06-07-2022, 01:50 PM
मैं फिर से “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की मीठी आवाजे निकालने लगी। मैं लम्बी लम्बी सिस्कारियां लेने लगी। अब मैं अपने दूसरे भाई का लंड खा रही थी। राजेश ने मेरी चूत की पिच पर शानदार बैटिंग की। मुझे पेल पेलकर मेरी चुद्दी फाड़ के रख दी। मेरी चूत की एक एक सिलाई राजेश भाई ने खोल दी। मैं पागल हो रही थी। सूखे पत्ते की तरह कांप रही थी। मेरे पूरा जिस्म में सनसनी हो रही थी। राजेश का लंडमेरी चूत को किसी धोबी की तरह धो रहा था। उसकी कुटाई कर रहा था। राजेश भाई के शानदार धक्के से मैं सोफे पर चुद रही थी और सोफे से चू चूं की आवाज निकल रही थी।
![[Image: 92661448_189_3a79.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/97/92661448/92661448_189_3a79.jpg)
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![[Image: 92661448_170_8921.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/97/92661448/92661448_170_8921.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
