05-07-2022, 04:31 PM
मैंने धीरे धीरे से अपनी बहन के बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. मैं बहुत ही हल्के हाथ से दबा रहा था. आहिस्ता से उसके चूचों को मसल मसल कर मजा ले रहा था.
वो अब भी कुछ नहीं बोल रही थी. शायद गहरी नींद में थी, यही सोच कर मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गयी. मैं अपनी बहन की स्कर्ट को ऊपर सरकाने लगा. धीरे धीरे सरकाते हुए उसकी पैंटी मेरे हाथों पर टच हो गयी. मैं वहीं पर रुक गया.
अब मुझे उसकी शर्ट का बटन खोलना था ताकि मैं उसके दूधों को हाथ में ले सकूं.
मगर ये इतना आसान नहीं था. मुझे डर लग रहा था कि अगर ये जाग गयी तो सारा काम खराब हो जायेगा और हो सकता था कि वो मेरे पिताजी को भी मेरी हरकत के बारे में बता दे.
मैं अब नींद का नाटक करते हुए आगे बढ़ने लगा. मैंने नींद का नाटक करते हुए उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया. उसने मेरे हाथ को अच्छे से पकड़ लिया. नींद में शायद वो सोच रही थी कि ये हाथ मम्मी का है.
इसी का फायदा उठा कर मैं उसके शर्ट के बटन खोलने लगा. धीरे धीरे करते हुए मैंने उसकी शर्ट के तीन बटन खोल दिये. मगर लाइट बंद होने के कारण मैं अपनी बहन के बूब्स को नहीं देख पा रहा था. मैं बस उसके दूधों को सहला पा रहा था.
वो अब भी कुछ नहीं बोल रही थी. शायद गहरी नींद में थी, यही सोच कर मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गयी. मैं अपनी बहन की स्कर्ट को ऊपर सरकाने लगा. धीरे धीरे सरकाते हुए उसकी पैंटी मेरे हाथों पर टच हो गयी. मैं वहीं पर रुक गया.
अब मुझे उसकी शर्ट का बटन खोलना था ताकि मैं उसके दूधों को हाथ में ले सकूं.
मगर ये इतना आसान नहीं था. मुझे डर लग रहा था कि अगर ये जाग गयी तो सारा काम खराब हो जायेगा और हो सकता था कि वो मेरे पिताजी को भी मेरी हरकत के बारे में बता दे.
मैं अब नींद का नाटक करते हुए आगे बढ़ने लगा. मैंने नींद का नाटक करते हुए उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया. उसने मेरे हाथ को अच्छे से पकड़ लिया. नींद में शायद वो सोच रही थी कि ये हाथ मम्मी का है.
इसी का फायदा उठा कर मैं उसके शर्ट के बटन खोलने लगा. धीरे धीरे करते हुए मैंने उसकी शर्ट के तीन बटन खोल दिये. मगर लाइट बंद होने के कारण मैं अपनी बहन के बूब्स को नहीं देख पा रहा था. मैं बस उसके दूधों को सहला पा रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.