05-07-2022, 04:32 PM
वो कुछ प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी लेकिन उसकी सांसें अब सामान्य नहीं थीं जैसे कि सोते हुए हुआ करती हैं. वो जाग चुकी थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी.
मैंने हिम्मत करके उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया और उनको दबाने लगा. वो कुछ नहीं बोल रही थी मगर उसकी सांसें अब भारी हो गयी थीं. मैं समझ गया कि उसको अपनी चूची दबवाने में मजा आ रहा है.
कुछ देर तक उसके बूब्स को दबाने के बाद वो पलट गयी और उसने खुद ही मेरे हाथों को अपनी चूचियों पर दबाना शुरू कर दिया. अब तो सब कुछ क्लियर हो गया था. मैं अपनी बहन के ऊपर लेट गया और उसके होंठों पर अपने होंठ ही रख दिये.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा. वो भी ऊंहह … उंहहह करके सिसकारी लेते हुए अपना मजा जाहिर करने लगी. मैं उसकी चूचियों को पीने लगा और उसने मेरे मुंह को अपने बूब्स में दबा लिया.
अब मेरे हाथ उसकी चड्डी की ओर बढ़े. मैंने उसकी चड्डी को उतारना चाहा और उसमें हाथ दिया तो अंदर भी एक कपड़े जैसा कुछ लगा हुआ था. मुझे पता लग गया कि मेरी बहन के पीरियड्स चल रहे हैं.
फिर मैंने उसकी चड्डी को नहीं छेड़ा. मैं दोबारा से उसके दूधों को पीने लगा. उसके दूधों को कस कर दबाने लगा. अब मेरी बहन भी मेरे साथ खुल कर दूध दबवा रही थी और सिसकारियां निकाल रही थी.
मैंने हिम्मत करके उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया और उनको दबाने लगा. वो कुछ नहीं बोल रही थी मगर उसकी सांसें अब भारी हो गयी थीं. मैं समझ गया कि उसको अपनी चूची दबवाने में मजा आ रहा है.
कुछ देर तक उसके बूब्स को दबाने के बाद वो पलट गयी और उसने खुद ही मेरे हाथों को अपनी चूचियों पर दबाना शुरू कर दिया. अब तो सब कुछ क्लियर हो गया था. मैं अपनी बहन के ऊपर लेट गया और उसके होंठों पर अपने होंठ ही रख दिये.
मैं उसके होंठों को चूसने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा. वो भी ऊंहह … उंहहह करके सिसकारी लेते हुए अपना मजा जाहिर करने लगी. मैं उसकी चूचियों को पीने लगा और उसने मेरे मुंह को अपने बूब्स में दबा लिया.
अब मेरे हाथ उसकी चड्डी की ओर बढ़े. मैंने उसकी चड्डी को उतारना चाहा और उसमें हाथ दिया तो अंदर भी एक कपड़े जैसा कुछ लगा हुआ था. मुझे पता लग गया कि मेरी बहन के पीरियड्स चल रहे हैं.
फिर मैंने उसकी चड्डी को नहीं छेड़ा. मैं दोबारा से उसके दूधों को पीने लगा. उसके दूधों को कस कर दबाने लगा. अब मेरी बहन भी मेरे साथ खुल कर दूध दबवा रही थी और सिसकारियां निकाल रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.