मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा। राजेश के तेज धक्के से मेरी दोनों खूबसूरत चूचियां हिलने लगी तो मेरे बड़े भाई ईशान ने मेरे चूचियां पकड़ ली और सहलाने लगा, दबाने लगा। ईशान ने अपना 5” का लंड एक बार फिर से मेरे मुंह में दे दिया।
किसी रंडी की तरह मैं चूसने लगी। फिर हाथ से फेटने लगी। उधर राजेश जल्दी जल्दी मेरी चूत बजा रहा था। मैं तडप रही थी। कुछ देर उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। राजेश ने मुझे कुल 20 मिनट चोदा, फिर जल्दी से लंड मेरी चूत से निकाल लिया। दोनों भाई अब मेरे मुंह के सामने लंड अपने अपने हाथ से फेटने लगे। कुछ देर बाद दोनों के लंड से माल निकला और सीधा मेरे मुंह में चला गया। दोनों का माल मैं चाट गयी और पी गयी। मुझे आज बहुत अच्छा लगा था। आज का दिन मेरी जिन्दगी का सबसे शानदार दिन था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
