05-07-2022, 04:31 PM
अब हम अकेले हो गये थे. दस दिन तक घर में हम अकेले रहने वाले थे और ये सोच सोच कर मैं खुश भी हो रहा था. मुझे पता था कि सबके जाने के बाद हम एक ही रूम में सोयेंगे.
मेरी छोटी बहन अकेले नहीं सोती थी. उसको अकेले सोने में डर लगता था और इसी बात का मुझे फायदा उठाना था. पहले ही दिन मैंने सोच लिया था कि आज बहन की चूत को एक बार तो जरूर छूकर देखूंगा.
रात का खाना होने के बाद हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेट गये. बेड बड़ा था इसलिए कोई दिक्कत नहीं थी. मैं अपनी बहन को चोदने के बारे में ही सोच रहा था. जब वो सो गयी तो मैंने अपना कम्बल जानबूझ कर नीचे गिरा दिया और मैं उसी के कम्बल में घुस गया.
फिर वो जाग गयी और उठ कर देखने लगी. उसने मेरा कम्बल नीचे गिरा हुआ पाया और वो बिना कुछ बोले फिर से लेट कर सोने लगी. कुछ देर के बाद मैंने अपनी हरकत शुरू कर दी.
धीरे धीरे मैं अपनी बहन के बदन को छूने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. हिम्मत करके मैंने उसके पेट पर अपना हाथ रख दिया. उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया. फिर मैं धीरे धीरे हाथ को फिराने लगा.
अब मेरा हाथ मेरी बहन के बूब्स की ओर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं हाथ को उसके दूधों तक ले गया और फिर आहिस्ता से हाथ उसके बूब्स पर रख दिया. उसने ब्रा पहनी हुई लगा रही थी. मुझे बहुत उत्तेजना होने लगी. मैं हाथ को ऐसे रखे नहीं रह सका.
मेरी छोटी बहन अकेले नहीं सोती थी. उसको अकेले सोने में डर लगता था और इसी बात का मुझे फायदा उठाना था. पहले ही दिन मैंने सोच लिया था कि आज बहन की चूत को एक बार तो जरूर छूकर देखूंगा.
रात का खाना होने के बाद हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेट गये. बेड बड़ा था इसलिए कोई दिक्कत नहीं थी. मैं अपनी बहन को चोदने के बारे में ही सोच रहा था. जब वो सो गयी तो मैंने अपना कम्बल जानबूझ कर नीचे गिरा दिया और मैं उसी के कम्बल में घुस गया.
फिर वो जाग गयी और उठ कर देखने लगी. उसने मेरा कम्बल नीचे गिरा हुआ पाया और वो बिना कुछ बोले फिर से लेट कर सोने लगी. कुछ देर के बाद मैंने अपनी हरकत शुरू कर दी.
धीरे धीरे मैं अपनी बहन के बदन को छूने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. हिम्मत करके मैंने उसके पेट पर अपना हाथ रख दिया. उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया. फिर मैं धीरे धीरे हाथ को फिराने लगा.
अब मेरा हाथ मेरी बहन के बूब्स की ओर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं हाथ को उसके दूधों तक ले गया और फिर आहिस्ता से हाथ उसके बूब्स पर रख दिया. उसने ब्रा पहनी हुई लगा रही थी. मुझे बहुत उत्तेजना होने लगी. मैं हाथ को ऐसे रखे नहीं रह सका.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
